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ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए व्यय योग्य प्रणाली / From Wikipedia, the free encyclopedia
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या पी.एस.एल.वी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित एक उपभोजित प्रक्षेपण प्रणाली है। भारत ने इसे अपने सुदूर संवेदी उपग्रह को सूर्य समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया है। पीएसएलवी के विकास से पूर्व यह सुविधा केवल रूस के पास थी। पीएसएलवी छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेजने में सक्षम है। अब तक पीएसएलवी की सहायता से 70 अन्तरिक्षयान (30 भारतीय + 40 अंतर्राष्ट्रीय) विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किये जा चुके हैं।[1] इससे इस की विश्वसनीयता एवं विविध कार्य करने की क्षमता सिद्ध हो चुकी है।
![]() लॉन्चिंग पेड की ओर जा रहा पीएसएलवी रॉकेट | |
कार्य | मीडियम लिफ्ट प्रक्षेपण प्रणाली |
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निर्माता | इसरो |
मूल देश | ![]() |
मूल्य प्रति लॉन्च (2024) | पीएसएलवी-सीए 90 करोड़ |
आकार | |
ऊंचाई | 44 मीटर (144 फीट) |
व्यास | 2.8 मीटर (9 फीट 2 इंच) |
द्रव्यमान | पीएसएलवी-जी: 295,000 कि॰ग्राम (10,400,000 औंस) पीएसएलवी-सीए: 230,000 कि॰ग्राम (8,100,000 औंस) पीएसएलवी-एक्सएल: 320,000 कि॰ग्राम (11,000,000 औंस) |
चरण | 4 |
लॉन्च इतिहास | |
वर्तमान स्थिति | सक्रिय |
लॉन्च स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
कुल लॉन्च | 37 पीएसएलवी-जी: 12 पीएसएलवी-सीए: 11 पीएसएलवी-एक्सएल: 14 |
सफल लॉन्च | 35 पीएसएलवी-जी: 10 पीएसएलवी-सीए: 11 पीएसएलवी-एक्सएल: 14 |
असफल परीक्षण | 1 (पीएसएलवी-डी1) |
आंशिक असफल परीक्षण | 1 (पीएसएलवी-सी1) |
प्रथम उड़ान | पीएसएलवी-जी: 20 सितंबर 1993 पीएसएलवी-सीए: 23 अप्रैल 2007 पीएसएलवी-एक्सएल: 22 अक्टूबर 2008 |
उल्लेखनीय पेयलोड | चन्द्रयान मंगलयान ऐस्ट्रोसैट स्पेस कॅप्सुल रिकव्हरी प्रयोग-1 भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली |
बूस्टर (पीएसएलवी-जी) - एस9 | |
बूस्टर की संख्या | 6 |
थ्रस्ट | 510 कि॰न्यू. (110,000 पौंड-बल) |
विशिष्ट आवेग | 262 s (2.57 km/s) |
जलने का समय | 44 सेकंड |
ईंधन | ठोस |
बूस्टर (पीएसएलवी-एक्सएल) - एस12 | |
बूस्टर की संख्या | 6 |
थ्रस्ट | 719 कि॰न्यू. (162,000 पौंड-बल) |
विशिष्ट आवेग | 262 s (2.57 km/s) |
जलने का समय | 49 सेकंड |
ईंधन | ठोस |
प्रथम चरण | |
ईंधन वजन | 138,000 कि॰ग्राम (304,000 पौंड) |
Motor | एस139 |
थ्रस्ट | 4,800 कि॰न्यू. (1,100,000 पौंड-बल) |
विशिष्ट आवेग |
237 s (2.32 km/s) (समुद्र तल) 269 s (2.64 km/s) (निर्वात) |
जलने का समय | 105 सेकंड |
ईंधन | ठोस |
द्वितीय चरण | |
इंजन | 1 विकास |
थ्रस्ट | 799 कि॰न्यू. (180,000 पौंड-बल) |
विशिष्ट आवेग | 293 s (2.87 km/s) |
जलने का समय | 158 सेकंड |
ईंधन | N2O4/UDMH |
तृतीय चरण | |
Motor | एचपीएस3 |
थ्रस्ट | 240 कि॰न्यू. (54,000 पौंड-बल) |
विशिष्ट आवेग | 295 s (2.89 km/s) |
जलने का समय | 83 सेकंड |
ईंधन | ठोस |
चतुर्थ चरण | |
इंजन | 2 x एल-2-5 |
थ्रस्ट | 15.2 कि॰न्यू. (3,400 पौंड-बल) |
विशिष्ट आवेग | 308 s (3.02 km/s) |
जलने का समय | 425 सेकंड |
ईंधन | MMH/MON |
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/hi/thumb/1/1e/399px-PSLV-CA_1.jpg/320px-399px-PSLV-CA_1.jpg)
२२ जून, २०१६ में इस यान ने अपनी क्षमता की चरम सीमा को छुआ जब पीएसएलवी सी-34 के माध्यम से रिकॉर्ड २० उपग्रह एक साथ छोड़े गए।[2] इससे पहले 28 अप्रैल 2008 को इसरो ने एक साथ 10 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर एक ही बार में सबसे ज़्यादा उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने का विश्वरिकॉर्ड बनाया था।[2]