वसंतराव नाईक
भारतीय राजनीतिज्ञ,प्रख्यात विचारक , कृषिप्रधान भारत के कृषिसंत एवं प्रथम किसान मुख्यमंत्री / From Wikipedia, the free encyclopedia
वसंतराव फुलसिंग नाईक (१ जुलाई १९१३ - १८ अगस्त १९७९) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो १९६३ से १९७५ तक लंबे समयतक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहे। प्रथम किसान मुख्यमंत्री के रुप में वसंंतराव नाईक का देशभर में जिक्र किया जाता है। वसंंतराव नाईक हरित क्रांति, पंचायत राज के साथ-साथ श्वेत क्रांति और रोजगार गारंटी योजना का जनक माना जाता है। पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने कहा, "वसंतराव नाइक भारत माता के महान सपूत हैं।" इस शब्द में महानायक वसंतराव नाईक का गौरव किया ।सन 1972 में महाराष्ट्र में भीषण सूखे के दौरान उन्होंने किसानों के लिए दूरगामी राहत योजनाएँ लागू कीं। वसंतराव नाइक न केवल किसानों की समस्याओं से अवगत थे बल्कि उन्होंने दूरगामी कदम भी उठाए। उनकी नाल हमेशा खेती और किसानों से जुड़ी रही। कठिन समय में भी वसंंतराव नाईकने क्रांतिकारी कार्य किये। इसीलिए उन्हें 'किसानों का ज्ञाता राजा', 'हरित योद्धा' कहा जाता है। प्रसिद्ध लेखक एकनाथराव पवार ने वसंतराव नाइक को 'आधुनिक कृषिप्रधान भारत का कृषी संत' बताया है। महानायक वसंतराव नाइक सिर्फ एक नाम नहीं हैं, बल्कि शाश्वत विकास की एक जन-उन्मुख विचारधारा मानी जाती हैं। नाईक ५ दिसंबर १९६३ से २० फरवरी १९७५ तक का उनका कार्यकाल जुलाई 2017 के अनुसार [update]का सबसे लम्बा रहा।[1]