अम्बाला (Ambala) भारत के हरियाणा राज्य के अम्बाला ज़िले में स्थित एक नगर व नगरनिगम है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है और राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली, से लगभग 200 किमी उत्तर में है। यहाँ सिन्धु नदी का जलसम्भर क्षेत्र और गंगा नदी का जलसम्भर मिलता है, और अम्बाला पंजाब राज्य की सीमा से सटा हुआ है। राज्य सीमा के पार समीप ही पटियाला नगर है। अम्बाला लम्बे काल से भारतीय सेना की एक प्रमुख छावनी रही है iऔर दो भागों में विभाजित है - अम्बाला छावनी और अम्बाला नगर, जो एक-दूसरे से लगभग 8 किमी दूर हैं। अम्बाला दो नदियों से घिरा है, उत्तर में घग्गर नदी और दक्षिण में टांगरी नदी। श्रीनगर से कन्याकुमारी जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 44 यहाँ से गुज़रता है। भौगोलिक स्थिति के कारण पर्यटन कें क्षेत्र में भी अम्बाला का महत्वपूर्ण स्थान है।[1][2][3]
अम्बाला Ambala | |
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अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन | |
निर्देशांक: 30.38°N 76.78°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | हरियाणा |
ज़िला | अम्बाला ज़िला |
स्थापना | 14वीं शताब्दी |
संस्थापक | अम्बा राजपूत |
नाम स्रोत | अम्बा देवी |
ऊँचाई | 264 मी (866 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,07,934 |
भाषा | |
• प्रचलित | हरियाणवी, पंजाबी, हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 1330xx, 1340xx |
दूरभाष कोड | 0171 |
नामोत्पत्ति
अम्बाला नाम की उत्पत्ति शायद महाभारत की अम्बालिका के नाम से हुई होगी। आज के जमाने में अम्बाला अपने विज्ञान सामग्री उत्पादन व मिक्सी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। अम्बाला को विज्ञान नगरी कह कर भी पुकारा जाता है कयोंकि यहां वैज्ञानिक उपकरण उद्योग केंद्रित है। भारत के वैज्ञानिक उपकरणों का लगभग चालीस प्रतिशत उत्पादन अम्बाला में ही होता है। एक अन्य मत यह भी है कि यहां पर आमों के बाग बगीचे बहुत थे, जिससे इस का नाम अम्बा वाला अर्थात् अम्बाला पड़ गया।
इतिहास
अम्बाला की स्थापना अम्बा नामक राजपूत शाशक ने की कुछ लोगों का मानना है। अम्बाला अंबिका माता का मंदिर होने के कारण इसका नाम अंबाला पड़ा कुछ लोगों का मानना है कि यहाँ आम की पैदावार अधिक होती थी इस लिए इसे अम्बवाला कहा जाता था, जो अब अंबाला बन गया।
हरियाणा राज्य का अम्बाला जिला एक ऐतिहासिक प्रसिद्ध जिलों में से एक है। ब्रिटिश काल के दौरान ए.सी. कनिंगहैम और सी रॉजर्स द्वारा और बाद में बी.बी.लाल और कई अन्य लोगों द्वारा जिला का पता लगाया गया। विभिन्न साहित्यिक और पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर अंबाला जिले का संस्कृति और इतिहास की रूपरेखा देना संभव है।
भूगोल
अंबाला नगर, सिंधु तथा गंगा नदी तंत्रो के बीच जल विभाजक पर स्थित है। अंबाला से सुंदरवन तक मैदान की लम्बाई 1,800 कि०मी० है। यहाँ से चण्डीगढ़ 47 किमी उत्तर, कुरुक्षेत्र 50 किमी दक्षिण, शिमला 148 किमी पूर्वोत्तर, अमृतसर 260 किमी पश्चिमोत्तर और दिल्ली198 किमी दक्षिण में स्थित हैं।
शिक्षा
अम्बाला छावनी में सनातन धर्म कालेज, आर्य कन्या महाविद्यालय, गांधी स्मारक कॉलेज तथा राजकीय महाविद्यालय स्थित हैं। एस डी कॉलेज में कार्यालय प्रबंधन के अध्यापन की व्यवस्था बी ए, बी कॉम तथा डिप्लोमा स्तर पर उपलब्ध है। इस विषय के अध्यापन की सुविधा मात्र सनातन धर्म कॉलेज, अम्बाला छावनी में ही है। संस्कृत के गहन अध्ययन के लिये अम्बाला छावनी में श्री दीवान कृष्ण किशोर सनातन धर्म आदर्श संस्कृत महाविद्यालय भी विद्यमान है। अम्बाला शहर में एम डी एस डी गर्ल्ज कॉलेज, डी ए वी कॉलेज तथा आत्मा नन्द जैन कॉलेज स्थित हैं। अम्बाला शहर में श्री आत्मानन्द जैन सीनियर सेकेन्डरी स्कूल, श्री आत्मानन्द जैन सीनियर मॉडल स्कूल, श्री आत्मानन्द जैन विजय वल्लभ स्कूल, गंगा राम सनातन धर्म स्कूल, एन एन एम डी स्कूल, डी ए वी पब्लिक स्कूल, पी के आर जैन स्कूल, चमन वाटिका, आर्य समाज सीनियर सेकेन्डरी स्कूल, स्प्रिन्ग्फ़ील्ड स्कूल और भी कई स्कूल हैं। अम्बाला शहर में दो राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हैं। अम्बाला से २० मील दूर मुलाना में एम एम विश्वविधालय है।
कृषि और खनिज
अंबाला के पास आमों की खेती की जाती है।
यातायात और परिवहन
यह शहर अमृतसर और दिल्ली से सड़क और रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। शहर से संलग्न अंबाला छावनी में रेलों के एक बड़े जंक्शन के साथ एक हवाई अड्डा भी है। साथ ही यह भारत की सबसे बड़ी छावनियों में से एक है।
उद्योग और व्यापार
अंबाला एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक शहर है। वैज्ञानिक उपकरणों, सिलाई मशीनों, मिश्रण यंत्रों (मिक्सर) और मशीनी औज़रों के निर्माण तथा कपास की ओटाई, आटा मिलों व हथकरघा उद्योग की दृष्टि से अंबाला छावनी व शहर, दोनों उल्लेखनीय हैं। एक महत्त्वपूर्ण कृषि मंडी होने के साथ अंबाला में एक सरकारी धातु कार्यशाला भी है।
पर्यटन
अम्बाला में भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर भारत का प्रमुख वायु सेना मुख्यालय भी स्थित है। यहां पर पटेल पार्क, नेता जी सुभाष चंद्र पार्क, इन्दिरा पार्क तथा महावीर उद्यान स्थित हैं। इस पार्कों में स्थानीय नागरिक सुबह और शाम घूमने जाते हैं। मनोरंजन हेतु यहां पर निगार, कैपिटल, निशात तथा नावल्टी सिनेमाघर विद्यमान हैं। सेंट पॉल कैथेड्रल भी दर्शनीय है। अम्बाला से वैसे तो अनेक लघु पत्रपत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं। पश्चिमोत्तर भारत का एक प्रमुख हिन्दी दैनिक पंजाब केसरी भी अम्बाला से प्रकाशित होता है। अम्बाला छावनी, अम्बाला सदर तथा अम्बाला शहर तीन पृथक व स्तंत्रत स्थानीय निकाय यहां पर लोक प्रशासन हेतु स्थापित हैं। अंबाला शहर में प्रसिद्ध अम्बिका देवी मंदिर स्थित है। जोकि अंबाला शहर बैस स्टैंड से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है । नवरात्रि में यहां बड़े मेले लगते है और मां अंबिका के दर्शनार्थ पंजाब,उत्तरप्रदेश और स्थानीय लोग आते है। अंबिका देवी का सम्बन्ध महाभारत काल से है। अंबिका देवी मन्दिर के समीप ही नोरंगराय तालाब स्थित है जिसके बीचोबीच विष्णु जी के अवतार वामन भगवान की प्रतिमा स्थापित है । जहा वामन द्वादशी तिथि को बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
जनसंख्या
2011 में, अंबाला की जनसंख्या 1,128,350 थी, जिसमें पुरुष और महिला क्रमशः 598,703 और 529,647 थे। 2001 की जनगणना में, अम्बाला की जनसंख्या 1,014,411 थी, जिसमें पुरुष 542,977 थे और शेष 471,434 महिलाएँ थीं। [4] 2024 में अंबाला शहर की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या 275,000 है, जबकि अंबाला मेट्रो की जनसंख्या 291,000 अनुमानित है।[5]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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