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दि ब्लू मार्बल (The Blue Marble, भोजपुरी अर्थ:निलकी गोली या नीला रंग के गोली) एगो बहुते परसिद्ध फोटो हवे। ई हमनी की पृथ्वी के फोटो हवे जेवन 7 दिसंबर 1972 के अपोलो 17 आकाशबिमान से खींचल गइल रहे, लगभग 45,000 किलोमीटर (28,000 मील) की दूरी से। ई मनुष्य जाति की इतिहास में एगो सभसे चिन्हारू आ बहुतेरा लोगन के देखल फोटो बाटे।[1][2]
नासा की अभिलेख में एह फोटो के नाँव AS17-148-22727 बाटे। ई फोटो अपोलो आकासबिमान की यात्रिन द्वारा चंद्रमा की ओर जात समय उन्हान लोगन के पृथ्वी कइसन लउकल एकर बहुते निक उदाहरण देखावेले। एह फोटो में सबसे ऊपर की ओर भूमध्य सागर के हिस्सा लउकत बाटे आ दक्खिन में नीचे अंटार्कटिका के बरफटोपी, मोजाम्बिक चैनल एकरी ठीक बीच में लउकत बाटे।
इहे नाँव से नासा 2012 में एगो फोटो सभ के सीरीज भी जारी कइलस जौना में बहुत मेहनत से पृथ्वी के अइसन फोटो सभ के जोड़ के अधगोला के अइसन चित्र बनावे के कोसिस कइल गइल बाटे कि कम से कम हिस्सा बादर से तोपाइल होखे आ फोटो बढियाँ रिसोल्यूशन के होखे।
ई फोटो - जवन अंतरिक्षयात्री लोगन द्वारा 7 दिसंबर, 1972 के, 10:39 यूटीसी पर खींचल गइल - एगो सभसे ढेर परचारित फोटो में से गिनल जाले।[2] ई अइसन कुछ गिनल-चुनल फोटो में से बा जौना में पुरा पृथ्वी के अधगोला लउकत बाटे, कारण ई कि जब अंतरिक्षयात्री लोग ई फोटो लिहल तब सुरुज के रोशनी उन्हन लोगन की ठीक पीछे की ओर से आवत रहे आ सामने पृथ्वी रहे जेवना से पृथ्वी के जेतना हिस्सा उन्हन लोगन की सामने रहे ओहपर पुरा पर रोशनी पड़त रहे। ई फोटो शीशा के गोली - जेवन लरिका खेले लें - नियर लउके ले एही से एकर नाँव नीली गोली रखा गइल।
ई फोटो अपोलो 17 की लांच की 5 घंटा 6 मिनट बाद लिहल गइल आ लगभग 1 घंटा 54 मिनट पहिले ई आकासबिमान पृथ्वी के कक्षा के छोड़ के चंद्रमा की ओर जाए वाला रास्ता में रहे।[3] दिसंबर के महीना होखला की कारन सुरुज दक्खिनी गोलार्ध में चमकत रहे जेवना से एम्में अंटार्कटिका प्रकाश में बाटे।
फोटो में सबसे ऊपर दहिने ओर एगो चक्रवात देखल ज सकत बाटे जवन हिन्द महासागर में बनल बाटे। ई चक्रवात एह लांच की दू दिन पहिले भारत की तमिलनाडु राज्य में भारी बरखा क चुकल रहे (5 दिसंबर के)।[4]
नासा एकरा के ऑफिसियल रूप से AS17-148-22727 नाँव दिहलस; एकरी ठीक पहिले खींचल AS17-148-22726 भी लगभग अइसने फोटो हवे जेवना में पुरा अधगोला रोशनी में बाटे। फोटो अपना मूल रूप में दक्खिनी ध्रुव के ऊपर देखावत खींचल गइल रहे आ मेडागास्कर एकरी लगभग बीचोबीच बाटे। दि ब्लू मार्बल की रूप में एकरा के उलट के देखावल गइल रहल।[5]
फोटो खींचे वाला फोटोग्राफर एगो 70-मिलीमीटर हैसलब्लेड कैमरा आ 80-मिलीमीटर जीस लेंस के इस्तेमाल कइ के ई फोटो खिंचलें।[6][7] नासा एह फोटो के क्रेडिट अपोलो 17 मिशन की सगरी तीनों यात्री लोगन - यूजीन सेर्नान, रोनाल्ड इवान्स, आ जैक श्मिट - के दिहलस जे लोग फोटो खिंचत रहे हालाँकि सबूत ई मिलेला की ई फोटो जैक श्मिट खिंचले रहलें।[2]
अपोलो 17 आखिरी चंद्रमा मिशन रहे जेवना में आदमी भी सवार रहे आ एकरा बाद केहू भी बेकती पृथिवी से एतना दूरी ले ना पहुँचल की पुरा पृथ्वी के फोटो खींच सके, बाकी एकरा बाद भी बिना यात्री वाला बिमान सब से कई ठो अइसन फोटो खींचल गइल बा।
दि ब्लू मार्बल अइसन पहिला फोटो न रहे जेवना में पुरा अधगोला साफ़ आ प्रकाश में लउकत होखे काहें कि अइसन फोटो पहिले एटीएस-3 उपग्रह से पहिलहीं 1967 में लिहल ज चुकल रहे।[8] इ त पर्यावरण कार्यकर्ता अउरी उलटसंस्कृति (counterculture) के कार्यकर्ता लोग एकरा के पुरा बैस्विक बोध के बिसय बना के एगो पहिचान कई निशान की रूप में महत्व दिहल।[9] एही से 70 की दशक में पर्यावरण आंदोलन की जमाना में ई फोटो पर्यावरण की प्रति जागरुकता, पृथ्वी के अकेलापन, कमजोरी आ नाजुक होखला के पहिचान बन गइल।[1] नासा के पुरालेखबिसेसग्य माइक जेन्ट्री की अनुसार साइत ई फोटो पुरा मनुष्य इतिहास में सबसे ढेर पहुँच वाली फोटो हवे जेवन सबसे ढेर मात्रा में लोगन ले पहुँचल होखे।[2]
बाद में भी अइसने कई गो पृथ्वी के फोटो (जौना में कम्पोजिट फोटो भी शामिल बाड़ी जेवन कई गो फोटो के जोड़ के ढेर रिसोल्यूशन आ बढ़ियां क्वालिटी के तैयार कइल गइल बाड़ी) के जिन्हन के ब्लू मार्बल नाँव दिहल गइल बाटे। अब त ई ब्लू मार्बल नाँव पर्यावर की खातिर जागरुकता बढ़ावे वाला बहुत सारा फोटो में पृथ्वी के देखवले के कहल जाए लागल बाटे।
2002 में, नासा बहुत ढेर सारा सैटेलाइट इमेज रिलीज कइलस जेवना में बहुत सारी सीधे देखे लायक भी रहली आ बहुत सारी आगे की काम में इस्तेमाल होखे लायक भी।[11] एही क्रम में 2005 में दि ब्लू मार्बल नेक्स्ट जेनेरेशन (नया पीढ़ी के नीली गोली) रिलीज भइल।[12] एह में पुरा ग्लोब के बादर की बिना फोटो में देखावल गइल आ आलग अलग मौसम में बरफ के चादर के बिस्तार भी घटत-बढ़त देखावल गइल। ई फोटो नासा के अर्थ ओब्सेर्वेटरी के एगो प्रोडक्ट रहे। ई पछिला फोटो से बढ़ियां रिसोल्यूसन पर रहे (अबकी बेर 500मी/पिक्सल)।[13]
25 जनवरी 2012 के नासा एगो कम्पोजिट इमेज रिलीज किलास जेवना में पच्छिमी गोलार्ध देखावल गइल रहे आ एकरा के नाँव दिहलस - दि ब्लू मार्बल 2012। ई फोटो के बहुत लोग देखल, फ्लिकर पर पहिले हप्ता में एके देखे वालन के संख्या 31 लाख पहुँच गइल।[15] एकरी बाद, 2 फरवरी के नासा एगो अउरी फोटो रिलीज कइलस जौना में पूरबी गोलार्ध देखावल रहे आ एकर डेटा 23 जनवरी 2012 के हासिल कइल गइल रहे।[16]
ई फोटो विजिबल/इन्फ्रारेड इमेज रेडियोमीटर सूट (वीआइआइआरएस)[16] से लिहल गइल फोटो सब के जोड़ के बनाव गइल कम्पोजिट इमेज रहल। ई औजार सुओमी एनपीपी उपग्रह पर लागल रहे आ ई उपग्रह डेटा लेवे में आठ घंटा की समय में छह गो चक्कर पूरा कइलस।[16][17]
दिसंबर 2012 में 5 तारीख के नासा एगो अउरी फोटो रिलीज कइलस जौना के ब्लैक मार्बल (काली गोली) कहल गइल।[14] ई फोटो रात में लिहल गइल डेटा से बनावल गइल रहे जेवना में ऊ सगरी मनुष्य के बनावल चीज देखात बाटे जौना के रोशनी आकाश में से पकड़ में आ सकत बाटे।[18] इहो फोटो खातिर डेटा सुओमी उपग्रह से लिहल गइल रहे। एकरा खातिर सुओमी 312 चक्कर में 2.5 टेराबाईट डेटा इकठ्ठा कइलस। नासा कि अनुसार एह फोटो के बनावत घरी सगरी डिम लाइट आ, जंगल के आग, गैस लपट, अरोरा, आ परावर्तित चाँदनी के फिल्टर की इस्तेमाल से हटा के एकरा के खाली शहर की रोशनी पर जोर देवे वाली फोटो बनावल गइल।[19]
21 जुलाई, 2015 के नासा एगो नया फोटो रिलीज कइलस जौन यू एस डीप स्पेस क्लाइमेट ओब्सर्वेटरी से लिहल गइल फोटो रहल आ एह ओब्सर्वेटरी के लांच फरवरी 2015 में भइल रहे। ई फोटो 6 जुलाई 2015 के खींचल गइल।[20] ई पच्चीमी गोलार्ध के फोटो बाटे जौना में सेंटर में मध्य अमेरिका देखात बाटे, बाकी ज्यादातर दक्खिन अमेरिका की ऊपर बादर बाटे। फोटो की ऊपरी किनारा पर ग्रीनलैंड के साफ देखल जा सकत बाटे।
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