झारखंड के लोग
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झारखण्ड राज्य विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों का संगम क्षेत्र कहा जा सकता है। द्रविड़, आर्य, एवं आस्ट्रो-एशियाई तत्वों के सम्मिश्रण का इससे अच्छा कोई क्षेत्र भारत में शायद ही हो। हिंदी, उर्दू,बांग्ला, खोरठा, नागपुरी, कुरमाली, पंचपरगनिया यहाँ की प्रमुख भाषाएं हैं। झारखंड में बसने वाले स्थानीय हिन्द-आर्य भाषाएँ बोलने वाले लोगों को सादान कहा जाता है। इसके अलावा यहां संथाली, मुंडारी, भूमिज, हो, खड़िया, कुड़ुख जैसी जनजातीय भाषाएं बोली जाती है।[1][2] राजधानी रांची स्थित जनजातीय अनुसंधान संस्थान और संग्रहालय में इनके संस्कृति की झलक देखी जा सकती है।[3]