वारंगल की घेराबंदी (1318)
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१३१७ में, दिल्ली सल्तनत के शासक क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ शाह ने काकतीय शासक प्रतापरुद्र को अधीन करने के लिए एक सेना भेजी, जिसने दिल्ली को कर देना बंद कर दिया था। ख़ुसरो ख़ान और अन्य जनरलों के नेतृत्व में आक्रमणकारी सेना ने काकतीय राजधानी वारंगल पर घेरा डाल दिया। प्रतापरुद्र ने संक्षिप्त घेराबंदी के बाद दिल्ली को कर देने पर सहमति जताते हुए युद्धविराम समझौता किया।
सामान्य तथ्य वारंगल की घेराबंदी, तिथि ...
वारंगल की घेराबंदी | |||||||
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Sieges of दिल्ली सल्तनत का भाग | |||||||
वारंगल दुर्ग | |||||||
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योद्धा | |||||||
दिल्ली सल्तनत | काकतीय वंश | ||||||
सेनानायक | |||||||
खुसरौ खान |
प्रतापरुद्र | ||||||
प्रतापरुद्र ने आक्रमणकारियों को १०० से अधिक हाथी, १२,००० घोड़े और खजाने सौंप दिए। |
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