इलाहाबाद के इतिहास
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प्रयागराज, जवना के एकरे पुरान नाँव प्रयाग से भी बोलावल जाला, भारत के उत्तरी हिस्सा के राज्य उत्तर प्रदेश में एगो बड़ा आ प्रमुख शहर बाटे। मानल जाला की प्रयाग के नाँव इलाहाबाद बादशाह अकबर द्वारा 1575 ईसवी में राखल गइल जे अंग्रेजी राज में, अंग्रेजी में Allahabad हो गइल आ अंग्रेजी में एकर इहे इस्पेलिंग लिखल जाए के कारन कुछ लोग ए के अलाहाबाद भी कहे ला। शहर एगो तिकोना आकार के जमीनी हिस्सा पर बसल बाटे जे तीन ओर से गंगा आ यमुना नदिन से घेराइल बाटे आ खाली पच्छिम ओर के जमीनी हिस्सा दुआब से जुड़ल बाटे।[1] शहर के मुख्य महत्व हिंदू धर्म में पवित्र स्थान, तीर्थ, के रूप में बाटे। हिंदू मत के अनुसार गंगा आ यमुना, दुनों नदी के पबित्र मानल गइल बा आ इनहन के मिले के अस्थान, संगम, त्रिवेणी संगम के नाँव से बोलावल जाला। मान्यता के अनुसार, वैदिक काल के सरस्वती नदी (जे अब सूख चुकल बा) प्राचीन काल में अहिजे गंगा आ यमुना के साथ मिले आ तीन गो नदिन के मिले के ई जगह त्रिवेणी संगम कहाय। ई जगह, भारत के चारि गो अइसन जगह में बा जहाँ कुंभ मेला लागे ला आ हिंदू लोग के तीर्थ हवे। साहित्य में आ हिंदू ग्रंथन में कुछ जगहन पर एकरा के तीरथराज के उपाधि भी दिहल गइल बा।
एकर प्राचीन नाँव प्रयाग (संस्कृत शब्द जेकर अर्थ बा "यज्ञ के भूमि"), ई मानल जाला कि ब्रह्मा के द्वारा एही जे यग्य करे करे के कारन पड़ल।