दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था
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दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था संज्ञात्मक सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर विश्व की पन्द्रहवी और क्रय शक्ति के आधार पर बारहवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह जी-२० नामक विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह एक उच्च-आय वाली विकसित अर्थव्यवस्था है और ओईसीडी का सदस्य है। दक्षिण कोरिया मूल एशियाई चीतों वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यह एकमात्र विकसित देश है जिसे नॅक्ट इलैवन समूह में सम्मिलित किया गया है। दक्षिण कोरिया १९६० के आरम्भ से १९९० के अन्त तक विश्व के सबसे तेज़ी से विकास करते देशों में से था और २००० के दशक में भी यह देश विकसित देशों में सर्वाधिक तेज़ी से विकास करने वाले देशों में था। १९६० से १९९० के दशकों के दौरान हुई आश्चर्यजनक प्रगति को कोरियाई लोग "हान नदी पर चमत्कार" की संज्ञा देते हैं। २०१० में दक्षिण कोरिया विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा निर्यातक और दसवाँ सबसे बड़ा आयातक था।
ऐतिहासिक रूप से दक्षिण कोरिया आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) प्राप्त करने वाला देश था। १९८० के पूरे दशक के दौरान से १९९० के दशक के मध्य तक दक्षिण कोरिया की समृद्धि क्रय शक्ति जीडीपी के आधार पर औद्योगिक देशों की अंशमात्र थी। वर्ष १९८० में दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति जीडीपी २,३०० $ थी जो निकट के विकसित देशों जैसे सिंगापुर, हाँगकाँग और जापान का केवल एक-तिहाई थी। तबसे लेकर दक्षिण कोरिया अब एक विकसित देश में परिवर्तित हो चुका है और २०१० में इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी ३०,००० $ थी जो १९८० के स्त्तर से लगभग तेरह गुणा अधिक है। इसी समय के दौरान पूरे देश का सकल घरेलू उत्पाद भी ८८ अरब डॉलर से बढ़कर १,४६० अरब डॉलर हो गया। सन् २००९ में दक्षिण कोरिया सहायता प्राप्त करने वाले देशों से निकलकर सहायता प्रदान करने वाले देशों में सम्मिलित हो गया। २००८ और २००९ के मद्य, दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को छोड़कर विभिन्न देशों को १.७ अरब $ की सहायता राशि प्रदान की थी। दक्षिण कोरिया द्वारा उत्तर कोरिया को दी जाने वाली वार्षिक आर्थिक सहायता राशि एतिहासिक रूप से इसके ओडीए से दोगुनी रही है।
दक्षिण कोरिया की कठोर शिक्षा प्रणाली और एक उच्च प्रेरित और शिक्षित आबादी की स्थापना देश की उच्च प्रौद्योगिकी उछाल और तेजी से आर्थिक विकास के लिए जिम्मेदार है। [1] अपने क्षेत्र में लगभग कोई प्राकृतिक संसाधन और उच्च जनसंख्या घनत्व नहीं होने के कारण, कोरिया ने जनसंख्या वृद्धि को जारी रखा और एक बड़ा आंतरिक उपभोक्ता बाजार निर्मित किया। दक्षिण कोरिया ने अपनी अर्थव्यवस्था को ईंधन देने के लिए एक निर्यात उन्मुख आर्थिक रणनीति अपनाई। परिणामवश 2014 में, दक्षिण कोरिया था दुनिया में सातवां सबसे बड़ा निर्यातक और सातवां सबसे बड़ा आयातक है। बैंक ऑफ कोरिया और कोरिया विकास संस्थान समय-समय पर दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था के प्रमुख आर्थिक संकेतक और आर्थिक रुझान जारी करते हैं। [2][3]
दक्षिण कोरियाई अर्थव्यवस्था की उच्च विकास क्षमता और स्पष्ट संरचनात्मक स्थिरता के बावजूद, सैन्य संकट के समय उत्तर कोरिया के जुझारूपन ने शेयर बाजार में कोरिया की क्रेडिट रेटिंग को लगातार नुकसान पहुंचाया है, जिसका वित्तीय बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। [4][5] फिर भी, प्रसिद्ध वित्तीय संगठन, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, भी विभिन्न आर्थिक संकटों के समक्ष दक्षिण कोरियाई अर्थव्यवस्था के लचीलेपन की प्रशंसा करते हैं, और कम ऋण और बड़ा राजकोषीय भंडार होने का हवाला देते हैं (जो किसी भी अपेक्षित वित्तीय आपात स्थिति से निबटने में सहायता करते हैं)। [6] विश्व बैंक भी कोरिया को ब्रिक्स देश और इंडोनेशिया के साथ-साथ अगली पीढ़ी की सबसे तेजी से विकसित होने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताता है। [7]दक्षिण कोरिया उन चुनिंदा विकसित देशों में से एक था जो वैश्विक वित्तीय संकट केदौरान मंदी से बचने में सक्षम रहे थे, [8]और इसकी आर्थिक विकास दर २०१० में ६.२% तक पहुँच गई, जो कि 2008 में २.३% और 2009 में ०.२% पर थी। एक विकसित देश के हिसाब से यह काफ़ी तेज़ रिकवरी मानी जाती है। दक्षिण कोरियाई अर्थव्यवस्था ने 2013 के अंत में चालू खाते के 70.7 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड-अधिशेष के साथ 2012 के 47 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल की अनिश्चितताओं के बीच मुख्य तौर पर प्रौद्योगिकी उत्पादों का उत्पादन और निर्यात किया। [9]