प्रदूषण
प्राकृतिक पर्यावरण में नोकसानदेह चीजन के प्रवेश / From Wikipedia, the free encyclopedia
प्रदूषण (अंग्रेजी: pollution) अइसन क्रिया चाहे घटना हऽ जेवना में प्राकृतिक पर्यावरण में कौनो अइसन चीज क प्रवेश होला जेवना से पर्यावरण के नोकसान पहुँचे। जवनी चीज की प्रवेश से अइसन होला ओ पदार्थन के प्रदूषक पदार्थ कहल जाला।[1] आमतौर पर पर्यावरण में कई प्राकृतिक कारण से अइसन पादर्थ सभ के प्रवेश हो सके ला जे नोकसानदेह होखे, जइसे कि जंगल के आग से निकलल धुँआ चाहे ज्वालामुखी से निकले वाली गैस आ धुँआ, बाकी एह शब्द के इस्तेमाल मनुष्य द्वारा पर्यावरण में पहुँचावल जा रहल खराब परभाव वाली चीजन खातिर होखे ला।[2] ई प्रदूषक सभ ठोस, द्रव चाहे गैस के रूप में पदार्थ हो सके ला चाहे गर्मी वगैरह के रूप में एनर्जी हो सके ले; बस अगर प्रदूषक तत्व के पर्यावरण में एतना तेजी से प्रवेश हो रहल बा कि ऊ प्राकृतिक रूप से गैर-नोकसानदेह रूप में बदल जाय चाहे छितरा जाय, तब ऊ प्रदूषण कहल जाई।[2]
प्रदूषण क कई गो प्रकार हो सकेला। आमतौर पर पर्यावरण की जवनी अंग में प्रदूषक चीज क प्रवेश होला ओही की नाँव पर ओ प्रकार का भी नाँव रखल जाला। जइसे अगर पानी में कौनो कूड़ा-कचरा फेकला से पानी क गुणवत्ता खराब होखे त ए के जल प्रदूषण कहल जाई।
एही प्रकार से वायु प्रदूषण आ मिट्टी प्रदूषण क नाँव धराइल बा। कई बेर जवनी चीज से प्रदूषण होला ओहू की नाँव पर प्रदूषण की प्रकार क नाँव धरा जाला जइसे कि आवाज से होखे वाला प्रदूषण के आवाज प्रदूषण आ प्रकाश से होखे वाला के प्रकाश प्रदूषण कहल जाला।
प्रदूषण से मनुष्य की स्वास्थ पर बहुत तरह क बुरा प्रभाव पड़ेला। हाले में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एगो आकलन की हिसाब से साल 2012 में वायु प्रदूषण की कारण करीब 70 लाख लोगन के आपन जान गंवावे के पड़ल।[3]