Loading AI tools
विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Patna Medical College and Hospital या PMCH) पटना में स्थित एक चिकित्सा महाविद्यालय है। इसकी स्थापना 1925 में हुई थी और इसका मूल नाम 'प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज' था।[1] यह महाविद्यालय पूर्व में, पटना विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था किन्तु अब Bihar University of Health Sciences से सम्बद्ध है। भारत की स्वतंत्रता के पूर्व इस महाविद्यालय की गणना भारत में चिकित्सा के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में होती थी। आज इस महाविद्यालय की वह स्थिति ति नहीं रही किन्तु आज भी यह विश्व के सबसे अधिक रोगियों की चिकित्सा करने वाले चिकित्सालयों में शामिल है। इस महाविद्यालय में 1700 से अधिक शैय्या (बिस्तर) हैं जो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तुल्य है।
स्थापित | 1925 |
---|---|
संबद्ध | [] |
स्थान | बिहार, India 25.3714°N 85.933°E |
यह महाविद्यालय गंगा नदी के दक्षिणी तट पर अशोक राजपथ पर स्थित है जहाँ पटना विश्वविद्यालय के अन्य प्रमुख महाविद्यालय भी स्थित हैं।
पीएमसीएच को वर्तमान में 5462 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने के लिए उन्नत किया जा रहा है।[2] यह नवंबर 2018 में बिहार सरकार की कैबिनेट द्वारा अनुमोदित 37 प्रस्तावों में से एक था।[3] नया पीएमसीएच परिसर 72.44 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला होगा। नए पीएमसीएच में 250 एमबीबीएस सीटें (मौजूदा 150 एमबीबीएस सीटों के मुकाबले) और 200 पीजी सीटें (मौजूदा 146 पीजी सीटों के मुकाबले) होंगी। 5,540 करोड़ रुपये की इस परियोजना को बिहार मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। नए अस्पताल को अशोक राजपथ और लोकनायक गंगा पथ (गंगा एक्सप्रेसवे) के साथ निर्माणाधीन डबल डेकर फ्लाईओवर से जोड़ा जाएगा। नए भवन का निर्माण 'बेस आइसोलेशन' तकनीक से किया जाएगा जो इसे भूकंप से बचाएगा, इसके शीर्ष पर एक हेलीपैड होगा।[4]
पटना का पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल होगा विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन योजनाओं का किया शिलान्यास। पुनर्विकास योजना के तहत 903.57 करोड़ की लागत से निर्मित भवनों का उद्घाटन किया गैया।[5]
20 विभाग अब नए भवनों में शिफ्ट किया जायेगा। इसमें ब्लड बैंक ,मल्टीलेवल पार्किंग और महिला छात्रावास की सुविधा भी रहेगी।
पीएमसीएच को जल्द ही मेट्रो कनेक्टिविटी मिल जाएगी क्योंकि पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट (पीएमआरपी) के तहत आने वाला पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन अस्पताल परिसर के नीचे से गुजरेगा।[6] पीएमसीएच स्टेशन पटना मेट्रो के 14.45 किमी लंबे पटना रेलवे स्टेशन - पाटलिपुत्र आईएसबीटी कॉरिडोर (कॉरिडोर -2) का हिस्सा होगा। पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन में 4 प्रवेश और निकास द्वार होंगे, दो पीएमसीएच परिसर के अंदर और अन्य दो अशोक राजपथ पर सड़क के विपरीत दिशा में होंगे। दोनों ओर प्रवेश/निकास गेट तक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 30 मीटर का एक छोटा सबवे भी बनाया जाएगा। पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन की लंबाई 225 मीटर है, जो आंशिक रूप से पीएमसीएच के परिसर के अंदर और आंशिक रूप से अंजुमन इस्लामिया हॉल के परिसर के अंदर आ रहा है।[7]
जुलाई 2022 में, अशोक राजपथ पर पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के मुख्य द्वार को मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण कार्य के लिए बंद कर दिया गया था।[8] डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों, रोगियों, परिचारकों, एम्बुलेंस और आम जनता की आवाजाही की सुविधा के लिए एक पुराना गेट, जो कई साल पहले बंद कर दिया गया था, उसके पश्चिमी हिस्से में आपातकालीन विभाग की इमारत की ओर जाता था।[9]
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.