रामेश्वरम शहर
भगवान शिव का प्राचीन मंदिर / From Wikipedia, the free encyclopedia
रामेश्वरम (Rameswaram), जिसे तमिल लहजे में "इरोमेस्वरम" भी कहा जाता है, भारत के तमिल नाडु राज्य के रामनाथपुरम ज़िले में एक तीर्थ नगर है, जो हिन्दू धर्म के पवित्रतम चार धाम तीर्थस्थलों में से एक है। यह रामेश्वरम द्वीप (पाम्बन द्वीप) पर स्थित है, जो भारत की मुख्यभूमि से पाम्बन जलसन्धि द्वारा अलग है और श्रीलंका के मन्नार द्वीप से 40 किमी दूर है। भौगोलिक रूप से यह मन्नार की खाड़ी पर स्थित है। चेन्नई और मदुरई से रेल इसे पाम्बन पुल द्वारा मुख्यभूमि से जोड़ती है।[1][2][3]
रामेश्वरम Rameswaram இராமேசுவரம் | |
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ऊपर से: रामनाथस्वामी मन्दिर, पाम्बन पुल, मछुआरों की नौकाएँ | |
निर्देशांक: 9.288°N 79.313°E / 9.288; 79.313 | |
देश | भारत |
प्रान्त | तमिल नाडु |
ज़िला | रामनाथपुरम ज़िला |
क्षेत्र | 55 किमी2 (21 वर्गमील) |
ऊँचाई | 10 मी (30 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 44,856 |
भाषा | |
• प्रचलित | तमिल |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 623526 |
वाहन पंजीकरण | TN 65 |
रामायण की घटनाओं में रामेश्वरम की बड़ी भूमिका है। यहाँ श्रीराम ने भारत से लंका तक का राम सेतु निर्माण करा था, ताकि सीता की सहायता के लिए रावण के विरुद्ध आक्रमण करा जा सके। यहाँ श्रीराम ने शिव की उपासना करी थी और आज नार के केन्द्र में खड़ा शिव मन्दिर उशी घटनाक्रम से समबन्धित है। नगर और मन्दिर दोनों शिव व विष्णु भक्तों के लिए श्रद्धा-केन्द्र हैं।[4][5][6]