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जुलाई-अगस्त २०१८ भारत के राज्य केरल में आयी बाढ़ विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
अगस्त 2018 में भारतीय राज्य केरल में मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ आ गयी। यह केरल में एक शताब्दी में आयी सबसे विकराल बाढ़ थी,[2] जिसमें 373 से अधिक लोग मारे जा गये थे, तथा 2,80,679 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।[3] राज्य के सभी 14 जिलों को हाई एलर्ट पर रखा गया था।[4][5] केरल सरकार के अनुसार राज्य की 1/6 जनसंख्या बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।[6] केन्द्र सरकार ने इस त्रासदी को स्तर तीन की आपदा घोषित किया था।[7] [8]
अत्यधिक वर्षा व बाढ़ के कारण राज्य के इतिहास में पहली बार 42 में से 35 बांधों को खोल दिया गया है तथा 26 सालों में पहली बार इदुक्की बांध के सभी पाँच द्वारों को खोला गया है।[9] इस कारण से पर्वतीय जिले, वयनाड का सम्पर्क राज्य के अन्य हिस्सों से पूरी तरह से कट गया था।[10]
केरल में 8 अगस्त 2018 को सायं काल में भारी मानसूनी वर्षा हुई जिसके कारण सारे बांधों में क्षमता से अधिक जल भर गया। पहले 24 घण्टों में ही राज्य में 310 मिमी वर्षापात हुआ।[11] जलस्तर बढ़ने के कारण लगभग सभी बांधों के द्वार खोल दिये गये जिससे उनसे सटे निम्न क्षेत्रों में बाढ़ आ गयी।[12] राज्य के इतिहास में पहली बार 42 में से 35 बांधों को खोल दिया गया।[13] केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय में तमिलनाडु द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक जल छोड़े जाने को बाढ़ का प्रमुख कारण बताया है।[6]
राज्य के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को 167 मृत्यु की सूचना दी, जबकि समाचार-पत्र द इकॉनोमिक टाइम्स में 16 अगस्त को छपी एक खबर के अनुसार 114 लोगों की मृत्यु हुई है।[4][14][15] विकराल बाढ़ के कारण केरल राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने राज्य को रेड एलर्ट पर रखा है।[16] कई जल शुद्धिकरण संयत्र ठप्प हो गये जिसके कारण विशेषकर उत्तरी ज़िलों में पीने का शुद्ध जल मिलना बन्द हो गया।[17]
राज्य के अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ पीड़ितों के लिये कम से कम 350 राहत शिविर खोले गये हैं।[18] कोच्चि के पास अलुवा में केरल जल प्राधिकरण से समन्वय हेतु एक 24/7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।[19] बाढ़ के कारण सैकड़ों गाँव, लगभग 10,000 किमी की सडकें तथा हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं।[16] बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव वयनाड ज़िले में हुआ; 12 अगस्त को पूरे राज्य के राहत शिविरों में लगभग 30,000 लोग थे, जिनमें से 13,000 वयनाड से थे।[20]
15 अगस्त को भारत के चौथे तथा राज्य के सबसे व्यस्त कोचीन अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के रनवे पर पानी भरने के कारण सभी उड़ानों को 26 अगस्त तक निलम्बित कर दिया गया।[4] राज्य के कई विद्यालय बन्द हैं तथा सुरक्षा दृष्टिकोण से पर्यटकों का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाना प्रतिबन्धित कर दिया गया है।[14] कोच्चि मेट्रो 16 अगस्त को कुछ देर के लिए बन्द रही, हालाँकि वर्तमान में यह बाढ़ प्रभावितों को मुफ़्त में अपनी सेवाएँ दे रही है।[13] भारी वर्षा व बढ़ते जलस्तर के कारण दक्षिणी रेलवे ने तिरुवंतपुरम-कोट्टयम-एर्णाकुलम तथा एर्णाकुलम-शोरणूर-पालक्काड प्रखण्ड पर रेल सेवाएँ निलम्बित कर दी हैं।[21]
राज्य के 80% से ज्यादा हिस्सों में विद्युत् आपूर्ति बाधित है।[22]
पम्पा नदी में जल उत्प्रवाह के कारण हिन्दू तीर्थ स्थल शबरीमाला की यात्रा भी रोक दी गयी है।[23] राज्य सरकार ने ओणम पर्व के समारोह को भी रद्द कर दिया तथा उसके लिये आवन्टित धनराशि को बाढ़ पीड़ितों को पुनः आवन्टित कर दिया गया।[24]
52 राहत तथा बचाव दल के केन्द्रीय बल, जिसमें भारतीय सेना तथा भारतीय नौसेना भी शामिल है, नागरिक प्रशासन की राहत तथा बचाव कार्यों में सहायता कर रहे हैं।[4] इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल की 10 टुकड़ियों के अलावा चार गुंटूर तथा अरक्कोणम से एरणाकुलम जिला प्रशासन की मदद को पहुँची। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।[25][26]
नवीनतम आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 14 जिलों के 8 लाख से ज्यादा लोगों को बचाकर 4000 राहत शिविरों में पहुँचाया जा चुका है।[25][27]
11 अगस्त को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केरल के मुख्य सचिव टॉम जोस ने कहा "स्थिति हमारे नियंत्रण में हैं, सरकार ने स्थितियों पर नज़र बनाई हुई है।"[67]
भारी बारिश के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावित हवाई सर्वेक्षण रद्द हो गया।[68] मुख्यमंत्री विजयन ने बाढ़ के बारे में कहा कि "ऐसा केरल के इतिहास में कभी नहीं हुआ" तथा उन्होंने ठीकरा पड़ोसी राज्य तमिलनाडु पर फोड़ते हुए कहा कि मुल्लापेरियार बांध से पानी न छोड़ने के कारण ऐसी खराब स्थितियाँ राज्य में बनी।[14]
अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी।[69] संयुक्त अरब अमीरात दूतावास ने भी अपने नागरिकों को बाढ़ सम्बन्धित चेतावनी दी है। दूतावास ने कहा कि भारतीय मौसम एजेंसियों ने दक्षिणी राज्य केरल में भारी बारिश की चेतावनी दी है।[70]
सप्ताह-दर-सप्ताह सामान्य स्थिति की अपेक्षा (%) (तिथि सप्ताहांत को प्रदर्शित करती है)
ज़िला | वर्षापात (मिमी) | सामान्य (मिमी) | % |
---|---|---|---|
अलप्पुझा | 1648.1 | 1309.5 | 29% |
एर्नाकुलम | 2305.9 | 1606.0 | 48% |
इदुक्की | 3211.1 | 1749.1 | 89% |
कण्णूर | 2450.9 | 2234.9 | 10% |
कासरकोड | 2549.94 | 2489.1 | 12% |
कोल्लम | 1427.3 | 985.4 | 51% |
कोट्टयम | 2137.6 | 1452.6 | 50% |
कोझिकोड | 2796.4 | 2156.5 | 30% |
मलप्पुरम | 2529.8 | 1687.3 | 52% |
पालक्काड | 2135.0 | 1254.2 | 75% |
पत्तनमतिट्टा | 1762.7 | 1287.5 | 44% |
तिरुवनन्तपुरम | 920.8 | 643.0 | 45% |
तृश्शूर | 1894.5 | 1738.2 | 16% |
वयनाड | 2676.8 | 2167.2 | 26% |
केरल | 2226.4 | 1620.0 | 41% |
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