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२०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी
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2011 का सेंडाइ भूकंप और सुनामी (東北地方太平洋冲地震, तोहोकु चीहो ताइहाइयो-ओकी जिशिन, शाब्दिक "तोहोकु क्षेत्र प्रशांत महासागर अपतटीय भूकंप")[2][3][4], जापान के ओशिका प्रायद्वीप, के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर 11 मार्च, 2011 को 05:46 UTC (14:46 स्थानीय समय)[5][6] पर आया एक महाविनाशी भूकंप है, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.0 मापी गयी है। इस भूकंप का अधिकेन्द्र जापान के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर और अवकेन्द्र 24.4 किलोमीटर (15.2 मील) की गहराई पर स्थित था।[7][8]
तारीख | 14:46:23, 11 मार्च 2011 (+09:00) (2011-03-11T14:46:23+09:00) |
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अवधि | 5 मिनट[1] |
परिमाण | 9.0 MW[2] |
गहराई | 24.4 कि॰मी॰ (80,000 फीट) |
अधिकेन्द्र स्थान | 38.321°N 142.369°E / 38.321; 142.369 |
प्रकार | Megathrust earthquake |
प्रभावित देश या इलाके |
जापान (मुख्य रूप से) प्रशांत तट (सुनामी) |
कुल क्षति | बाढ़, भूस्खलन, आग, इमारतों और बुनियादी ढाँचे को हुआ नुकसान, परमाणु दुर्घटनायें |
Peak acceleration | 0.35g |
सुनामी | हां |
भूस्खलन | हां |
बाद के झटके | कम से कम 315 (30 ज्यादा 6.0 MW) |
भूकंप के कारण दुनिया के लगभग 20 देशों जिनमें उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका का पूरा प्रशांत तटीय क्षेत्र शामिल है, में सुनामी चेतावनी जारी की गयी और जापान के प्रशांत तट को लोगों से खाली कराया गया।[9][10][11] भूकंप के फलस्वरूप 10 (मीटर 33 फुट) ऊँची सुनामी लहरें उत्पन्न हुईं जिन्होने जापान के तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कहर बरपाया। जापान में यह लहरें तट से 10 किलोमीटर अंदर तक आ गयीं।[12]
जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर जापान के 16 प्रांतों में, 10,872[13] लोगों के मरने, 2,776[13] लोगों के घायल होने और 16,244[13] लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, लेकिन गैर सरकारी खबरों के मुताबिक हताहतों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है।[14] भूकंप के कारण जापान में व्यापक क्षति हुई है, जिनमें सड़कों और रेलवे को हुए भारी नुकसान के अलावा जगह जगह आग लगने से हुई हानि भी शामिल है। एक बांध के ढहने की भी खबर है।[15]
पूर्वोत्तर जापान में लगभग 44 लाख घरों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी है और 14 लाख घरों की पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है।[15] सुनामी के चलते बहुत से बिजली घरों में विद्युत उत्पादन ठप हो गया है और कम से कम दो परमाणु बिजलीघरों से रेडियोधर्मी विकिरण का खतरा पैदा हो गया है,[16][17] जिसके कारण इनके आसपास के क्षेत्र को खाली कराया गया है, पूरे क्षेत्र में आपातकाल घोषित कर दिया गया है।[18] फुकुशिमा-1 परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रारंभिक भूकंप के लगभग 24 घंटे बाद एक विस्फोट हुआ है, हालांकि इस विस्फोट से संयंत्र के बाहरी कंक्रीट ढाँचे को नुकसान हुआ है पर भीतरी भाग सुरक्षित बताया जाता है।[15][19][20] फुकुशिमा-1 परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 20 किलोमीटर और फुकुशिमा-2 परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाके को पूरी तरह खाली करा लिया गया है।
सेंडाइ में आया भूकंप जापान के दर्ज इतिहास में आने वाला अब तक का सबसे विध्वंसकारी और विश्व के आधुनिक इतिहास में आने वाले पाँच सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक है।[21][22][23]