स्वतंत्रता-पूर्व भारत की जनगणना
१८६५ से लेकर १९४७ तक समय समय पर भारत की जनगनना / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत की स्वतंत्रता के पहले १८६५ से लेकर १९४७ तक समय-समय पर भारत की जनगणना करायी जाती रही। जनगणना का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक लाभ प्राप्त करना था। जनसंख्या में अनेकों समस्याएँ आतीं थीं। परन्तु इन जनगणनाओं का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में अच्छी तरह से समझना एवं इस समझ का भारत को गुलाम बनाए रखने के लिए उपायोग करना था, न कि पूरे जनसमुदाय के आन्तरिक संरचना को समझना था। 1911 और 1921 के बीच का दशक एकमात्र जनगणना काल था जिसमें भारत की आबादी गिर गई थी, जो ज्यादातर स्पैनिश फ्लू महामारी के कारण हुई थी।[1][2]
अधिक जानकारी Year, Population ...
Year | Population |
---|---|
1901 | 238,396,327 |
1911 | 252,093,390 |
1921 | 251,321,213 |
1931 | 278,977,238 |
1941 | 318,660,580 |
बंद करें