दर्रा
परबत श्रेणी के पार करे लायक जगह जहाँ से ओकरे आरपार रस्ता होखे / From Wikipedia, the free encyclopedia
दर्रा चाहे पहाड़ी दर्रा (अंग्रेजी: mountain pass) पहाड़ी चोटी सभ के बीचा में कुछ कम ऊँच जगह होला जहाँ से परबत श्रेणी चाहे पहाड़ी कटक के आर-पार आवाजाही लायक रस्ता होखे ला। एगो दुसरे तरीका से देखल जाय त कौनों लमहर पहाड़ के पार करे वाला रस्ता के ई सबसे ऊँच लोकेशन भी होला। इतिहास में सुरुआते से लमहर आ ऊँच परबत श्रेणी सभ दुनों ओर के इलाका के बीचा में आवे जाए में बाधा भा बैरियर के काम करत आ रहल बाड़ीं आ एही कारन अइसन अस्थान जहाँ से पहाड़न के पार कइल जा सके, मनुष्य आ जानवरन के प्राकृतिक प्रवास (माइग्रेशन), एक इलाका से दुसरे इलाका के बीचा के लोगन में आपसी संपर्क, आ ब्यापार-बाणिज्य से ले के हमला आ जुद्ध तक में बहुत महत्व के भूगोलीय लोकेशन के काम करत आ रहल बाड़ें।
पहाड़न के लमहर कड़ी के बीचा में अइसन निचाई के रस्ता वाली जगह प्राकृतिक रूप से बनल होखे लीं; जइसे कि दू गो ज्वालामुखी परबतन के चोटी के बीचा के निचला हिस्सा, टेक्टानिक हलचल से बनल गैप, चाहे पानी, हवा भा ग्लेशियर द्वारा कटाव से बनल रस्ता हो सके लें।
दर्रा से हो के गुजरे वाला रस्ता खाली भर पैदल आवाजाही भर रस्ता हो सके ला चाहे सड़क मार्ग भी हो सके ला जहाँ से मोटर बाहन सभ के आवाजाही संभव हो सके। भारत के लद्दाख के देमचोक के लगे उमलिंग ला नाँव के दर्रा बा जेकर ऊँचाई 5,800 मी (19,029 फीट) बाटे (भारत के बार्डर रोड संगठन के हिसाब से "19,300 फीट", जे इहाँ "दुनिया के सभसे ऊँच मोटरबाहन आवाजाही जोग दर्रा" होखे के बोर्ड लगवले बा)[1] जबकि भारत आ तिब्बत के बीचा में परसिद्ध माना दर्रा के ऊँचाई 5,610 मी (18,406 फीट) बाटे। एगो अउरी आँकड़ा के मोताबिक दुनिया के सभसे ऊँच पक्का सड़क वाला दर्रा तिब्बत में सिमो ला 5,565 मी (18,258 फीट) बाटे जहाँ से बस आ ट्रक रेगुलर पास होखे लीं।[2]