मानव भूगोल
दुनिया के संस्कृति, समुदाय सभ आ लोगन के एक्टिविटी के भूगोलीय अध्ययन / From Wikipedia, the free encyclopedia
मानव भूगोल (अंग्रेजी: human geography) भूगोल के दू गो प्रमुख शाखा में से एक ह, दुसरही भौतिक भूगोल हवे। ई भूगोल के अइसन शाखा हवे जे मानव समुदाय, संस्कृति, अर्थब्यवस्था, आ पर्यावरण अउरी इनहन के आपसी क्रिया-प्रतिक्रिया के बीच के स्थानिक संबंध सभ के अध्ययन करे ले, अइसन अध्ययन सभ के उदाहरण स्कूल सभ में पढ़ावल जालें; जइसे कि - शहरी बिस्तार, शहरी पुनर्विकास वगैरह।[1] ई सामाजिक इंटरैक्शन सभ आ पर्यावरण के बीचा के एक दुसरे पर स्थानिक अंतर-निर्भरता के बिश्लेषण गुणात्मक आ मात्रात्मक बिधि के जरिये करे ला।[2][3]
1945 से ले के अबतक ले मानव भूगोल में पाँच गो मुख्य उपशाखा भा बिभाजन सामिल बाड़ें। पहिला चार गो – आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आ राजनीतिक – समकालीन जिनगी के मुख्य क्षेत्र आ सामाजिक बिज्ञान के बिसय सभ से जुड़ल बाने जिनहन के संघे भूगोलवेत्ता लोग इंटरैक्ट करे ला (मने कि, अर्थशास्त्र, समाज बिज्ञान, मानव बिज्ञान, अउरी राजनीति बिज्ञान आ अंतर्राष्ट्रीय संबंध); पाँचवीं उपशाखा ऐतिहासिक भूगोल बाटे।[4]
जर्मन भूगोलवेत्ता फ्रेड्रिक रेटजेल के मानव भूगोल के जनक (पिता) मानल जाला जे परसिद्ध किताब एंथ्रोपोज्याग्रफी लिखलें।[5] इनके अमेरिकी शिष्या ई सी सेम्पुल इनके बिचारन के आगे बढ़वली आ अमेरिका में पापुलर बनवली। फ्रांस में मानव भूगोल के संस्थापक विडाल डि ला ब्लाश रहलें। अमेरिका में कार्ल ओ. सॉवर परसिद्ध सांस्कृतिक भूगोलवेत्ता रहलें।