आमेर दुर्ग
जयपुर,राजस्थान के निकट ,ऐतिहासिक एवं भव्य दुर्ग / From Wikipedia, the free encyclopedia
आमेर दुर्ग (जिसे आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर के बसने से पहले इस जगह मीणा जनजाति के लोग रहते थे , जिन्हे कच्छवाह राजपूतो ने अपने अधीन कर लिया।[3] यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के घटकों के लिये भी जाना जाता है। दुर्ग की विशाल प्राचीरों, द्वारों की शृंखलाओं एवं पत्थर के बने रास्तों से भरा ये दुर्ग पहाड़ी के ठीक नीचे बने मावठा सरोवर को देखता हुआ प्रतीत होता है।
आमेर दुर्ग आमेर महल, आमेर का क़िला, आम्बेर का क़िला | |
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जयपुर का भाग | |
आमेर, राजस्थान, भारत | |
प्रकार: | सांस्कृतिक |
मापदंड: | ii, iii |
अभिहीत: | २०१३ (३६वाँ सत्र) |
भाग: | राजस्थान के पर्वतीय दुर्ग |
सन्दर्भ क्रमांक | 247 |
स्टेट पार्टी: | भारत |
क्षेत्र: | दक्षिण एशिया |
निर्देशांक | 26.9859°N 75.8507°E / 26.9859; 75.8507 |
प्रकार | दुर्ग एवं महल |
स्थल जानकारी | |
नियंत्रक | राजस्थान सरकार |
जनप्रवेश | हाँ |
दशा | संरक्षित |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | १५५८-१५९२[1] |
निर्माता | मीणा राजवंश[2] |
प्रयोगाधीन | १५९२ - १७२७ |
सामग्री | लाल बलुआ पत्थर पाषाण एवं संगमर्मर |
लाल बलुआ पत्थर एवं संगमर्मर से निर्मित यह आकर्षक एवं भव्य दुर्ग पहाड़ी के चार स्तरों पर बना हुआ है, जिसमें से प्रत्येक में विशाल प्रांगण हैं। इसमें दीवान-ए-आम अर्थात् जन साधारण का प्रांगण, दीवान-ए-खास अर्थात् विशिष्ट प्रांगण, शीश महल या जय मन्दिर एवं सुख निवास आदि भाग हैं। सुख निवास भाग में जल धाराओं से कृत्रिम रूप से बना शीतल वातावरण यहां की भीषण ग्रीष्म-ऋतु में अत्यानन्ददायक होता था। यह महल कछवाहा राजपूत महाराजाओं एवं उनके परिवारों का निवास स्थान हुआ करता था। दुर्ग के भीतर महल के मुख्य प्रवेश द्वार के निकट ही इनकी आराध्या चैतन्य पंथ की देवी शिला को समर्पित एक मन्दिर बना है। आमेर एवं जयगढ़ दुर्ग अरावली पर्वतमाला के एक पर्वत के ऊपर ही बने हुए हैं व एक गुप्त पहाड़ी सुरंग के मार्ग से जुड़े हुए हैं।
फ्नोम पेन्ह, कम्बोडिया में वर्ष २०१३ में आयोजित हुए विश्व धरोहर समिति के ३७वें सत्र में राजस्थान के पांच अन्य दुर्गों सहित आमेर दुर्ग को राजस्थान के पर्वतीय दुर्गों के भाग के रूप में युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।