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वेंकटरामन रामकृष्णन
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वेंकटरामन "वेंकी" रामकृष्णन (तमिल: வெங்கட்ராமன் ராமகிருஷ்ணன்) (जन्म: १९५२, तमिलनाडु) एक जीव वैज्ञानिक हैं। इनको २००९ के रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।[1] इन्हें यह पुरस्कार कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की कार्यप्रणाली व संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए दिया गया है। इनकी इस उपलब्धि से कारगर प्रतिजैविकों को विकसित करने में मदद मिलेगी। इसराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज़ को भी संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिए चुना गया।[2]
वेंकटरामन रामकृष्णन | |
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जन्म |
१९५२ चिदंबरम, तमिल नाडु, भारत |
आवास | संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन) |
राष्ट्रीयता | संयुक्त राज्य अमेरिका |
जातियता | भारतीय |
क्षेत्र | जैव-रासायन, जैव-भौतिकी एवं कंप्यूटेशनल जीवविज्ञान |
संस्थान | एमआरसी लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी का स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग, कैम्ब्रिज, इंग्लैंड |
प्रसिद्धि | एक्स-रे क्रिस्टेलोग्राफी |
उल्लेखनीय सम्मान | रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार, २००९ |
तीनों वैज्ञानिकों ने त्रि-आयामी चित्रों के ज़रिए दुनिया को समझाया कि किस तरह राइबोसोम अलग-अलग रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, इसके लिए उन्होंने एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफ़ी का सहारा लिया जो राइबोसोम्ज़ की हज़ारों गुना बड़ी छवि सामने लाता है। वर्तमान में श्री वेंकटरामन् रामकृष्णन् ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़े हैं एवं विश्वविद्यालय की एमआरसी लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी (पेशीय जीवविज्ञान की एमआरसी प्रयोगशाला) के स्ट्रकचरल स्टडीज़ (संरचनात्मक अध्ययन) विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक हैं।[3]
वेंकी के नाम से मशहूर वेंकटरामन सातवें भारतीय एवं तीसरे तमिल मूल के व्यक्ति हैं जिनको नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु के चिदंबरम में हुई