माणिक्कवाचकर
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माणिक्कवाचकर (माणिकवासगर) तमिल कवि थे। यद्यपि उनकी गिनती नायनारों में नहीं की जाती है किन्तु तिरुवसाकम नामक ग्रन्थ की रचना में उनका भी योगदान है। इस पुस्तक में शंकर भगवान के भजन और गीत हैं। माणिक्कवाचकर तिरुमुरै के रचनाकारों में से एक हैं जो तमिल शैव सिद्धान्त का प्रमुख ग्रन्थ है। वे पाण्ड्य राजा वरगुणवर्मन द्वितीय (८६२ - ८८५ ई.) के मंत्री थे और मदुरै मे रहते थे।