चीन-नेपाल युद्ध
नेपाली सेना द्वारा किया गया तिब्बत पर आक्रमण व चीनी सैन्य हस्तक्षेप / From Wikipedia, the free encyclopedia
चीन-नेपाल युद्ध या गोरखा-चीन युद्ध (चीनी: 平 定 廓 爾 喀, pacification of Gorkha) नेपालीयों द्वारा 1788-1792 में तिब्बत के ऊपर एक चढाई थी। यह युद्ध पुरी तरह नेपाली और तिब्बती आर्मीयों के बीच सिक्का के विवाद को लेकर लड़ा गया। नेपालीयों द्बारा सस्ते धातुओं के मिश्रण को ढालकर बनाये गये सिक्के जो लम्बे समय से तिब्बत के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। नेपालियों ने तिब्बतियों को वश में कर रखा था, जो चीन के अधिन थें। तिब्बत ने केरुङकि सन्धि की और शान्ति सम्झौता के अनुरूप वार्षिक सलामी देनेका वादा किया। [1] बाद में तिब्बत ने झूठ बोला और चीन के राजा को न्यौता दिया। कमाण्डर फुकागन नेपालके बेत्रावती तक आगए लेकिन जबरदस्त काउन्टरअटैक के कारण चीन ने शान्ति सम्झौता के प्रस्ताव स्वीकार किया। [1]
सामान्य तथ्य तिब्बती विरुद्ध प्रथम अभियान, तिथि ...
तिब्बती विरुद्ध प्रथम अभियान | |||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|
चित्र:Battle of Jhunga.jpg स्थान: झुँगा, प्रथम नेपाल-तिब्बत युद्धके प्रथम चरणके युद्ध; शाही नेपाली सैनिक (काले रंग और कमाण्डर सफेद रंग) तिब्बती (लालपिंंला)को घायल करते हुए | |||||||
| |||||||
योद्धा | |||||||
![]() |
![]() | ||||||
सेनानायक | |||||||
![]() |
![]() ![]() | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
१०,००० | १०,००० | ||||||
मृत्यु एवं हानि | |||||||
अज्ञात |
बंद करें
सामान्य तथ्य नेपाली विरुद्धको दोस्रो अभियान, तिथि ...
नेपाली विरुद्धको दोस्रो अभियान | |||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|
चित्र:Battle of Betrawati.jpg स्थान: बेत्रावती, पहिलो नेपाल-तिब्बत युद्धको दोस्रो चरणको युद्ध, शाही नेपाली सैनिक (काले रंग और कमाण्डर सफेद रंग) चीनियों (लालपिंंला) को नदी के तट तक खदेड़्ते हुए | |||||||
| |||||||
योद्धा | |||||||
![]() |
![]() | ||||||
सेनानायक | |||||||
![]() ![]() |
![]() ![]() ![]() | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
७०००० | २००००-३०००० | ||||||
मृत्यु एवं हानि | |||||||
अज्ञात |
बंद करें