Loading AI tools
विश्वप्रसिद्ध योग गुरु एवं पतंजलि योगपीठ के संस्थापक विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
रामकृष्ण यादव (स्वामी रामदेव) भारतीय योग-गुरु हैं।[1] उन्होंने योगासन व प्राणायामयोग के क्षेत्र में योगदान दिया। रामदेव जगह-जगह स्वयं जाकर योग-शिविरों का आयोजन करते हैं, जिनमें प्राय: हर सम्प्रदाय के लोग आते हैं। रामदेव अब तक देश-विदेश के करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योग सिखा चुके हैं।[2] उन्होंने अपने सहयोगी बालकृष्ण के साथ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की सह-स्थापना की। २०१० में, उन्होंने २०१४ के आम चुनाव के लिए एक राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की।[3] हालाँकि, वह हाल में भारतीय जनता पार्टी के मुखर समर्थक बने हैं।[4][5]
रामदेव | |
---|---|
जन्म |
ठाकुर रामकृष्ण 25 दिसम्बर 1965 सैयद अलीपुर, कस्बा-नांगल चौधरी, जिला-महेंद्रगढ़, हरियाणा, भारत |
धर्म | हिन्दू |
के लिए जाना जाता है | योग, प्राणायाम, व्यवसाय, राजनीति |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भारत में हरियाणा राज्य के महेन्द्रगढ़ जनपद स्थित अली सैयदपुर नामक गाँव में वर्ष १९६५ में गुलाबो देवी एवं रामनिवास यादव के घर जन्मे रामदेव का वास्तविक नाम रामकृष्ण यादव[6][7] था। समीपवर्ती गाँव शहजादपुर के सरकारी स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढाई पूरी करने के बाद रामकृष्ण ने खानपुर गाँव के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बल्देव जी से वेद संस्कृत व योग की शिक्षा ली। रामकृष्ण ने युवावस्था में ही सन्यास लेने का संकल्प किया और बाबा रामदेव नाम से लोकप्रिय हो गए।
बाबा रामदेव ने 1995 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की। 2003 से आस्था टीवी ने हर सुबह बाबा रामदेव का योग का कार्यक्रम दिखाना शुरू किया जिसके बाद बहुत से समर्थक उनसे जुड़े। योग को जन-जन तक पहुँचाने में बाबा रामदेव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, भारत और विदेशों में उनके योग शिविरों में आम लोगों सहित कई बड़ी-बड़ी हस्तियां भी भाग ले चुकि हैं। [8] बाबा रामदेव से योग सीखने वालों में अभिनेता अमिताभ बच्चन और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का नाम उल्लेखनीय है। [9][10][11][12] बाबा रामदेव ने पहली बार देवबंद (उत्तर प्रदेश) में मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया। [13]
योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बाबा रामदेव ने पतंजलि योगपीठ की स्थापना की। ब्रिटेन, अमेरिका, नेपाल, कनाडा और मारीशस में भी पतंजलि योगपीठ की दो शाखाएँ हैं पतंजलि योगपीठ-एक और पतंजलि योग पीठ-दो। पतंजलि आयुर्वेद का 2015-16 में 5000 करोड़ रु का कारोबार हुआ।[14]
स्वामी रामदेव ने सन् २००६ में महर्षि दयानन्द ग्राम हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के अतिरिक्त अत्याधुनिक औषधि निर्माण इकाई पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड नाम से दो सेवा प्रकल्प स्थापित किये। इन सेवा-प्रकल्पों के माध्यम से स्वामी रामदेव योग, प्राणायाम, अध्यात्म आदि के साथ-साथ वैदिक शिक्षा व आयुर्वेद का भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उनके प्रवचन विभिन्न टी० वी० चैनलों जैसे आस्था टीवी, आस्था इण्टरनेशनल, जी-नेटवर्क, सहारा-वन तथा इण्डिया टी०वी० पर प्रसारित होते हैं। भारत में भ्रष्टाचार और इटली एवं स्विट्ज़रलैण्ड के बैंकों में जमा लगभग ४०० लाख करोड़ रुपये के "काले धन" को स्वदेश वापस लाने की माँग करते हुए बाबा ने पूरे भारत की एक लाख किलोमीटर की यात्रा भी की। भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव जी अनवरत लड़ाई जारी है और राष्ट्र निर्माण में भी वो प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। [15] [16] इसके अलावा स्वामी रामदेव ने स्वच्छ भारत अभियान में भी भाग लिया। [17] इतना ही नहीं उन्होंने इस अभियान के तहत हरिद्वार और तीर्थ नगरी ऋषिकेश को गोद लेने की घोषणा की।[18]
बाबा रामदेव ने जब २७ फ़रवरी २०११ को रामलीला मैदान में जनसभा की थी उस जनसभा में स्वामी अग्निवेश के साथ-साथ अन्ना हजारे भी पहुँचे थे। इसके बाद दिल्ली के जन्तर मन्तर पर ५ अप्रैल २०११ से अन्ना हजारे सत्याग्रह के साथ आमरण अनशन की घोषणा की जिसमें एक दिन के लिये बाबा रामदेव भी शामिल हुए। बाबा रामदेव ने ४ जून २०११ से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन के साथ सत्याग्रह की घोषणा कर दी। ४ जून २०११ को प्रात: सात बजे सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ। [19]रात को बाबा रामदेव पांडल में बने विशालकाय मंच पर अपने सहयोगियों के साथ सो रहे थे चीख-पुकार सुनकर वे मंच से नीचे कूद पड़े और भीड़ में घुस गये। ५ जून २०११ को सुबह १० बजे तक बाबा को लेकर अफ़वाहों का बाजार गर्म रहा। यह सिलसिला दोपहर तब जाकर रुका जब बाबा ने हरिद्वार पहुँचने के बाद पतंजलि योगपीठ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने बच कर निकलने की पूरी कहानी सुनाई।
बाबा रामदेव समय-समय पर योग शिविरों का आयोजन करते रहते हैं। अपने योग शिविरों के माध्यम से बाबा रामदेव भारतीय संस्कृति और योग के महत्व को विदेशों में भी जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अपने इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर भारतीय संस्कृति का और योग का प्रचार-प्रसार किया, जिससे वहाँ पर भी लोग उनसे काफी प्रभावित हुए। बाबा रामदेव का एक संकल्प है कि पूरा देश स्वस्थ हो और पूरे देश को स्वस्थ बनाने की कड़ी में बाबा रामदेव ने अब सेना के जवानो को भी योग सिखना शुरू किया है। जिसकी शुरुआत उन्होंने जैसलमेर में जवानों को योग सिखाने से की।[20] इसके अलावा बाबा रामदेव ने दिल्ली में भी सैनिक और उनके परिवारजनों के लिए योग शिविर का आयोजन किया।[21] [22]
मार्च 2005 में, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के 113 कर्मचारियों ने भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा योजनाओं के तहत कवरेज जैसे न्यूनतम वेतन और कर्मचारियों के अधिकारों के लिए एक आंदोलन शुरू किया। एक बैठक के परिणामस्वरूप श्रमिकों, प्रबंधन और जिला प्रशासन के बीच एक समझौता हुआ; प्रबंधन न्यूनतम वेतन देने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू नहीं करने के लिए सहमत हुआ और बदले में, श्रमिक इस बात पर सहमत हुए कि वे कार्यस्थल पर सामान्य स्थिति बहाल करेंगे। हालांकि, ट्रस्ट ने कुछ कर्मचारियों को तोड़फोड़ करने का आरोप लगाते हुए वापस लेने से इनकार कर दिया। उनका मामला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सीपीआई (एम) से संबद्ध भारतीय व्यापार संघ सीटू द्वारा लिया गया था।[23][24]
अप्रैल 2020 में, रूचि सोया इंडस्ट्रीज, जिसे 2019 में पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अधिग्रहित किया गया था, को भारत के शीर्ष 50 विलफुल लोन डिफॉल्टर्स में से रु। RBI द्वारा लिखित 2,212 करोड़।[25][26][27]
रामदेव हिंदू पौराणिक कथाओं को इतिहास मानते हैं। गोमूत्र और गोबर से होने वाली बीमारियों के इलाज के कई वैज्ञानिक research articles और papers publish हो चुके है जो इस बात का समर्थन करते है की आयुर्वेद और योगाभ्यास से इंसानो का सफल इलाज किया जाता है । उन्होंने यह भी दावा किया कि COVID-19 को सांस लेने पर नियंत्रण करके आत्म निदान किया जा सकता है और सरसों का तेल वायरस को मारता है।[28] बयानों या प्रथाओं में उनके विश्वास के लिए उनकी आलोचना की गई है | फिर भी वे वैज्ञानिक और तथ्यात्मक दोनों होने का दावा करते हैं | वैज्ञानिक तौर पर भी ज्यादातर आयुर्वैदिक दवाईया और योगाभ्यास कारगर साबित हो चुका है
जून 2020 में, पतंजलि ने कोरोनिल और श्वासारि को लॉन्च किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि COVID-19 के लिए एक आयुर्वेदिक उपचार प्रदान किया गया है। घंटों बाद, आयुष के केंद्रीय मंत्रालय ने एक बयान जारी कर रामदेव से COVID-19 के इलाज के रूप में दवा का विज्ञापन बंद करने को कहा । पर वैज्ञानिक शोधो के बाद भी इन दोनों दवाईयों का मनुष्यो पर कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया | लॉन्च के एक दिन बाद, सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी द्वारा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी द्वारा बड़ी संख्या में लोगों को गुमराह करने और जान जोखिम में डालने के लिए एक द्वेषपूर्ण आपराधिक शिकायत दर्ज की गई । बाद में जांच में तमन्ना हाशमी की शिकायत सुनवाई योग्य नहीं पाई गई । महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र में कोरोनिल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि राज्य 'नकली दवा' की बिक्री की अनुमति नहीं देगा । बाद में अनिल देशमुख खुद भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा | [29][30] इसके बाद, कोरोनिल को आयुष मंत्रालय द्वारा बेचे जाने के बाद बेचे जाने की अनुमति मिली, इसे एक प्रतिरक्षा बूस्टर दवा कहा जाता है, जिसे कोविद -19 प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।[31] मई 2021 में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नवजोत सिंह दहिया ने स्वामी रामदेव के खिलाफ कोविड -19 रोगियों के इलाज के बारे में कथित रूप से आतंक पैदा करने और डॉक्टरों के प्रति मानहानि / अपमानजनक भाषा का उपयोग करके आतंक पैदा करने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया।[32][33]
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.