ऊष्मागतिकी का इतिहास
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ऊष्मागतिकी, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और व्यापक रूप में विज्ञान का ही महत्वपूर्ण और मूलभूत विषय रहा है। ऊष्मागतिकी विज्ञान की वह शाखा है जिसमें यान्त्रिक कार्य तथा ऊष्मा में परस्पर सम्बन्ध का वर्णन किया जाता है, यह प्रमुख रूप से यान्त्रिक कार्य तथा ऊष्मा के परस्पर रुपान्तरण से सम्बन्धित है।
ऊष्मागतिकी के मुख्यतः दो नियम है-
- यदि किसी निकाय को H ऊष्मा देते हैं तो दी गयी ऊष्मा का कुछ भाग निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि (ΔI) तथा शेष ऊष्मा निकाय द्वारा कार्य करने में व्यय होती है। H= ΔI+W
- ऊष्मा का पूर्ण रूप से यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तन असम्भव है।