वाक्य
भाषा के बेसिक इकाई जेकर पूरा-पूरा अरथ निकले / From Wikipedia, the free encyclopedia
परंपरागत व्याकरण में, वाक्य (अंग्रेजी: sentence; सेंटेंस) शब्दन के अइसन लर होला जेकर पूरा-पूरा अरथ निकले। सार्थक शब्दन के मेल से बने वाला अइसन इकाई, जवना के पढ़ला भा सुनला से, कहेवाला के भाव सुनेवाला सही-सही बूझ जाय। एह तरीका से वाक्य भाषा के बुनियादी इकाई होला जेकर पूरा-पूरा अरथ भा भाव निकले। वाक्य, अइसन व्याकरण के नियम सभ के हिसाब से वाक्य विन्यास (सिंटैक्स) में सजल शब्दन के इस्तेमाल से करे में सक्षम होखे ला।
आमतौर प वाक्य के बारे में कहल जाला कि एह में कम-से-कम दू गो शब्द जरूर होखे के चाहीं। बिना एकरे वाक्य पूरा अरथ ना जाहिर क पावे ला। हालाँकि, कबो-काल्ह एकहू शब्द के वाक्य हो सके ला।[1] उदाहरन खातिर: राम श्याम से पुछलन कि कहिया अइलऽ, जेकर श्याम जबाब दिहलन "काल्ह"। हेइजा "काल्ह" अपने आप में एकही शब्द के पूरा वाक्य मानल जाई।
वाक्य के दू हिस्सा होखे लें सब्जेक्ट (उद्देश्य) आ प्रेडीकेट (विधेय)। वाक्य द्वारा कौनों कथन भा कहनाम कहल जा सके ला, प्रश्न भा सवाल पूछल जा सके ला, बिस्मय जाहिर कइल जा सके ला, अनुरोध भा निहोरा कइल जा सके ला, आदेस दिहल जा सके ला, चाहे सलाह-सुझाव दिहल जा सके ला।
वाक्य-विमर्श व्याकरण के बेसिक अंग हवे। वाक्य के भीतर शब्दन के रूप आ क्रम भा बिन्यास के अध्ययन वाक्य विज्ञान (सिंटैक्टिक्स) कहाला।