गुप्तवंश (मागध अथवा मालव वंश)
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यह लेख पश्चातवर्ती तथा कम ज्ञात 'गुप्त राजवंश' के बारे में है।
सामान्य तथ्य
पश्चवर्ती गुप्त साम्राज्य | |||||
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अपने उत्कर्ष के समय लगभग 590 ई में गुप्त साम्राज्य तथा इसके पड़ोसी राज्य | |||||
राजधानी | निर्दिष्ट नहीं | ||||
शासन प्रणाली | निर्दिष्ट नहीं | ||||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | 6वीं शताब्दी | |||
- | अंत | 7वीं शताब्दी | |||
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सम्राट आदित्यसेन के अपसड़ (जिला गया) एवं सम्राट जीवित गुप्त के देववरणार्क (जिला शाहाबाद) के लेखों से एक अन्य गुप्त राजवंश का पता लगता है जो गुप्तवंश के पतन के पश्चात् मालवा और मगध में शासक बना। इस वंश के संस्थापक श्री गुप्त थे। इनके क्रम में श्रीहर्षगुप्त, जीवितगुप्त, कुमारगुप्त, दामोदरगुप्त, महासेनगुप्त, माधवगुप्त, आदित्यसेन, विष्णुगुप्त एवं जीवितगुप्त (द्वितीय) इस वंश के शासक हुए।