कृष्णाजी केशव दामले
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कृष्णाजी केशव दामले (टोपणनाव: केशवसुत) ( ७ ऑक्टोबर १८६६:मालगुंड - ०७ नोव्हेंबर १९०५) हे मराठी कवी होते. मराठीत संतकाव्य आणि पंतकाव्य ही परंपरा होती. ती मोडून अन्य विषयांवर कविता करणारे केशवसुत हे आद्य मराठी कवी समजले जातात.
जलद तथ्य कृष्णाजी केशव दामले, जन्म नाव ...
कृष्णाजी केशव दामले | |
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जन्म नाव | कृष्णाजी केशव दामले |
टोपणनाव | केशवसुत |
जन्म |
०७ ऑक्टोबर १८६६ , भाद्रपद कृ. १४ मालगुंड , जि. रत्नागिरी |
मृत्यू |
०७ नोव्हेंबर १९०५ - कार्तिक शु. ११ हुबळी , कर्नाटक |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
कार्यक्षेत्र | साहित्य |
भाषा | मराठी |
साहित्य प्रकार | कविता |
कार्यकाळ | १८६६ ते १९०५ |
प्रसिद्ध साहित्यकृती | आम्ही कोण?, झपुर्झा |
प्रभाव | वर्डस्वर्थ, शेली, किटस् |
वडील | केशव विठ्ठल दामले |
आई | अन्नपूर्णाबाई केशव दामले |
अपत्ये | तीन: अनुक्रमे - मनोरमा, वत्सला, सुमन |
पुरस्कार | १९२१ साली डेक्कन व्हर्नाक्युलर ट्रान्सलेशन सोसायटीचे रु. ३५०=०० चे बक्षीस, त्याकाळातील सर्वाधिक रक्कम [1] |
टीपा | keshavsuta |
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