मूरभूत कर्तव्य
From Wikipedia, the free encyclopedia
मूरभूत कर्तव्यन के सौसे भारतीय नागरिकन के मूरभूत फरज के रुप मे व्याख्यायित कइल गइल बा के, देशभक्ति के भावना के प्रोत्साहित करऽस आ भारत के एकता अखण्डित राखऽस। संविधान के भाग चार - (क)[1] में निर्धारित ई कर्तव्य व्यक्ति आ राष्ट्र से संबंधित बा। नीति निर्देशक सिद्धांत[2] के जइसे एह के अदालत तबले लागू नईखे कर सकत जबले संसद के कवनो अधिनियम में दोसरा तरह के प्रावधान ना होखे।