नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री पलटूराम / From Wikipedia, the free encyclopedia
नीतीश कुमार (जन्म १ मार्च १९५१, बख्तियारपुर, बिहार, भारत) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और सम्प्रति बिहार के मुख्यमंत्री हैं।[1] इससे पहले उन्होंने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री और 2015 से 2017 में सीएम के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर एनडीए से हाथ मिला लिया । नीतीश ने 2022 में आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं।[2] वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं।
नीतीश कुमार | |
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 10 अगस्त 2022 | |
राज्यपाल | फागू चौहान |
पूर्वा धिकारी | नीतीश कुमार |
पद बहाल 22 फरवरी 2015 – 9 अगस्त 2022 | |
राज्यपाल | |
पूर्वा धिकारी | जीतन राम मांझी |
उत्तरा धिकारी | स्वयं |
पद बहाल 26 नवम्बर 2010 – 17 मई 2014 | |
पूर्वा धिकारी | स्वयं |
उत्तरा धिकारी | जीतन राम मांझी |
पद बहाल 24 नवम्बर 2005 – 24 नवम्बर 2010 | |
पूर्वा धिकारी | राष्ट्रपति शासन |
उत्तरा धिकारी | स्वयं |
पद बहाल 3 मार्च 2000 – 10 मार्च 2000 | |
पूर्वा धिकारी | राबड़ी देवी |
उत्तरा धिकारी | राबड़ी देवी |
पद बहाल 20 मार्च 2001 – 21 मई 2004 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | ममता बनर्जी |
उत्तरा धिकारी | लालू प्रसाद यादव |
पद बहाल 19 मार्च 1998 – 5 अगस्त 1999 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | रामविलास पासवान |
उत्तरा धिकारी | ममता बनर्जी |
पद बहाल 27 मई 2000 – 21 जुलाई 2001 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | अटल बिहारी वाजपेयी |
उत्तरा धिकारी | सुंदरलाल पटवा |
पद बहाल 22 नवम्बर 1999 – 3 मार्च 2000 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | सुंदरलाल पटवा |
उत्तरा धिकारी | अजीत सिंह |
पद बहाल 13 अक्टूबर 1999 – 22 नवम्बर 1999 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | एम थंबीदुरई |
उत्तरा धिकारी | जसवंत सिंह |
पद बहाल 14 अप्रैल 1998 – 5 अगस्त 1999 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | जसवंत सिंह |
उत्तरा धिकारी | राजनाथ सिंह |
जन्म | 1 मार्च 1951 (1951-03-01) (आयु 73) बख्तियारपुर, बिहार, भारत |
राजनीतिक दल | जनता दल (यूनाइटेड) (2003–वर्तमान)
समता पार्टी (1994 - 2003) |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (2003-2013; 2017-2022) जनता दल (1989–1994) |
जीवन संगी | स्वर्गीय श्रीमती मंजू कुमारी सिन्हा |
बच्चे | निशांत कुमार (कुर्मी) (पुत्र) |
शैक्षिक सम्बद्धता | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना (B.E) |
हस्ताक्षर | |
हाल में नीतीश कुमार सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने राम नवमी के जुलूस पे पत्थरबाजी और कई हिंदुओं के मरने तथा घायल होने की कई घटनाओं को नजर अंदाज करते हुए उसी वक्त इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इसके लिए हिंदुओं ने उनकी काफी आलोचना भी की , यहां तक कि उनकी तुलना रोम के नीरो से भी की गई। भाजपा ने भी उनपर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया।[3][4][5][6][7]
17 मई 2014 को उन्होंने भारतीय आम चुनाव, 2014 में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद 68 वर्षीय जीतन राम मांझी ने बिहार के 23वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री के रूप में जीतन राम मांझी के नाम की पेशकश की थी। हालांकि, वह बिहार में राजनीतिक संकट के चलते फरवरी 2015 में कार्यालय में लौट आये और नवंबर 2015 की बिहार विधान सभा चुनाव,२०१५ जीता। वह 10 अप्रैल 2016 को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। 2019 के आगामी चुनाव में कई राजनेताओं लालू यादव, तेजस्वी यादव और अन्य ने भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें प्रस्तावित किया, हालांकि उन्होंने ऐसी आकांक्षाओं से इनकार किया। 26 जुलाई, 2017 को सीबीआई द्वारा एफआईआर में उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के नामकरण के कारण नीतीश कुमार ने फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद से गठबंधन सहयोगी आरजेडी के बीच मतभेद के चलते इस्तीफा दे दिया था। कुछ घंटे बाद, वह एनडीए गठबंधन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री पद की पुनः शपथ ली। इसके बाद 2020 में पुनः उन्होने एनडीए गठबंधन के रुप में चुनाव लड़ा लेकिन 2022 में पुनः एनडीए गठबंधन से अलग होकर अपने पार्टी को राजद-कांग्रेस महागठबंधन में शामिल कर लिया और मुख्यमंत्री पद की पुनः शपथ ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में कुछ उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं -
- 2004 से अब तक विकास की दर बहुत ही धीमी रही है, कुछ साल तेजी से ग्रोथ हुई है पर बाकी साल नाम मात्र की।
- प्रति व्यक्ति आय (GSDP) 2005 में जहां 8773 था वही यह बढ़कर 2019 में 47541 हो गया। अगर महंगाई दर के हिसाब से देखे तो 2005 में 8773 रुपए आज के 40519 रुपए के बराबर है। इसका मतलब 16 सालों में लोगो की खरीदने की क्षमता में 7000 रुपए या करीब 15% की बढ़त हुई है जो हर साल 1% की दर से कम है।
- प्रति व्यक्ति आय एनएसडीपी (NSDP) के अनुसार 2005 में जहां ₹7,914 था वहीं यह बढ़कर 2016- 17 में 25,950 हो गया. इस तरह से ₹18,036 की वृद्धि हुई। अगर महंगाई दर के हिसाब से देखे तो 2005 में 7914 रुपए आज के 36000 रुपए के बराबर है। इसका मतलब 16 सालों में लोगो की खरीदने की क्षमता में 18000 रुपए या करीब 50% की कमी हुई है। इसका कारण ये है की चीजे महंगी होती है और आंकड़ों से ज्यादा ये मायने रखता है की आप क्या खरीद सकते है उन पैसों से।
- बिहार का गरीबी दर घटा है। 2004-05 में जहां यह 54.4 था वही यह घटकर वर्तमान में 33.74% हो गया। इस तरह से 20.6% की गिरावट दर्ज की गई है। हालाकि यह राष्ट्रीय दर से तीन गुण धीमें कम हुई है।
- बिहार के लोगों का मासिक, व्यय ग्रामीण इलाकों में 2005 में जहां ₹417 मात्र था वहीं यह वर्तमान में 1127 हो गया है। हालाकि यह देश में सबसे कम मासिक व्यय है, इस तरह से मासिक व्यय में ₹710 की वृद्धि हुई है। पर ये राष्ट्रीय दर से 5 गुना कम है। अगर महगाई के दर से देखे तो ग्रामीण इलाको की गरीबी और ज्यादा बढ़ी है। इसका सबसे बड़ा सबूत है की ज्यादा से ज्यादा लोग गांव में जमीनें बेचकर शहर का रुख कर रहे।
- बिहार के शहरी लोगों का मासिक खर्चा 2005 में ₹696 था जो वर्तमान में बढ़कर 1507 हो गया है। इस तरह से ₹811 लोग ज्यादा खर्च कर रहे हैं, पर अगर महंगाई के हिसाब से देखे तो मासिक कमाई 2005 से कम हो गई है।
- इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी बिहार लगातार सुधार किया है। 2015 में बिहार का स्कोर 16.4 था वहीं वर्तमान में बढ़कर 81.91 हो गया है। इस तरह से 65.5 की वृद्धि हुई है।