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एक भारतीय अभिनेता, समाज-सेवी और एक टेलीविजन प्रस्तोता विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
फ़ारुक शेख़ (२५ मार्च १९४८-२८ दिसम्बर २०१३) एक भारतीय अभिनेता, समाज-सेवी और एक टेलीविजन प्रस्तोता थे। उन्हें ७० और ८० के दशक की फ़िल्मों में अभिनय के कारण प्रसिद्धि मिली। वो सामान्यतः एक कला सिनेमा में अपने कार्य के लिए प्रसिद्ध थे जिसे समानान्तर सिनेमा भी कहा जाता है। उन्होंने सत्यजित राय और ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में भी काम किया।[1]
फ़ारुक
का जन्म मुम्बई के एक वकील मुस्तफ़ा शेख और फ़रिदा शेख के एक मुसलमान परिवार[2] में जो बोडेली कस्बे के निकट नसवाडी ग्राम के निकट बड़ोदी गुजरात के अमरोली में हुआ। उनके परिवार वाले ज़मिंदार थे और उनका पालन पोषण शानदार परिवेश में हुआ। वो अपने घर के पाँच बच्चो में सबसे बड़े थे।[3]
वो सेंट मैरी स्कूल, मुंबई में पढ़ने गये और बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई गये। उन्होंने कनून की पढ़ाई सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ़ लॉ में पूर्ण की।[4]
२८ दिसम्बर २०१३ को तड़के दुबई में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।[5] वो दुबई छुट्टियाँ मनाने गये थे।[6]
वर्ष | चित्र | पात्र | टिपण्णी |
---|---|---|---|
२०१३ | चिल्ड्र्न औफ वौर | मोजिद | |
२०१३ | क्लब ६० | डॉ॰ तारीक़ | |
२०१३ | ये जवानी है दीवानी | थापर | |
२०१३ | लिसन... अमाया | जयंत | |
२०१२ | शांघाई | कौल | |
२०११ | टेल मी ओ खुदा | रवि कपूर | |
२००९ | एक्सीडेंट ओन हिल रोड | प्रकश श्रीवास्तव | |
२००९ | लाहौर | एस के राव | |
२००८ | सास बहू और सेंसेक्स | फ़ेरोज सेठना | |
१९९७ | मोहब्बत | शेखर शर्मा | |
१९९५ | मोहिनी | ||
१९९५ | अब इंसाफ़ होगा | रामचरण | |
१९९५ | मेरा दामाद | जय खन्ना | |
१९९५ | सुखेर आशा | बांग्ला चित्र | |
१९९३ | माया मेमसाब | डॉ॰ चारू दास | |
१९९२ | गुंजन | ||
१९९१ | कहकशां | टी वी श्रृंखला | |
१९९० | जान-ए-वफ़ा | ||
१९९० | अग्नि कन्या | ||
१९९० | वफ़ा | ||
१९८९ | दूसरा कानून | दिवान सरदरीलाल | टी वी चित्र |
१९८९ | पिकनिक | टी वी चित्र | |
१९८९ | तूफ़ान | गोपाल शर्मा | |
१९८८ | पीछा करो | विजय | |
१९८८ | बीवी हो तो ऐसी | सूरज भंडारी | |
१९८८ | आखरी दाव | टी वी लघु-शृंखला | |
१९८८ | घरवाली बाहरवाली | सुनील खन्ना | |
१९८७ | श्रीकांत | श्रीकांत | |
१९८७ | महानंदा | ||
१९८६ | कोंग्रेगेशन | साजिद (सज्जू) | |
१९८६ | एक पल | जीत बरुआ | |
१९८६ | उद्धार | ||
१९८६ | खेल मुहब्बत का | अमित वर्मा | |
१९८६ | रात के बाद | ||
१९८५ | सलमा | इक़बाल | |
१९८५ | फासले | संजय | |
१९८४ | अब आएगा मज़ा | विजय | |
१९८४ | यहाँ वहाँ | - | |
१९८४ | लाखों की बात | आलोक प्रकाश | |
१९८४ | लोरी | भुपिंदर सिंह (भूपी) | |
१९८३ | कथा | बासुदेव (बासु) | |
१९८३ | किसी से न कहना | रमेश / मनसुखलाल | |
१९८३ | रंग बिरंगी | प्रोफ़ेसर जीत सक्सेना | |
१९८२ | अपरूपा/अपेक्षा | राणा | असमिया/हिंदी चित्र |
१९८२ | बाजार | सर्जू | |
१९८२ | साथ साथ | अविनाश वर्मा | |
१९८१ | उमराव जान | नवाब सुल्तान | |
१९८१ | चश्मे बद्दूर | सिद्धार्थ परशर | |
१९८० | मै और मेरी तनहाई | ||
१९७९ | नूरी | यूसुफ़ फ़क़ीर मुहम्मद | |
१९७८ | गमन | गुलम हसन | |
१९७७ | शतरंज के खिलाडी | अक़ील | |
१९७४ | मेरे साथ चल | अमित | |
१९७४ | गर्म हवा | सिकंदर मिर्ज़ा |
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