ग्वालियर का क़िला
भारत में किला / From Wikipedia, the free encyclopedia
ग्वालियर दुर्ग ग्वालियर शहर का प्रमुखतम स्मारक है। यह किला 'गोपाचल' (गोप + अचल = गोपाचल) गोप पर्वत नामक पर्वत पर स्थित है। स्थानीय किंबदन्तियों के अनुसार इस दुर्ग का निर्माण करने वाले पहले राजा 5 ,6 शताब्दी में राजा सूरजसेनपाल ने इसका निर्माण करवाया। भिन्न कालखण्डों में इस पर विभिन्न शासकों का नियन्त्रण रहा। हाथीफोड दरवाजे का निर्माण महारानी वर्षाकरन देवी के द्वारा करवाया गया था ।और पाल वंश का शासन भी सालों तक रहा है।
सामान्य तथ्य ग्वालियर दुर्ग, प्रकार ...
ग्वालियर दुर्ग | |
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मध्य प्रदेश का भाग | |
मध्य प्रदेश, भारत | |
प्रकार | किला |
ऊँचाई | 300 to 500 meter |
स्थल जानकारी | |
नियंत्रक | मध्य प्रदेश सरकार |
जनप्रवेश | हां |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | पांचवी शदी और छठवीं शताब्दी में |
निर्माता | राजा सुरसेनपाल गडरिया |
प्रयोगाधीन | हां |
सामग्री | बलुआ पत्थर और सूर्खी-चूना |
दुर्गरक्षक जानकारी | |
निवासी | गडरिया,कछवाहा, प्रतिहार, तोमर ,। |
बंद करें
वर्ततमान समय में यह दुर्ग एक पुरातात्विक संग्रहालय के रूप में है। इस दुर्ग में स्थित एक छोटे से मन्दिर की दीवार पर शून्य (०) उकेरा गया है जो शून्य के लेखन का दूसरा सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरा गया था।[1]