गगनदीप बक्शी
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी / From Wikipedia, the free encyclopedia
मेजर जनरल (डॉ.) गगनदीप बक्शी (सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक) भारतीय सेना के एक सेवानिवृत अधिकारी एवं लेखक हैं। वे 'जी डी बक्शी' नाम से प्रसिद्ध हैं। वे जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स में थे। उन्हे कारगिल युद्ध में एक बटालियन का नायकत्व (कमाण्ड) करने के लिए विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में बोस: एन इंडियन समुराई ए मिलेट्री एसेस्मेंट नेताजी एंड द आई एन ए (BOSE: AN INDIAN SAMURAI (A Military Assessment of Netaji and the INA)[1] नामक पुस्तक भी लिखी है। सरस्वती सभ्यता पुस्तक लिखकर इन्होंने भारत के प्राचीनतम सभ्यता होने को सिद्ध किया है। बाद में उन्होंने जम्मू और कश्मीर के राजौरी-पुंछ जिलों में उग्रवाद विरोधी अभियानों के दौरान रोमियो फोर्स (कुलीन राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा) की कमान संभाली और इस क्षेत्र में सशस्त्र उग्रवाद को दबाने में सफल रहे। उन्होंने सैन्य संचालन महानिदेशालय में दो कार्यकालों की सेवा की है और वह मुख्यालय उत्तरी कमान (भारत) में पहले बीजीएस (आईडब्ल्यू) थे, जहां उन्होंने सूचना युद्ध और मनोवैज्ञानिक संचालन से निपटा था। सेना और रक्षा से संबंधित विषयों पर विचार प्रदान करने के लिए उन्हें अक्सर भारत भर के समाचार चैनलों पर बुलाया जाता है।[2]
Major General G. D. Bakshi, SM, VSM | |
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जन्मजात नाम | Gagandeep Bakshi |
उपनाम | GD sir |
जन्म |
1950 (आयु 73–74) Jabalpur, Madhya Pradesh, India |
निष्ठा | India |
सेवा/शाखा | भारत सेना |
सेवा वर्ष | 1971 - 2008.4 |
उपाधि | Major general |
युद्ध/झड़पें | Indo-Pakistani War of 1971 and Kargil War |
सम्मान | See § Awards and decorations |
सम्बंध | SP Bakshi |