![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/b/b0/Tomb_of_Abdul_Qadir_Jilani%252C_Baghdad.jpg/640px-Tomb_of_Abdul_Qadir_Jilani%252C_Baghdad.jpg&w=640&q=50)
ख़्वाजा फ़रीदुद्दीन अत्तार
From Wikipedia, the free encyclopedia
अबू हामिद बिन अबू बक्र इब्राहीम (फ़ारसी : फ़ारसी : ابو حامد بن ابوبکر ابراهیم) आम तौर पर ख़्वाजा फ़रीदउद्दीन अत्तार (1145-1220) के नाम से जाने जाते हैं। फ़ारस के नेशांपुर नगर के एक विद्वान थे जिनको सूफीवाद के तीन प्रमुख स्तंभों में गिना जाता है। आपने फ़ारसी भाषा का ग्रंथ मसनवी अत्तार लिखा था। प्रसिद्ध फ़ारसी सूफ़ी कवि रूमी वने इनकी तारीफ़ की थी। बारहवीं शताब्दी का फारसी [3][4][5] कवि, सूफीवाद का सिद्धांतकार, और निशापुर का हियोग्राफर था, जिसका फारसी कविता और सूफीवाद पर अत्यधिक और स्थायी प्रभाव था। मनकी-उ-इयार (पक्षियों का सम्मेलन) और इलाही-नमा उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से एक हैं।
सामान्य तथ्य अत्तार निशापुरी, सूफ़ी कवी ...
अत्तार निशापुरी | |
---|---|
सूफ़ी कवी | |
जन्म | c. 1145[1] निशापुर, पर्शिया (ईरान) |
मृत्यु | c. 1220 (आयु 74–75) निशापुर, पर्शिया (ईरान) |
समाधि (कब्र) स्थान | Mausoleum of Attar, Nishapur, Iran |
(में) श्रद्धेय | Traditional Islam, and especially by Sufis[2] |
प्रभाव | फ़िरदौसी, सनाई, ख्वाजा अब्दुल्ला अन्सारी, मनसूर अल-हज्जाज, Abu-Sa'id Abul-Khayr, बायज़ीद बस्तामी |
प्रभावित | रूमी, हाफ़ेज़, जामी, Ali-Shir Nava'i and many other later Sufi Poets |
परम्परा | सूफ़ी कविता |
प्रमुख कार्य | Memorial of the Saints The Conference of the Birds |
बंद करें