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नंदप्रयाग
उत्तराखंड भारत का एक शहर / From Wikipedia, the free encyclopedia
नंदप्रयाग एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल एवम् हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध पर्वतीय तीर्थों में से एक है। नंदाकिनी तथा अलकनंदा नदियों के संगम[1] पर नन्दप्रयाग स्थित है। यह सागर तल से २८०५ फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पवित्र संगम स्थल, चंडिका मंदिर, गोपाल जी मंदिर एवम् शिव मंदिर आदि दर्शनीय है। धार्मिक पंच प्रयागों में से दूसरा नंदप्रयाग अलकनंदा नदी पर वह जगह है जहां अलकनंदा एवं नंदाकिनी नदियों का मिलन होता है। ऐतिहासिक रूप से शहर का महत्व इस बात में है कि यह बद्रीनाथ मंदिर जाते तीर्थयात्रियों का मुख्य पड़ाव स्थान होता है साथ ही यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल भी है। वर्ष 1803 में आई बाढ़, शहर का सब कुछ बहा ले गयी जिसे एक ऊंची जगह पर पुनर्स्थापित किया गया। नंदप्रयाग का महत्व इस तथ्य से भी है यह स्वाधीनता संग्राम के दौरान ब्रिटिश शासन के विरोध का स्थानीय केंद्र रहा था। यहां के सपूत अनुसूया प्रसाद बहुगुणा का योगदान इसमें तथा कुली बेगार प्रथा की समाप्ति में, सबको हमेशा याद रहेगा।
नंदप्रयाग | |
— संगम नगरी — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | ![]() |
राज्य | उत्तराखंड |
जनसंख्या | 1,433 (2001 के अनुसार [update]) |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 1,358 मीटर (4,455 फी॰) |