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तम्बाकू धूम्रपान एक ऐसा अभ्यास है जिसमें तम्बाकू को जलाया जाता है और उसका धुआं या तो चखा जाता है या फिर उसे सांस में खींचा जाता है। इसका चलन 5000-3000 ई.पू.के प्रारम्भिक काल में शुरू हुआ।[1] कई सभ्यताओं में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान इसे सुगंध के तौर पर जलाया गया, जिसे बाद में आनंद प्राप्त करने के लिए या फिर एक सामाजिक उपकरण के रूप में अपनाया गया।[2] पुरानी दुनिया में तम्बाकू 1500 के दशक के अंतिम दौर में प्रचलित हुआ जहां इसने साझा व्यापारिक मार्ग का अनुसरण किया। हालांकि यह पदार्थ अक्सर आलोचना का शिकार बनता रहा है, लेकिन इसके बावज़ूद वह लोकप्रिय हो गया।[3] जर्मन वैज्ञानिकों ने औपचारिक रूप से देर से 1920 के दशक के अन्त में धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के बीच के संबंधों की पहचान की जिससे आधुनिक इतिहास में पहले धूम्रपान विरोधी अभियान की शुरुआत हुई। आंदोलन तथापि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों की सीमा में पहुंचने में नाकाम रहा और उसके बाद जल्द ही अलोकप्रिय हो गया।[4] 1950 में स्वास्थ्य अधिकारियों ने फिर से धूम्रपान और कैंसर के बीच के सम्बंध पर चर्चा शुरू की। [5] वैज्ञानिक प्रमाण 1980 के दशक में प्राप्त हुए, जिसने इस अभ्यास के खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई पर जोर दिया। 1965 से विकसित देशों में खपत या तो क्षीण हुई या फिर उसमें गिरावट आयी।[6] हालांकि, विकासशील दुनिया में बढ़त जारी है।[7]
तम्बाकू के सेवन का सबसे आम तरीका धूम्रपान है और तम्बाकू धूम्रपान किया जाने वाला सबसे आम पदार्थ है। कृषि उत्पाद को अक्सर दूसरे योगज के साथ मिलाया जाता है[8] और फिर सुलगाया जाता है। परिणामस्वरूप भाप को सांस के जरिये अंदर खींचा जाता है फिर सक्रिय पदार्थ को फेफड़ों के माध्यम से कोशिकाओं से अवशोषित कर लिया जाता है।[9] सक्रिय पदार्थ तंत्रिका अंत में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शुरू करती है जिससे हृदय गति, स्मृति और सतर्कता[10] और प्रतिक्रिया की अवधि बढ़ जाती है।[11] डोपामाइन (Dopamine) और बाद में एंडोर्फिन(endorphin) का रिसाव होता है जो अक्सर आनंद से जुड़े हुए हैं।[12] 2000 में धूम्रपान का सेवन कुछ 1.22 बिलियन लोग करते थे। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में धूम्रपान की संभावना अधिक होती हैं[13] तथापि छोटे आयु वर्ग में इस लैंगिक अंतर में गिरावट आती है।[14][15] गरीबों में अमीरों की तुलना में और विकसित देशों के लोगों में अमीर देशों की तुलना में धूम्रपान की संभावना अधिक होती है।[7]
धूम्रपान करने वाले कई किशोरावस्था में या आरम्भिक युवावस्था के दौरान शुरू करते हैं। आम तौर पर प्रारंभिक अवस्था में धूम्रपान सुखद अनुभूतियां प्रदान करता है, सकारात्मक सुदृढीकरण के एक स्रोत के रूप में कार्य करता है। एक व्यक्ति में कई वर्षों के धूम्रपान के बाद परिहार के लक्षण और नकारात्मक सुदृढीकरण उसे जारी रखने का प्रमुख उत्प्रेरक बन जाता है।
धूम्रपान का इतिहास बहुत पुराना 5000-3000 ई.पू. के पहले से रहा है जब दक्षिण अमेरिका में कृषि उत्पादों की खेती शुरू हुई थी; उसका बाद में प्रयोग पौधे के पदार्थ को जलाकार इस्तेमाल या तो दुर्घटनावश शुरू हुआ या उपभोग के अन्य साधन की खोज के इरादे से विकसित हुआ।[1] इसका उपयोग झाड़-फूंक के अनुष्ठानों में अपनी तरह से होता रहा। [16][page needed] कई प्राचीन सभ्यताओं में जैसे कसदियों, भारतीयों और चीनियों में धूप जलाना एक धार्मिक अनुष्टान का एक भाग है, जैसे इसराइलियों और बाद के कैथोलिक और रूढ़िवादी क्रिश्चियन चर्च जलाते हैं। अमेरिका में धूम्रपान का मूल संभवतः झाड़फूंक के समारोहों में धूप जलाने से हुआ है लेकिन बाद में आनंद के लिए या फिर एक सामाजिक उपकरण के रूप में अपनाया गया।[2] तम्बाकू और विभिन्न हेलुसिनोजेनिक (hallucinogenic) नशीले पदार्थों का प्रयोग तन्मयावस्था और आत्मा की दुनिया से संपर्क में आने के लिए किया जाता था।
पूर्वी उत्तर अमेरिकी जनजातियां व्यापार के एक सहज स्वीकार तैयार मद के रूप में तम्बाकू के पाउच का बड़ी मात्रा में अपने पास रखते हैं और अक्सर पाइप से धूम्रपान करते हैं, चाहे वह परिभाषित समारोह हो जिसे पवित्र माना जाता है या सौदे को पक्का करने के लिए[17] और वे इसे जीवन के सभी चरणों सभी अवसरों पर पीते हैं, यहां तक कि बचपन में भी.[18][page needed] ऐसी मान्यता है कि तम्बाकू इस जगत के निर्माता से मिला एक एक उपहार था और तम्बाकू के कश से निकला धुआं उस व्यक्ति विशेष के विचारों और प्रार्थनाओं को स्वर्ग तक ले जा पाने में सक्षम है।[19]
धूम्रपान के अलावा दवा के रूप में भी तम्बाकू का उपयोग होता है। एक दर्द निवारक के तौर पर यह कान के दर्द और दांत के दर्द और कभी-कभी एक प्रलेप के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। रेगिस्तान में रहने वाले भारतीय कहते हैं कि धूम्रपान करने से जुकाम ठीक हो जाता है, खासकर यदि तम्बाकू में तेजपात के छोटे पत्ते तेजपात की डोरी या भारतीय गुलमेंहदी या खांसी मूल Leptotaenia multifida मिला दिये जायें, जो इसके अतिरिक्त अस्थमा और तपेदिक के लिए विशेष रूप से अच्छा माना गया।[20]
1612 में जेम्सटाउन के अवस्थापन के छह साल बाद जॉन राल्फ पहले अधिवासी हैं जिन्होंने तम्बाकू की एक नकदी फसल के रूप में सफलतापूर्वक खेती की। तम्बाकू की मांग में तेजी से वृद्धि हुई, उसे "भूरा सोना" कहा गया, क्योंकि उसने सोने के अभियान में विफल वर्जीनिया को शेयर कंपनी में पुनर्जीवित कर दिया। [21] पुरानी दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए तम्बाकू की पैदावार लगातार की गयी जिसके परिणामस्वरूप ज़मीन की उर्वरा शक्ति शीघ्र ही कम हो गयी। इसने पश्चिम को एक अज्ञात महाद्वीप में बसने के लिए प्रेरक का कार्य किया और इसी तरह तम्बाकू उत्पादन का एक विस्तार हुआ।[22] बेकन विद्रोह के पहले तक अनुबंधित दासता ही प्राथमिक श्रम बल का आधार थी जिसके कारण दास प्रथा पर ध्यान केन्द्रित हुआ।[23] यह प्रवृत्ति अमेरिकी क्रांति के बाद कम हुई और दासप्रथा लाभहीन मानी गयी। हालांकि यह प्रथा 1794 में पुनर्जीवित हो गयी जब कपास की चर्खी का आविष्कार हुआ।[24][page needed]
फ्रांसीसी जीन निकोट (जिनके नाम से निकोटीन शब्द व्युत्पन्न हुआ) ने 1560 में फ्रांस को तम्बाकू से परिचित कराया और फिर तम्बाकू इंग्लैंड में फैल गया। किसी अंग्रेज के धूम्रपान की पहली रिपोर्ट 1556 मे ब्रिस्टल में एक नाविक की है, "उसकी नाक से धुआं निकलता देखा गया".[3] चाय, कॉफी और अफीम की तरह तम्बाकू भी अभी कई मादक द्रव्यों में से एक है जो मूल रूप से दवा के रूप में इस्तेमाल किया गया था।[25] फ्रेंच में व्यापारियों द्वारा 1600 के आसपास तम्बाकू को वहां परिचित कराया गया जिसे आज के आधुनिक समय में जाम्बिया और सेनेगल कहते हैं। उसी समय मोरक्को के काफ़िले टिम्बकटू और पुर्तगाल के आसपास के क्षेत्रों में तम्बाकू ले आये और यह वस्तु (और पौधे) दक्षिण अफ्रीका को दिये, जिससे पूरे अफ्रीका में 1650 के दशक में तम्बाकू की लोकप्रियता स्थापित हो गयी।
पुरानी दुनिया में परिचित होने के बाद से ही तम्बाकू की राज्य और धर्मिक नेताओं द्वारा लगातार आलोचना हुई। ओटोमन साम्राज्य 1623-40 के सुल्तान मुराद IV (चतुर्थ) लोगों की नैतिकता और स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान को खतरा बताकर उस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करने वाले पहले लोगों में से थे। चीनी सम्राट चोंगझेन ने अपनी मौत के दो साल पहले फतवे जारी कर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया था और मिंग राजवंश को अपदस्थ कर दिया था। बाद में मूल रूप से खानाबदोश अश्व योद्धा किंग राजवंश के मांचू ने धूम्रपान के खिलाफ प्रचार किया कि वह तीरंदाजी की उपेक्षा करने से भी अधिक जघन्य अपराध है। जापान में ईदो अवधि में शुरुआत में तम्बाकू बागानों कोतानाशाही द्वारा घृणा की निगाह से देखा गया क्योंकि मूल्यवान खेतों को खाद्यान्न फसलों के लिए इस्तेमाल करने के बजाय मनोरंजक मादक पदार्थ का इस्तेमाल कर नष्ट करने को सैन्य अर्थव्यवस्था के लिए खतरे के तौर पर देखा गया।[26]
अधिकाशं धार्मिक नेता उन लोगों में प्रमुख थे जो यह मानते थे कि धूम्रपान अनैतिक या पूरी तरह से निंदनीय है। 1634 में मास्को के पैट्रिआर्क में तम्बाकू की बिक्री निषिद्ध कर दी गयी और प्रतिबंध को तोड़ने वाले पुरुषों और महिलाओं की नाक काटने की सजा सुनाई गयी और उनकी पीठ पर तब तक चाबुक मारने की सजा दी गयी, जब तक चमड़ी न उधड़ जाये. पश्चिमी चर्च नेता अर्बन VII (सप्तम) ने इसी तरह धूम्रपान की निन्दा की और पोप सम्बंधी 1642 का आदेश सुनाया. कई ठोस प्रयासों के बावजूद प्रतिरोध और प्रतिबंध लगभग सर्वत्र नजरअंदाज कर दिये गये। जब एक कट्टर धूम्रपान विरोधी और ए काउंटरब्लास्ट टू टोबैको के लेखक, इंग्लैंड के जेम्स I (प्रथम), ने 1604 में तम्बाकू पर 4000% तक वृद्धि कर नयी प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की कोशिश की तो उसे लंदन के लगभग 7,000 तम्बाकू विक्रेताओं ने असफल साबित कर दिया। बाद में, होशियार शासकों को धूम्रपान प्रतिबंध की निरर्थकता का एहसास हुआ और तम्बाकू के व्यापार और खेती को सरकारी आकर्षक एकाधिकार में बदल दिया। [27][28]
1600 दशक के मध्य में प्रत्येक प्रमुख समाज में तम्बाकू के धूम्रपान का प्रचलन कराया गया और कई मामलों में इसके उपयोग को कई शासकों द्वारा कठोर दंड या जुर्माना लगाकर समाप्त करने प्रयासों के बावजूद वह मूल संस्कृति में पहले ही आत्मसात किया जा चुका था। तम्बाकू उत्पाद और पौधा दोनों प्रमुख व्यापार मार्गों से प्रमुख बंदरगाहों और बाजारों में आया और फिर भीतरी प्रदेशों में पहुंचा। अंग्रेजी भाषा में स्मोकिंग (smoking) शब्द 1700 के दशक के परवर्ती काल में गढ़ा गया, उससे पहले उसे ड्रिंकिंग स्मोक (drinking smoke) कहा जाता था।[3][page needed]
1860 के दशक में अमेरिकी नागरिक युद्ध तक उसका विकास स्थिर रहा, जब प्राथमिक श्रम शक्ति दासता से स्थानांतरित होकर फसलों का हिस्सेदार बनी। यह, मांग में परिवर्तन के साथ हुआ और सिगरेट के उत्पादन के साथ तम्बाकू औद्योगीकरण की ओर बढ़ा. 1881 में एक शिल्पकार जेम्स बोनसैक ने सिगरेट के उत्पादन की गति बढ़ाने के लिए एक मशीन का उत्पादन किया।[29]
जर्मनी में धूम्रपान विरोधी समूह अक्सर शराब विरोधी समूहों के साथ जुड़ गये,[30] तम्बाकू के सेवन के खिलाफ डेर टैबकजेजनेर Der Tabakgegner (तम्बाकू प्रतिद्वन्द्वी) पत्रिका में 1912 और 1932 में प्रकाशित लेख में पहली बार वकालत की गयी। सन 1929 में जर्मनी के ड्रेसडेन के फ्रिट्ज लिकिंट ने एक लेख प्रकाशित किया जिसमें फेफड़ों के कैंसर-टोबैको लिंक का औपचारिक सांख्यिकीय सबूत था। एडॉल्फ हिटलर ने घनघोर अवसाद के दौरान धूम्रपान करने की लत को पैसे की बरबादी कहकर निन्दा की थी और बाद में उसने दृढ़ वक्तव्य दिये। [31] यह आंदोलन आगे चलकर नाजी प्रजनन नीति के कारण और मज़बूत हुआ जिसमें महिलाओं के धूम्रपान को एक जर्मन परिवार में पत्नियों और माताओं के लिए अनुपयुक्त माना गया।[32]
नाज़ी जर्मनी में तम्बाकू विरोधी आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शत्रु रेखा के पार नहीं पहुंच पाया, जिसके कारण धूम्रपान विरोधी समूहों ने जल्दी ही अपनी लोकप्रियता खो दी। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक अमेरिकी सिगरेट निर्माता ने जल्दी ही जर्मनी के काला बाज़ार में फिर से प्रवेश किया। तम्बाकू की अवैध तस्करी का प्रचलन हो गया[33] और धूम्रपान विरोधी अभियान के नाज़ी नेता खामोश हो गये।[34] मार्शल योजना के एक हिस्से के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका ने जर्मनी को 1948 में 24,000 टन और 1949 में 69,000 टन तम्बाकू मुफ्त में भेज दिया। [33] युद्ध के बाद के जर्मनी में प्रति व्यक्ति वार्षिक सिगरेट की खपत 1950 में 460 से बढ़कर 1963 में 1,523 हो गयी।[4] 1900 के दशक के अन्त तक जर्मनी में धूम्रपान विरोधी अभियान 1939-41 में नाज़ी युग के अंत में अपनी प्रभावशीलता बढ़ा पाने में असफल रहा और जर्मन तम्बाकू स्वास्थ्य अनुसंधान की व्याख्या राबर्ट एन. प्रॉक्टर द्वारा एक "मंदित" के रूप में की गयी।[4]
रिचर्ड डॉल ने 1950 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में अनुसंधान प्रकाशित किया जिसमें धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के बीच करीबी सम्बंध प्रदर्शित किया गया।[35] चार साल बाद 1954 में ब्रिटिश डॉक्टरों के अध्ययन में, जिसे 20 वर्षों तक लगभग 40 हजार डॉक्टरों ने किया था, इस सुझाव की पुष्टि की, जिसके आधार पर सरकार ने सलाह जारी की कि धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर की दर का आपसी संबंध है।[5] इसी तरह 1964 में धूम्रपान और स्वास्थ्य पर संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्जन जनरल की रिपोर्ट धूम्रपान और कैंसर के बीच संबंध पर सुझाव से शुरू हुई।
1980 के दशक में मिले वैज्ञानिक प्रमाण के अनुसार तम्बाकू कंपनियां ने दावा किया है कि लापरवाही बरतने का कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से पहले उनका अनजान होना था या पर्याप्त विश्वसनीयता का अभाव था। स्वास्थ्य अधिकारियों ने 1998 तक इन दावों का साथ दिया जिसके बाद उन्होंने अपनी स्थिति उलट दी। तम्बाकू प्रधान निपटान समझौता (द टोबैको मास्टर सैटलमेंट एग्रीमेंट) मूल रूप से चार सबसे बड़ी तम्बाकू कंपनियों और 46 राज्यों के अमेरिकी एटोर्नी जनरल के बीच हुआ। तम्बाकू के कुछ खास प्रकार के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया और स्वास्थ्य मुआवजे के तौर पर भुगतान को आवश्यक कर दिया गया, जो बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़े नागरिक निपटान के रूप सामने आया।[36]
1965 से लेकर 2006 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में धूम्रपान की दर 42% से गिरकर 20.8% तक आयी है।[6] जिन लोगों ने छोड़ा उनमें अधिकांश पेशेवर, संपन्न लोग थे। उपभोग में कमी होने के बावजूद, प्रति दिन प्रति व्यक्ति सिगरेट की औसत खपत 1954 में 22 से बढ़कर 1978 में 30 हो गयी। यह परस्पर विरोधी परिणाम यह स्पष्ट करता है कि जिन लोगों ने पीना छोड़ा वे कम धूम्रपान करते थे, जबकि वे लोग जिन्होंने धूम्रपान करना जारी रखा वे अधिक मात्रा में हल्के सिगरेट पीने लगे। [37] यह प्रवृत्ति कई औद्योगिक देशों में सामान्तर चलती रही जहां भले ही उसकी दर बराबर रही या उसमें गिरावट आयी। हालांकि विकासशील दुनिया में तम्बाकू की खपत में 2002 में 3.4% की वृद्धि जारी रही। [7] अफ्रीका में ज्यादातर इलाकों में धूम्रपान को आधुनिक माना जाता है और यह मजबूत प्रतिकूल राय है कि पश्चिम में इस पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है।[38] आज रूस तम्बाकू का शीर्ष उपभोक्ता है और उसके बाद इंडोनेशिया, लाओस, यूक्रेन, बेलारूस, ग्रीस, जोर्डन और चीन हैं।[39]
तम्बाकू एक कृषि उत्पाद है जो निकोटीनिया प्रजाति के पौधों की ताज़ा पत्तियों का प्रसंस्करण है। इस प्रजाति में कई उपजातियां हैं, हालांकि निकोटीनिया टबाकुम (Nicotiana tabacum) सामान्यतः उगाया जाता है। निकोटीआना रस्टिका (Nicotiana rustica) निकोटीन की उच्च सांद्रता के मामले में दूसरे नम्बर पर है। इन पत्तियों की खेती होती है और धीमे ऑक्सीकरण की सुविधा और तम्बाकू के पत्ते में कैरोटीनॉयड को कम होने दिया जाता है ताकि वह स्वस्थ हो जाये. इससे तम्बाकू के पत्तों में कुछ यौगिक तैयार होते हैं जो मीठी घास, चाय, तेल गुलाब या फल जैसा खुशबूदार जायका पैदा करते हैं। पैकेजिंग से पहले तम्बाकू अक्सर नशे की शक्ति बढ़ाने के लिए अन्य योगज के साथ संयुक्त रूप से रखा जाता है ताकि उत्पाद का पीएच (pH) बदल जाये या धूम्रपान का प्रभाव या स्वाद बेहतर हो जाये. संयुक्त राज्य अमेरिका में इन योजकों में 599 पदार्थों का नियमन किया गया है।[8] इस उत्पाद को उसके बाद प्रसंस्कृत और पैक कर उपभोक्ता बाजार के लिए भेज दिया जाता है। खपत के साधन के तौर पर सक्रिय तत्वों के साथ कम गौण-उत्पाद को नये तरीके के रूप में सम्मिलित कर इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं का विस्तार किया गया है।
तम्बाकू में सक्रिय तत्व, विशेष रूप से सिगरेट में पत्तों को जलाकर और वाष्पीकृत गैस को सांस से खींचकर प्राप्त किया जाता है। यह जल्द और प्रभावी ढंग से पदार्थों को खून में अवशोषित कर फेफड़ों में कोशिकाओं के जरिये पहुंचाया जाता है। फेफड़ों में लगभग 300 मिलियन रक्त कोशिकाएं होती है, जिसके सतह का क्षेत्रफल 70 m2 (एक टेनिस कोर्ट के आकार के बराबर) होता है। यह विधि विफल है क्योंकि पूरा धुआं सांस से नहीं खींचा जाता है और सक्रिय पदार्थों में से कुछ मात्रा जलाये जाने की प्रक्रिया के दौरान वाष्पीकरण में नष्ट हो जाती है।[9] पाइप और सिगार का धुआं उच्च क्षारयुक्त होने के कारण सांस से नहीं खींचा जाता जो श्वासनली और फेफड़ों को हानि पहुंचा सकते हैं। तथापि, सिगरेट (pH 5.3) के धुएं की तुलना में इसके उच्च क्षारयुक्त (pH 8.5) होने के कारण संगठित निकोटीन और अधिक आसानी से मुंह में श्लेष्म झिल्ली के माध्यम से अवशोषित कर लेता है।[45] सिगार और पाइप से निकोटीन अवशोषण बहरहाल सिगरेट के धुएं से बहुत कम होता है।[46]
सांस से खींचे गये पदार्थों तंत्रिका के सिरे के अंत में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शुरू करते है। क्लोनेर्जिक रिसेप्टर अक्सर स्वाभाविक रूप से न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitter) एस्टीलक्लोलाइन(acetylcholine) से चालू होने वाले हैं। Acetylcholine और निकोटीन रासायनिक समानताओं को व्यक्त करता है जो निकोटीन को रिसेप्टर के रूप में काम करने की अनुमति देता है।[47] ये निकोटिनिक acetylcholine रिसेप्टर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में स्थित लगते हैं और तंत्रिका-कंकाल की मांसपेशियों की ताकत जंक्शन पर सक्रिय रूप से दिल की गति, सतर्कता[10] और प्रतिक्रिया समय को द्रुत कर देते हैं।[11] निकोटीन acetylcholine उत्तेजना प्रत्यक्ष तौर पर नशे की लत नहीं है। हालांकि जैसे ही डोपामाइन से प्रचुर मात्रा में न्यूरॉन्स निकोटीन रिसेप्टर्स प्रवाहित होते हैं, डोपामाइन प्रवाहित होता है।[48] डोपामाइन के प्रवाहित होने से, जो आनंद से जुड़ा हुआ है अधिक मजबूत होता है और काम करने की स्मृति में उससे वृद्धि हो सकती है।[12][49] निकोटीन और कोकीन न्यूरॉन्स के समान पैटर्न हैं, जो कि इस विचार का समर्थन करते हैं कि इन मादक पदार्थों के बीच आम अधःस्तर सक्रिय है।[50]
जब तम्बाकू का सेवन किया जाता है, ज्यादातर निकोटीन झुलस जाता है। हालांकि, एक खुराक हल्की शारीरिक निर्भरता के लिए पर्याप्त है और एक मजबूत मनोवैज्ञानिक निर्भरता को हल्का करने के लिए पर्याप्त रहती है। वहां तम्बाकू के धुएं में मौजूद acetaldehyde से हारमोन(एक MAO अवरोधक) का गठन भी होता है। ऐसा लगता है कि निकोटीन के नशे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है- निकोटीन की उत्तेजनाओं के जवाब के रूप में एक जवाबी कार्रवाई के तौर पर नाभिक accumbens में एक dopamine की सुविधा जारी की गयी।[51] अध्ययन के लिए चूहे का उपयोग करके यह दोहराया गया कि निकोटीन के उपयोग के बाद कम जिम्मेदार नाभिक accumbens कोशिकाएं सुदृढीकरण के लिए जिम्मेदार हैं, जो अपराध में फंसाने की कई घटनाओं, जिसमें केवल निकोटीन ही नहीं इसी तरह की चीजें मजबूती को कम कर देती हैं।[52]
=== जनसांख्यिकीय
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सन 2000 में 1.22 लोग धूम्रपान करते थे। प्रचलन में परिवर्तन का कोई अनुमान न लगाते हुए यह भविष्यवाणी की गयी है कि 2010 में 1.45 बिलियन लोग और 2025 में 1.5 से 1.9 बिलियन लोग धूम्रपान करेंगे। मान लें कि प्रसार एक साल में 1% कम होता है और आय में 2% की मामूली वृद्धि होती है तो धूम्रपान करने वालों की संख्या 2010 और 2025 में अनुमानित 1.3 बिलियन होगी। [13]
पुरुषों में महिलाओं की तुलना में धूम्रपान की लत पांच गुना अधिक होती हैं,[13] हालांकि छोटे आयु वर्ग में इस लैंगिक अंतर में गिरावट आती है।[14][15] विकसित देशों में पुरुषों में धूम्रपान अपने चरम पर पहुंच चुका है और उसमें गिरावट आनी शुरू हो गयी है हालांकि महिलाओं के मामले में वृद्धि बरकरार है।[53]
2002 में बीस प्रतिशत युवा किशोर (13-15) दुनिया भर में धूम्रपान करते थे। जिसमें से 80,000 के 1,00,000 बच्चों ने रोज धूम्रपान करना शुरू किया था- जिनमें से लगभग आधे एशिया में रहते हैं। जिन्होंने किशोर उम्र में धूम्रपान शुरू किया था उनमें से आधे लोगों के 15 से 20 साल तक धूम्रपान जारी रखने का अनुमान है।[7]
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि "तम्बाकू के कारण पैदा हुई बीमारियों और उससे हुई मौत के मामलों के ज्यादातर शिकार गरीब लोग होते हैं। 1.22 बिलियन धूम्रपान करने वालों में से 1 बिलियन विकासशील या संक्रमणकालीन अर्थव्यवस्थाओं में रहते हैं। धूम्रपान की दरें विकसित दुनिया में या तो खत्म हो गयी हैं या उनमें गिरावट आई है।[54] हालांकि विकासशील दुनिया में तम्बाकू सेवन प्रति वर्ष 3.4% की दर से बढ़ रही है, जितनी 2002 में थी।[7]
WHO ने 2004 में दुनियाभर में 58.8 मिलियन लोगों की मृत्यु का अनुमान लगाया है,[55] जिनमें से 5.4 मिलियन के लिए तम्बाकू को जिम्मेदार ठहराया है[56] और उसी तरह 2007 में 4.9 मिलियन मौतें हुईं.[57] 2002 में 70% मौतें विकासशील देशों में हुईं.[57]
धूम्रपान की शुरूआत ज्यादातर किशोरावस्था या किशोरावस्था के आरम्भिक दौर में होती है। धूम्रपान में जोखिम के तत्व और विद्रोह होता है, जो कि अक्सर युवा लोगों को आकर्षित करता है। उच्च स्तर के मॉडल और साथियों की उपस्थिति भी धूम्रपान करने को प्रोत्साहित कर सकती है। चूंकि किशोर वयस्कों की तुलना में अपने साथियों से अधिक प्रभावित होते हैं इसलिए माता-पिता, स्कूल तथा स्वास्थ्य पेशेवर इन लोगों के सिगरेट पीने के प्रयास को रोकने में अक्सर असफल होते हैं।[58][59]
धूम्रपान करने वाले माता पिता के बच्चों में गैर धूम्रपान करने वाले माता-पिता के बच्चों से धूम्रपान करने की संभावना अधिक होती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि माता पिता के धूम्रपान छोड़ने का सम्बंध किशोरावस्था में कम धूम्रपान से है, सिवाय तब जब दूसरे माता पिता वर्तमान में धूम्रपान करते हों.[60] एक मौजूदा अध्ययन के परीक्षण में पाया गया है कि धूम्रपान के नियमन के मामले में किशोरावस्था में धूम्रपान का सम्बंध घर में वयस्कों को धूम्रपान की अनुमति से है। परिणाम बताते हैं कि घर में धूम्रपान सम्बंधी प्रतिबंधात्मक नीतियां माध्यमिक और उच्च विद्यालय के छात्रों के धूम्रपान की कोशिश की कम संभावना के साथ जुड़े हैं।[61]
कई धूम्रपान विरोधी संगठनों का दावा है कि किशोर अपने हमउम्र के साथियों के दबाव तथा दोस्तों के पड़े सांस्कृतिक प्रभाव के कारण धूम्रपान शुरू करते हैं। हालांकि, एक अध्ययन में पाया गया है कि सिगरेट पीने का प्रत्यक्ष दबाव किशोरावस्था में धूम्रपान में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाता है। इस अध्ययन में यह भी रिपोर्ट है कि किशोरावस्था में सिगरेट पीने के निर्देशात्मक और प्रत्यक्ष दोनों तरह के दबाव कम होते हैं।[62] ऐसे ही एक अध्ययन से पता चला है कि कोई व्यक्ति धूम्रपान में उससे अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है जिसकी भूमिका पहले स्वीकार की गयी है और साथियों के दबाव की तुलना में अन्य सामाजिक प्रक्रियाओं पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।[63] एक अन्य अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि साथियों के दबाव में सभी आयु और लिंग के दल के धूम्रपान व्यवहार महत्वपूर्ण ढंग से जुड़े थे, लेकिन वे अंतरवैयक्तिक कारक काफी अधिक महत्वपूर्ण थे जो 12-13 वर्ष की लड़कियों की तुलना में उसी उम्र के लड़कों के धूम्रपान व्यवहार को अलग करता है। 14-15 साल के भीतर के आयु समूह के लोगों में अपने साथियों के धूम्रपान के दबाव का प्रभाव लड़कों की तुलना में लड़कियों पर अधिक पड़ना एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभरा.[64] अक्सर इस बात पर बहस होती है कि क्या साथियों के दबाव या स्वयं चयन किशोरावस्था में धूम्रपान का एक बड़ा कारण है। यह तर्क का विषय है कि साथियों के दबाव का उल्टा भी सच है, जब साथियों में से ज्यादातर धूम्रपान नहीं करते हैं और जो ऐसा करने वालों को बहिष्कृत कर देते हैं।[उद्धरण चाहिए]
हैंस आइसेंक जैसे मनोवैज्ञानिकों ने विशिष्ट धूम्रपान करने वालों के लिए एक व्यक्तित्व विकास प्रोफ़ाइल किया है।
बहिर्मुखता एक ऐसी विशेषता है जो ज्यादातर धूम्रपान से जुड़ी है और धूम्रपान करने वाले मिलनसार, आवेगी, जोखिम उठाने वाले और उत्तेजना की चाहते रखने वाले व्यक्ति होते हैं।[65] हालांकि व्यक्तित्व और सामाजिक कारक लोगों को धूम्रपान के लिए प्रेरित कर करते हैं, वास्तविक आदत प्रभाव डालने की अनुकूलता की क्रिया है। प्रारंभिक चरण के दौरान धूम्रपान सुखद अनुभूतियां प्रदान करता है (इसके डोपामाइन-dopamine प्रणाली पर प्रभाव के कारण) और इस तरह सकारात्मक सुदृढ़ीकरण के एक स्रोत के रूप में कार्य करता है। एक व्यक्ति द्वारा कई वर्षों तक धूम्रपान करने के पश्चात परिहार के लक्षण और नकारात्मक सुदृढ़ीकरण प्रमुख उत्प्रेरक हो जाते हैं।[उद्धरण चाहिए]
चूंकि वे एक ऐसी गतिविधि में लिप्त होते हैं जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, अतः ऐसे लोग जो लोग धूम्रपान करते हैं, वे अपने व्यवहार को युक्तिसंगत बनाने के लिए प्रयत्नशली रहते हैं। दूसरे शब्दों में वे स्वीकार्यता विकसित करते हैं, जरूरी नहीं कि उनके पास यह तार्किक कारण हो कि उनके लिए धूम्रपान की स्वीकार्यता क्यों है। उदाहरण के लिए, एक धूम्रपान करने वाला अपने व्यवहार का औचित्य यह कहकर साबित कर सकता है कि हर कोई मरता है और इसलिए वास्तव में सिगरेट कुछ भी नहीं बदलती. या एक व्यक्ति औचित्य साबित करने के लिए यह विश्वास जता सकता है कि धूम्रपान तनाव से राहत या अन्य लाभ दिलाता है। इस प्रकार की मान्यताएंचिन्ता से रोकती हैं और लोग धूम्रपान जारी रखते हैं।[उद्धरण चाहिए]
इस गतिविधि के लिए धूम्रपान करने वालों द्वारा दिए गए कारण को मोटे तौर पर इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है: धूम्रपान के नशे की लत, मजे के लिए धूम्रपान, तनाव में कमी/विश्राम, सामाजिकता के कारण धूम्रपान, उत्तेजना, आदत/स्वचालन और प्रबंधन . इन वजहों में से कितनी वजहें जिम्मेदार हैं यह लिंगभेद पर निर्भर है, तनाव में कमी/विश्राम, उत्तेजना और सामाजिकता के कारण धूम्रपान के मामले महिलाओं में पुरुषों से अधिक होने की संभावना का हवाला दिया गया है।[66]
कुछ धूम्रपान करने वालों का तर्क है कि धूम्रपान के अवसादक का प्रभाव उनकी नसों को शांत करता है, अक्सर एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि इंपीरियल कॉलेज लंदन के अनुसार, "निकोटीन उत्तेजक और अवसाद दोनों का प्रभाव देने लगता है और यह संभावना है कि यह प्रभाव किसी भी समय उपयोगकर्ता की मनोस्थिति, पर्यावरण और उपयोग की परिस्थितियों द्वारा निर्धारित होता है। अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि कम खुराक का एक अवसादक प्रभाव है, जबकि ज्यादा खुराक लेने का उत्तेजक प्रभाव होता है।[67] तथापि निकोटीन के उपयोग के प्रभाव और निकोटीन छोड़ने के प्रभाव को अलग करना असंभव है।[उद्धरण चाहिए]
स्वास्थ्य के हानिकारक प्रभावों से प्रतिरोध की कमी आशावादी पूर्वाग्रह का एक प्राचीन आदर्श (प्रोटोटीपिकल) उदाहरण है। इसके अलावा संभावना की समझ की कमी कि आम तौर पर इसका प्रभाव ज्यादा उम्र में दिखायी देता है और व्यक्तित्व में ह्रास या विकार पैदा करता है जो आम तौर पर उच्च जोखिम या आत्म विनाशकारी व्यवहार में दिखायी देता है।[उद्धरण चाहिए]
कई अध्ययनों ने यह स्थापना की है कि सिगरेट की बिक्री और धूम्रपान के उपयोग के समय संबंधी ढांचे अलग हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में सिगरेट की बिक्री का ढांचा काफी हद तक मौसम से जुड़ा हुआ है, गर्मी के महीने में इसकी बिक्री काफी बढ़ जाती है, जबकि सर्दियों में इसकी खपत कम हो जाती है।[68]
इसी प्रकार धूम्रपान में दिवसारम्भ (circadian) के साथ अलग अभ्यास दिखायी देता है, जागने के थोड़ी देर बाद सुबह और रात में सोने के कुछ पहले इसकी संख्या बढ़ जाती है।[69]
जिन देशों में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली है, वहां धूम्रपान करने वाले बीमार लोगों की समाजिक चिकित्सा देखभाल की लागत करों में वृ्द्धि के माध्यम से वहन की जाती है। इस मोर्चे पर दो तर्क मौजूद हैं, "धूम्रपान समर्थकों" का तर्क है कि भारी धूम्रपान करने वाले आम तौर पर लम्बा जीवन नहीं जीते जिससे बुढ़ापे को प्रभावित करने वाली खर्चीली और पुरानी बीमारी नहीं होती और यह समाज में स्वास्थ्य सेवा के बोझ को कम करता है। "धूम्रपान विरोधी" तर्क के अनुसार स्वास्थ्य चिकित्सा का बोझ बढ़ता है क्योंकि धूम्रपान करने वालों की सामान्य आबादी की तुलना में कम उम्र में लंबी बीमारी दर अधिक है।
दोनों के पास ही आंकड़े सीमित हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र (द सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिजर्वेशन) ने 2002 में प्रकाशित अपने अनुसंधान में दावा किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे गये एक पैकेट सिगरेट पर चिकित्सा देखभाल और उत्पादक ह्रास पर 7 डॉलर से अधिक की लागत आती है।[70] लागत और अधिक हो सकती है जबकि एक अन्य अध्ययन में उसे प्रति पैकेट पर $ 41 की लागत बतायी है, जिनमें से ज्यादातर व्यक्तिगत और उसकी/ उसके परिवार को वहन करना पड़ता है।[71] इस तरह से एक अन्य और अध्ययन के लेखक दूसरों के लिए बहुत कम लागत बताते हुए कहते हैं: "संख्या के कम होने का कारण निजी पेंशन, सामाजिक सुरक्षा और चिकित्सा है- खर्च की गणना में सबसे बड़ा कारक समाज है- धूम्रपान वास्तव में पैसे बचाता है। धूम्रपान करने वाले कम उम्र में मर जाते हैं और वे वह धन नहीं उठाते जो उन प्रणालियों से उन्हें भुगतान किये जाते.[71]
इसके विपरीत, कुछ गैर-वैज्ञानिक अध्ययन हैं जिसमें से एकचेक गणराज्य के फिलिप मॉरिस[72] द्वारा और दूसरा काटो इंस्टीट्यूट द्वारा किये गये हैं,[73] जो विपरीत स्थिति का समर्थन करते हैं। अध्ययन की न तो साथियों द्वारा समीक्षा की गई और न ही किसी वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया गया और काटो इंस्टीट्यूट को अतीत में तम्बाकू कंपनियों से धन प्राप्त हुआ था।[उद्धरण चाहिए] फिलिप मॉरिस ने स्पष्ट रूप से अपने पूर्व के अध्ययन के लिए यह कहकर माफी मांगी है कि: "इस अध्ययन के लिए धन और सार्वजनिक विज्ञप्ति में अन्य बातों के अलावा धूम्रपान करने वालों की समय से पहले होने वाली मौतों से चेक गणराज्य की विस्तृत कथित लागत बचत की बात एक एक भयानक निष्कर्ष है, साथ ही साथ वह पूर्ण रूप से बुनियादी मानवीय मूल्यों की उपेक्षा है, जो अस्वीकार्य है। हमारी तम्बाकू कंपनियों में से एक ने इस अध्ययन का कार्यभार दिया था, जो एक भयानक गलती नहीं थी, बल्कि वह अनुचित था। फिलिप मॉरिस में हम सभी, यह कोई मायने नहीं रखता कि हम कहां काम करते हैं, इस कार्य के लिए क्षमाप्रार्थी हैं। वास्तव में धूम्रपान से कोई फ़ायदा नहीं, उसके कारण गंभीर और महत्वपूर्ण रोग होते हैं।"[72]
1995 से 1970 के बीच गरीब विकासशील देशों में प्रति व्यक्ति सिगरेट की खपत में 67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि उसमें अमीर विकसित दुनिया में 10 प्रतिशत गिरावट आयी है। धूम्रपान करने वालों में से अस्सी प्रतिशत अब कम विकसित देशों में रहते हैं। 2030 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भविष्यवाणी है कि 10 मिलियन लोगों की मौत प्रतिवर्ष धूम्रपान से संबंधित बीमारियों से होगी जो दुनिया भर में मौत का एक सबसे बड़ा कारण होगा, महिलाओं में इसकी सबसे बड़ी वृद्धि होगी। WHO की भविष्यवाणी है कि 20 वीं सदी में धूम्रपान से हुई मौतों की दरों में 21 वीं सदी में दस गुना वृद्धि होगी। ("वाशिंगटन"(Washingtonian) पत्रिका, दिसम्बर 2007).
तम्बाकू का प्रयोग ज्यादातर हृदय और फेफड़ों को प्रभावित कर उससे जुड़ी बीमारियों को जन्म देता है, धूम्रपान दिल के दौरे का प्रमुख कारक बनता है, सदमा, दीर्घकालिक प्रतिरोधी फेफड़े के रोग (COPD), वातस्फीति और कैंसर (विशेष रूप से फेफड़ों का कैंसर, गले और मुंह का कैंसर और अग्नाशयी कैंसर).
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि तम्बाकू की वजह से 2004 में 5.4 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई[75] और 20 वीं सदी के दौरान 100 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। [76] इसी तरह, संयुक्त राज्य अमेरिका रोग नियंत्रण और निवारण केन्द्र ने तम्बाकू का प्रयोग का वर्णन विकसित देशों में मानव स्वास्थ्य और दुनिया भर में समय से पहले मौत के सबसे महत्वपूर्ण जोखिम वाले कारक के रूप में की है।"[77]
धूम्रपान की दर विकसित दुनिया में ठहर गयी है या फिर उसमें गिरावट आई है। संयुक्त राज्य अमेरिका में धूम्रपान की दर गिरकर आधी हो गयी है, वह वयस्यों में 1965 में 42% से घटकर 2006 में 20.8% हो गयी।[78] विकासशील दुनिया में तम्बाकू की खपत प्रति वर्ष 3.4% बढ़ रही है।[79]
पुराने समय के धूम्रपान करने वाले प्रसिद्ध व्यक्ति अपनी छवि के एक हिस्से के रूप में सिगरेट या पाइप का इस्तेमाल करते थे, जैसे जीन पॉल सार्त्र कीगौलोइसे -ब्रांड की सिगरेट,अल्बर्ट आइंस्टीन,जोसेफ स्टालिन, डगलस मैकआर्थर, बर्ट्रेंड रसेल, बिंग क्रोस्बी की पाइपें या समाचार प्रसारणकर्ताएडवर्ड आर. मुर्रो की सिगरेट. कुछ खास लेखक धूम्रपान के लिए जाने जाते थे, उदाहरण के लिए देखें कॉर्नेल प्रोफेसर रिचर्ड क्लीन की किताब सिगरेट्स आर सबलाइम, फ्रेंच साहित्य के इस प्रोफेसर की भूमिका ने बाद में 19 वीं और 20 वीं सदी में धूम्रपान में भूमिका निभाई. लोकप्रिय लेखक कर्ट वोंनेगुत ने अपने उपन्यासों में सिगरेट पीने की अपनी लत का उल्लेख किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हेरोल्ड विल्सन सार्वजनिक तौर पर पाइप पीने के लिए विख्यात थे और विंस्टन चर्चिल को सिगार के लिए जाना जाता है। सर आर्थर कॉनन डॉयल द्वारा रचा गया काल्पनिक जासूस शर्लक होल्मस "अपने लंदन के जीवन के सुस्त दिनों में जब कुछ नहीं हो रहा होता था तो अपने अत्यधिक क्रियाशील मस्तिष्क को व्यस्त रखने के लिए" खुद को कोकीन के इंजेक्शन लगाने के अलावा पाइप, सिगरेट और सिगार पीता था। DC वेर्टिगो कॉमिक बुक (हास्य पुस्तक) में एलन मूर का पात्र जॉन कांस्टेस्टाइन धूम्रपान का पर्याय बन गया है, इतना कि पहली कहानी के परामर्श निर्माता गर्थ इनीस ने उसे जॉन कांस्टेस्टाइन के फेफड़ों के कैंसर के आसपास केंद्रित कर दिया। पेशेवर पहलवान जेम्स फुलिंगटन ने हालांकि बहुत दिन से धूम्रपान करने वालों को दुर्भाग्य को आमंत्रित करने वाले एक चरित्र "सैंडमैन" (परियों की कहानियों का एक बौना, जो बच्चों की आंखों में रेत झोंककर उन्हें सोने के लिए विवश कर देता था) की संज्ञा दी है।
अमेरिकी राष्ट्र के कई मूल निवासी धार्मिक अनुष्ठानों के एक हिस्से के रूप में एक पवित्र पाइप से तम्बाकू का औपचारिक धूम्रपान कर प्रार्थना करते हैं। सेमा (Sema) तम्बाकू के अनिशिनाबे (Anishinaabe) का शब्द है, जो प्रार्थना में उपयोग के दौरान परम पवित्र पौधे के लिए विकसित हुआ क्योंकि ऐसा विश्वास है कि उसका धुआं प्रार्थना को स्वर्ग तक ले जाता है। ज्यादातर सबसे प्रमुख धर्मों में तम्बाकू का सेवन विशेष रूप से वर्जित नहीं है, हालांकि इसे एक अनैतिक आदत के रूप में हतोत्साहित किया गया। नियंत्रित अध्ययन के माध्यम से स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान किये जाने के पहले धूम्रपान को कुछ ईसाई प्रचारकों और समाज सुधारकों द्वारा एक अनैतिक लत माना जाता था। लैटर डे सेंट आंदोलन के संस्थापक जोसेफ स्मिथ, जूनियर ने दर्ज किया कि 27 फ़रवरी 1833 को उन्हें एक रहस्योद्घाटन मिला जो तम्बाकू के प्रयोग को हतोत्साहित करने वाला था। यह "ज्ञान का शब्द" बाद में एक आज्ञा के रूप में स्वीकार कर लिया गया और वफादार लैटर-डे संन्यासियों ने तम्बाकू से पूरी तरह बचने का मार्ग अपनाया.[80] जेनोवा के गवाहों ने धूम्रपान के खिलाफ बाइबिल के आदेश को अपना आधार बनाया "अपने शरीर के हर कलंक को साफ करो" कोरिनथिंस (2 Corinthians 7:1). यहूदी धर्मगुरु यिसरैल मीर कागन (1838-1933) उन पहले लोगों में से था, जिन्होंने यहूदी अधिकारियों से धूम्रपान पर बात की। सिख धर्म में तम्बाकू पीने पर सख्त पाबंदी है।[उद्धरण चाहिए] बहाई पंथ में हालांकि तम्बाकू पर पाबंदी नहीं है, लेकिन उसे हतोत्साहित किया जाता है।[81]
27 फ़रवरी 2005 को हुए तम्बाकू नियंत्रण पर WHO के रूपरेखा समझौते का प्रभाव पड़ा. FCTC दुनिया की पहली सार्वजनिक स्वास्थ्य संधि है। जिन देशों ने इस पर हस्ताक्षर किये वे इस बात पर सहमत थे कि वे आम लक्ष्यों की स्थापना, तम्बाकू नियंत्रण नीति के लिए न्यूनतम मानक और सिगरेट की सीमा-पार तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटने में सहयोग स्थापित करेंगे। वर्तमान में WHO ने घोषित किया है कि 4 बिलियन लोग इस संधि की परिधि में आयेंगे, जिस पर 168 लोगों ने हस्ताक्षर किये हैं।[82] दूसरे चरण में हस्ताक्षरकर्ता साथ मिलकर कानून बनायेंगे जिसमें कार्यस्थलों के अन्दर, सार्वजनिक परिवहन, इनडोर सार्वजनिक स्थानों और जहां तक उपयुक्त हो अन्य सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक लगायी जायेगी.
कई सरकारों ने सिगरेट की खपत कम करने के लिए सिगरेट पर उत्पाद कर लगाये हैं। सिगरेट पर करों से एकत्र पैसे अक्सर तम्बाकू के प्रयोग निवारण कार्यक्रमों में खर्च किये जाते हैं, इसलिए यह बाह्य लागत को समाहित करने का एक तरीका बन गया है।[उद्धरण चाहिए]
2002 में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे गये सिगरेट के एक पैकेट पर धूम्रपान करने वालों की चिकित्सा और उत्पादकता में क्षति के रूप में देश के 7 $ (डॉलर) से अधिक खर्च होते हैं, जो प्रतिवर्ष धूम्रपान करने वाले प्रति व्यक्ति पर प्रतिवर्ष $ 2000 से अधिक बैठता है।[70] स्वास्थ्य अर्थशास्त्रियों के एक दल ने एक अन्य अध्ययन में पाया कि उनके परिवारों और समाज द्वारा संयुक्त प्रदत्त मूल्य सिगरेट के प्रति पैकेट पर 41 डॉलर है।[83]
पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत से पता चलता है कि सिगरेट की ऊंची कीमत के कारण सिगरेट की समग्र खपत में कमी आती है। ज्यादातर अध्ययनों से संकेत मिलता है कि मूल्य में 10% की वृद्धि से सिगरेट के समग्र उपभोग में 3% से 5% कमी हो जायेगी. मूल्य वृद्धि के बाद युवाओं, अल्पसंख्यकों और कम आय वाले धूम्रपान करने वालों के नशा छोड़ने की संभावना, अन्य धूम्रपान करने वालों की तुलना में दो से तीन गुना अधिक बढ़ जाती है।[84][85] धूम्रपान करना अक्सर एक बहुत दृढ़ होने का उदाहरण माने जाते हैं हालांकि, उदा. है कि कीमतों में भारी वृद्धि का परिणाम, जिसका खपत पर काफी कम प्रभाव पड़ता है।
कई देशों ने तम्बाकू कराधान के कुछ तरीके लागू किये हैं। 1997 में डेनमार्क में सिगरेट के प्रत्येक पैकेट पर 4.02 डॉलर का उच्चतम कर बोझ था। ताइवान में प्रत्येक पैकेट पर केवल 0.62 डॉलर का कर बोझ था। वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में सिगरेटों पर मूल्य और उत्पाद कर का औसत कई अन्य औद्योगिक देशों से नीचे है।[86]
संयुक्त राज्य अमेरिका में सिगरेट कर अलग-अलग राज्यों में एक दूसरे से व्यापक रूप से भिन्न है। उदाहरण के लिए दक्षिण कैरोलिना में एक पैकेट पर केवल 7 सेंट है, जो देश का न्यूनतम है, जबकि रोड आइलैंड में अमेरिका का उच्चतम सिटरेट टैक्स प्रति पैकेट $ 3.46 है। अलबामा में, इलिनोइस, मिसौरी, न्यूयॉर्क शहर, टेनेसी और वर्जीनिया, काउंटियों और शहरों सिगरेट की कीमत पर एक अतिरिक्त सीमित कर लागू हैं।[87] उच्च कर दर के कारण न्यू जर्सी में सिगरेट के एक औसत पैकेट की कीमत $ 6.45 है,[88][89] जो अभी भी सिगरेट के एक पैकेट की अनुमानित बाह्य लागत से भी कम है।
कनाडा में सिगरेट पर करों ने ज्यादा महंगे ब्रांडों की कीमतें CAD$10 से भी ज्यादा बढ़ा दी है।[उद्धरण चाहिए]
यूनाइटेड किंगडम में 20 सिगरेट के पैकेट की कीमत £4.25 और £5.50 के बीच है जो खरीदे गये ब्रांड और इस पर निर्भर करता है कि वह कहां से खरीदी गयी है।[90] ब्रिटेन में सिगरेट का काला बाज़ार बहुत मज़बूत है जिसका कारण उच्च कराधान है और यह अनुमान है कि सिगरेट का 27% और 68% हाथ से लपेटने वाली (handrolling) तम्बाकू की खपत ब्रिटेन कर का गैर-भुगतान (NUKDP) वाली है।[91]
जून 1967 में संघीय संचार आयोग ने निर्णय लिया कि टीवी स्टेशन पर धूम्रपान और स्वास्थ्य चर्चा का प्रसारण अपर्याप्त है और वह भुगतान किये जाने वाले उन विज्ञापनों की कमी पूरी नहीं कर पाते जो पांच से दस मिनट रोज प्रसारित होते हैं। अप्रैल 1970 में कांग्रेस ने टेलीविजन और रेडियो पर सिगरेट के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने वाले जन स्वास्थ्य सिगरेट धूम्रपान अधिनियम को पारित कर दिया, जो 2 जनवरी 1971 को लागू हुआ।[92]
विज्ञापन तम्बाकू निषेध अधिनियम 1992 स्पष्ट रूप से ऑस्ट्रेलिया में सिगरेट ब्रांडों द्वारा खेल या अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रायोजन सहित तम्बाकू विज्ञापन के लगभग सभी रूपों को निषिद्ध करता है।
यूरोपीय संघ में 1991 से टेलीविजन विदाउट फ्रंटियर्स डिरेक्टिव (1989)[93] के तहत सभी तम्बाकू विज्ञापन और टेलीविजन पर प्रायोजन प्रतिबंधित कर दिया, इस प्रतिबंध को टेलीविजन विज्ञापन निदेशालय द्वारा विस्तारित किया गया जो जुलाई 2005 को अमल में आया जिसमें मीडिया के अन्य रूपों को भी शामिल कर लिया गया जैसे इंटरनेट, प्रिंट मीडिया और रेडियो. यह निर्देश सिनेमाघरों में विज्ञापन, होर्डिंग या बिक्री के प्रयोग पर - या सांस्कृतिक आयोजनों, खेल की प्रतियोगिताओं पर लागू नहीं होता, जो पूरी तरह स्थानीय होते हैं, जिसके सहभागियों में केवल एक सदस्य राज्य होता है,[94] क्योंकि यह सब यूरोपीय आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर आता है। तथापि, अधिकांश सदस्य निर्देश को अपने देश के कानून के अनुसार स्थानांतरित कर देते हैं उनके क्षेत्र को व्यापक कर देते हैं और स्थानीय विज्ञापन लेते करते हैं। यूरोपीय आयोग की 2008 की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि निर्देश का सभी यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों में सफलतापूर्वक राष्ट्रीय कानून में स्थानांतरण हो गया है औरइन कानूनों को अच्छी तरह से लागू किया गया।[95]
कुछ देशों में भी तम्बाकू उत्पादों की पैकेजिंग पर कानूनी आवश्यकताओं को लागू किया। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ के देशों तुर्की, ऑस्ट्रेलिया[96] और दक्षिण अफ्रीका में सिगरेट के पैकेट पर प्रमुखता के साथ धूम्रपान के कारण स्वास्थ्य के साथ जुड़े जोखिम के उल्लेख का लेबल अनिवार्य है।[97] कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, आइसलैंड और ब्राजील में भी सिगरेट के पैकेट पर धूम्रपान के प्रभाव की चेतावनी के लेबल की अनिवार्यता लागू की है और उसमें धूम्रपान का स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के रेखाचित्र को भी शामिल किया है। कनाडा में सिगरेट के पैकेट में कार्ड भी डाला जाता है। वे सोलह हैं और उनमें से केवल एक पैकेट में आता है। उनमें धूम्रपान छोड़ने की विभिन्न विधियों को समझाया गया है। इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम में कई ग्राफिक NHSविज्ञापन हैं, एक में दिखाया गया है कि सिगरेट में वसायुक्त जमाव भरा होता है और यह एक सिगरेट धूम्रपान करने वाले की धमनी का प्रतीक है।
कई देशों में धूम्रपान की उम्र निर्धारित है, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों, यूरोपीय संघ के अधिकांश सदस्य राज्यों, न्यूजीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, इसराइल, भारत, ब्राजील, चिली, कोस्टा रिका और ऑस्ट्रेलिया में तम्बाकू उत्पादों को नाबालिगों को बेचना अवैध है और नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क और दक्षिण अफ्रीका में 16 से कम आयु के लोगों को तम्बाकू उत्पाद बेचना अवैध है। 1 सितम्बर 2007 को जर्मनी में तम्बाकू उत्पादों को खरीदने की न्यूनतम आयु बढ़ाकर 16 से 18 कर दी गयी और उसी के साथ साथ ग्रेट ब्रिटेन में भी 1 अक्टूबर 2007 से यह सीमा 16 से 18 कर दी गयी।[98] संयुक्त राज्य अमेरिका के 50 में से 46 राज्यों में न्यूनतम आयु 18 वर्ष है, अलबामा, अलास्का, न्यू जर्सी के अलावा, यूटा और जहां कानूनी उम्र 19 वर्ष है (न्यूयॉर्क के उत्तरी राज्य ओनोंदगा काउंटी के साथ ही साथ न्यूयॉर्क के लम्बे आइसलैंड की काउंटी सुफफोल्क और नस्सू में भी).[उद्धरण चाहिए] कुछ देशों में तम्बाकू उत्पादों को (अर्थात् खरीदने पर) बच्चों को देने और यहां तक कि धूम्रपान करने के कार्य में संलग्न बच्चों के खिलाफ भी कानून हैं।[उद्धरण चाहिए] ऐसे कानूनों की अंतर्निहित धारणा है कि लोग तम्बाकू के इस्तेमाल के जोखिम के बारे में जानकार ही उपयोग के सम्बंध में निर्णय लें. इन कानूनों में कुछ देशों और राज्यों ने एक ढीला प्रवर्तन किया है। अन्य क्षेत्रों में सिगरेट अभी भी बच्चों को बेच रहे हैं क्योंकि उल्लंघन के लिए जुर्माना कम हैं या तुलनात्मक रूप से बच्चों को बेचना लाभकारक है।[उद्धरण चाहिए] हालांकि चीन, तुर्की और कई अन्य देशों में आम तौर पर एक बच्चे को तम्बाकू उत्पादों को खरीदने में कम मुश्किल का सामना करना पड़ता है क्योंकि अक्सर उनसे अपने माता-पिता के लिए तम्बाकू खरीदने के लिए दुकान जाने को कहा जाता है।
कई देशों जैसे आयरलैंड, लातविया, एस्टोनिया, नीदरलैंड, फ्रांस, फिनलैंड, नार्वे, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, पुर्तगाल, सिंगापुर, इटली, इंडोनेशिया, भारत, लिथुआनिया, चिली, स्पेन, आइसलैंड, यूनाइटेड किंगडम, स्लोवेनिया और माल्टा ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान के खिलाफ कानून बनाये हैं, जिनमें बार और रेस्तरां भी शामिल हैं। रेस्तरां में भी कुछ न्यायालयों ने अनुमति दी है कि वे सुनिश्चित धूम्रपान क्षेत्रों (या धूम्रपान निषेध के लिए) का निर्माण करें। संयुक्त राज्य अमेरिका में कई राज्यों में रेस्तरां में धूम्रपान निषेध है और कुछ शराबखानों में भी धूम्रपान निषेध है। कनाडा के प्रांतों में इनडोर कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान अवैध है जिनमें शराबखाने और रेस्तरां भी शामिल हैं। 31 मार्च 2008 को कनाडा ने सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाया, साथ ही साथ किसी भी सार्वजनिक जगह के प्रवेश द्वार के 10 मीटर के भीतर भी यह प्रतिबंध लागू है। ऑस्ट्रेलिया में धूम्रपान पर प्रतिबंध हर राज्य में अलग-अलग है। वर्तमान में क्वींसलैंड में सभी सार्वजनिक स्थलों के अंदरूनी हिस्सों में धूम्रपान पर पूर्णतया प्रतिबंध है (जिनमें कार्यस्थल, शराबखाने, पब और भोजनालय शामिल हैं) साथ ही साथ आवाजाही वाले समुद्र तट और कुछ सार्वजनिक स्थलों के बाहरी क्षेत्र शामिल हैं। तथापि, चिह्नित धूम्रपान क्षेत्र अपवाद हैं। विक्टोरिया में ट्रेन स्टेशनों, बस स्टाप और ट्रेन स्टाप पर धूम्रपान निषिद्ध है और इन सार्वजनिक स्थानों पर जहां धूम्रपान से परिवहन का इन्तज़ार कर रहा गैर धूम्रपान करने वाला प्रभावित हो सकता है और 1 जुलाई 2007 से उसे सभी इनडोर सार्वजनिक स्थलों पर लागू कर दिया गया है। न्यूजीलैंड और ब्राजील में सार्वजनिक स्थानों से संलग्न क्षेत्र में धूम्रपान करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें मुख्य रूप से शराबखाना, रेस्तरां और पब शामिल है। हांगकांग में 1 जनवरी 2007 को कार्यस्थल में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया गया जैसे रेस्तरां, कराओके रूम्स, इमारतों और सार्वजनिक पार्क. शराब परोसने वाले बार जिनमें 18 वर्ष की आयु से कम के लोगों को प्रवेश नहीं देते, को 2009 तक छूट दी गई। रोमानिया में रेलगाड़ियों, मेट्रो स्टेशनों, सार्वजनिक संस्थानों (जहां आमतौर पर निर्दिष्ट स्थल बाहर है) और सार्वजनिक परिवहन में धूम्रपान अवैध है।
सिगरेट से उत्पन्न एक परोक्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या दुर्घटनावश लगने वाली आग है, जो आमतौर पर शराब के सेवन के साथ जुड़ी है। सिगरेट की कई डिजाइनें प्रस्तावित हैं, कुछ स्वयं तम्बाकू कंपनियों, जो सिगरेट के एक या दो मिनट तक इस्तेमाल न किये जाने पर बुझाने से जुड़ी हैं, ताकि आग लगने का जोखिम कम हो जाये. अमेरिकी तम्बाकू कंपनियों के अलावा कुछ ने इस विचार का विरोध किया है, जबकि अन्य ने इसे अपनाया है। आरजे रेनोल्ड्स 1983 में इन सिगरेटों के प्रोटोटाइप बनाने के नेतृत्वकर्ता थे[99] और अमेरिकी बाजार के सभी सिगरेटों को 2010 तक आग से सुरक्षित बना दिया जायेगा.[100] फिलिप मॉरिस इसके सक्रिय समर्थन में नहीं है।[101] देश की तीसरी सबसे बड़ी तम्बाकू कंपनी लोरिललार्ड (Lorillard) असमंजस में लगती है।[101]
तम्बाकू और अन्य नशीले पदार्थों के इस्तेमाल के बीच संबंधों को अच्छी तरह से स्थापित किया गया है, लेकिन इस साहचर्य की प्रकृति अस्पष्ट बनी हुई है। दो मुख्य सिद्धांत फेनोटाइपिक कार्यकारण सम्बंध (गेटवे) मॉडल और सहसम्बद्ध दायित्व मॉडल हैं। कार्यकारण संबंध मॉडल का तर्क है कि धूम्रपान भविष्य में नशीली दवाओं के प्रयोग का एक प्राथमिक प्रभाव डालता है,[102] जबकि सहसंबद्ध दायित्व मॉडल का तर्क है कि धूम्रपान और अन्य नशीली दवाओं के प्रयोग आनुवंशिक या पर्यावरणीय कारकों से निर्दिष्ट हैं।[103]
धूम्रपान से विरत होने को "छोड़ना" कहते हैं, यह एक ऐसा कार्य है जो तम्बाकू के धूम्रपान से परहेज़ की ओर ले जाता है। इसके कई ऐसे तरीके हैं, जैसे कोल्ड टर्की, निकोटीन प्रतिस्थापन चिकित्सा, अवसादरोधी, सम्मोहन, स्वयं की मदद और सहायता समूह.
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