चैतन्य शतक
From Wikipedia, the free encyclopedia
पंडित सार्वभौम भट्टाचार्य ने गौरांग की शत-श्लोकी स्तुति रची जिसे आज चैतन्य शतक नाम से जाना जाता है।[1]
पंडित सार्वभौम भट्टाचार्य ने गौरांग की शत-श्लोकी स्तुति रची जिसे आज चैतन्य शतक नाम से जाना जाता है।[1]