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सभ्यता द्वार
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सभ्यता द्वार (English: Sabhyata Dwar) भारतीय राज्य बिहार में पटना शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित और बलुआ पत्थर से बना एक विजय स्मारक है। सभ्यता द्वार को बिहार राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र की परंपराओं और संस्कृति की प्राचीन महिमा दिखाने के उद्देश्य से मौर्य-शैली वास्तुकला के साथ बनाया गया है। सभ्यता द्वार का निर्माण राजस्थान के लाल-सफेद बलुआ पत्थर से किया गया है।[1] भवन निर्माण विभाग ने सभ्यता द्वार के आसपास काफी खूबसूरत उद्यान भी विकसित किया है। यह उद्यान भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, नई दिल्ली का इंडिया गेट और फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजा की शृंखला में ही यह सभ्यता द्वार भी है।[2] पटना के लैंडमार्क सभ्यता द्वार पर बिहार से जुड़े चार महापुरुषों के संदेशों को लिखा गया है जिनमें बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध, जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर, सम्राट अशोक, और मेगस्थनीज शामिल हैं। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 मई 2018 को गांधी मैदान के पास स्थित सम्राट अशोक सम्मेलन केन्द्र परिसर में सभ्यता द्वार का लोकार्पण किया।[3]
सभ्यता द्वार | |
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![]() सभ्यता द्वार | |
अन्य नाम | Civilization Gate |
सामान्य विवरण | |
प्रकार | विजय स्मारक |
वास्तुकला शैली | भारत-अरबी |
स्थान | पटना, बिहार |
निर्देशांक | 25.6°N 85.1°E / 25.6; 85.1 |
उच्चता | 10 मी॰ (33 फीट) |
निर्माणकार्य शुरू | 20 मई 2016 |
निर्माण सम्पन्न | 2018 |
उद्घाटन | 20 मई 2018 |
लागत | ₹ 5 करोड़ (2018) |
ऊँचाई | 32 मी॰ (105 फीट) |
प्राविधिक विवरण | |
व्यास | 15 मीटर (49 फीट) |