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राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार, सर्वोत्कृष्ट महिला पार्श्वगायिका (अधिकृतपणे सर्वोत्कृष्ट महिला पार्श्वगायिकेसाठी रजत कमल पुरस्कार म्हणून ओळखला जातो) हा १९६८ पासून भारतीय राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कारांमध्ये दरवर्षी दिला जाणारा भारतीय चित्रपट उद्योगातील चित्रपटांच्या गाण्यांसाठीचा सन्मान आहे. १९५४ मध्ये स्थापन झालेल्या राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कारांना "चित्रपटांचे राज्य पुरस्कार" असे म्हणले जात असे. १९६८ मध्ये "सर्वोत्कृष्ट महिला पार्श्वगायिका" श्रेणीची स्थापना केली गेली. २०२१ पर्यंत, संयुक्त विजेते व पुनरावृत्तीचे विजेत्यांचा लेखाजोखा लक्षात घेऊन, भारत सरकारने ३० विविध महिला पार्श्वगायिकांना एकूण ५३ पुरस्कार प्रदान केले आहेत.
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स्थान | भारत | ||
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स्थापना |
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१९७४ पर्यंत, या श्रेणीतील राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार विजेत्यांना स्मृतीचिन्ह आणि प्रमाणपत्र मिळत असे. १९७५ पासून, त्यांना "रजत कमळ" (रौप्य कमळ), प्रमाणपत्र आणि रोख रक्क्म मिळत असे. २०१२ मध्ये ५०,००० (US$१,११०) ची रोख देण्यात आली आहे.
भारतीय चित्रपट उद्योग २० हून अधिक भाषा आणि बोलींमध्ये चित्रपटांची निर्मिती करत असला तरी,[1] 'रजत कमल' पुरस्कार प्राप्त झालेल्या महिला पार्श्वगायिकांनी नऊ प्रमुख भाषांमध्ये त्यांचे सादरीकरण केले आहे: तमिळ (पंधरा पुरस्कार), हिंदी (चौदा पुरस्कार ), तेलुगू (सात पुरस्कार), मराठी (सहा पुरस्कार), बंगाली (सहा पुरस्कार), मल्याळम (चार पुरस्कार), कन्नड (एक पुरस्कार), आसामी (एक पुरस्कार) आणि कोकणी (एक पुरस्कार).
प्रथम पुरस्कार प्राप्तकर्ता पी. सुशिला होत्या, ज्यांना १९६८ मध्ये १६ व्या राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले होते. २०२१ पर्यंत, सर्वाधिक 'रजत कमल' पुरस्कार जिंकणारी महिला पार्श्वगायिका म्हणजे के.एस. चित्रा आहे जिला सहा विजय मिळाले आहे. त्यानंतर पी. सुशिला आणि श्रेया घोषाल प्रत्येकी पाच विजयांसह आहेत. एस. जानकी यांनी चार वेळा हा पुरस्कार पटकावला आहे. दोन महिला पार्श्वगायिका - लता मंगेशकर आणि वाणी जयराम यांनी तीनदा, तर तीन महिला पार्श्वगायिका - आशा भोसले, अलका याज्ञिक आणि आरती अंकलीकर-टिकेकर यांनी दोनदा पुरस्कार जिंकले आहेत. श्रेया घोषालने पाच वेगवेगळ्या भाषांमध्ये तिच्या सादरीकरणासाठी पुरस्कार जिंकला असून, त्यानंतर एस. जानकी आणि के.एस. चित्रा, या दोघांनीही तीन वेगवेगळ्या भाषांमध्ये सादरीकरणासाठी पुरस्कार जिंकले आहे. संध्या मुखर्जी आणि श्रेया घोषाल या एकमेव प्राप्तकर्त्या आहेत ज्यांना एकाच वर्षी दोन भिन्न चित्रपटांमधून दोन प्रस्तुतींसाठी पुरस्कार मिळाला आहे. घोषाल ही एकमेव प्राप्तकर्ता आहेत ज्यांना दोन भिन्न भाषांमधील दोन भिन्न चित्रपटांमधून दोन प्रस्तुतींसाठी पुरस्कार मिळाला आहे. के.एस. चित्रा आणि रूपा गांगुली ह्या अश्या प्राप्तकर्ते आहेत ज्यांना एकाच वर्षी एकाच चित्रपटातील दोन प्रस्तुतींसाठी हा पुरस्कार मिळाला आहे. वाणी जयराम आणि लता मंगेशकर या अश्या प्राप्तकर्त्या आहेत ज्यांना एकाच वर्षी एकाच चित्रपटातील त्यांच्या विविध सादरीकरणासाठी हा पुरस्कार मिळाला आहे. २०२१ पर्यंत, वयाच्या दहाव्या वर्षी पुरस्कार प्राप्त करणारी उत्तरा उन्नीकृष्णन ही सर्वात तरुण प्राप्तकर्ता आहे,[2] आणि वयाच्या ६२ व्या वर्षी हा पुरस्कार प्राप्त करणारी ननजम्मा सर्वात वयस्कर प्राप्तकर्ता आहेत.[3] लता मंगेशकर आणि आशा भोसले ही एकमेव भावंडांची जोडी आहे जिला हा पुरस्कार मिळाला आहे. १९७३ मध्ये २१ व्या राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कारांमध्ये या श्रेणीत कोणताही पुरस्कार देण्यात आला नाही. श्रेया घोषाल या पुरस्काराची सर्वात अलीकडील प्राप्तकर्ता आहे जिला तमिळ चित्रपटातील " मायवा छायावा" गाण्यासाठी ६९ व्या राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कारांमध्ये सन्मानित करण्यात आले.[4]
चिन्ह | अर्थ |
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वर्ष | केंद्रीय चित्रपट प्रमाणन मंडळ (CBFC) द्वारे चित्रपट कोणत्या वर्षी सेन्सॉर करण्यात आला हे दर्शवते |
† | त्या वर्षासाठी संयुक्त पुरस्कार सूचित करते |
विजेत्याने त्या वर्षी एक किंवा दोन भिन्न चित्रपटांमधून दोन प्रस्तुतींसाठी पुरस्कार जिंकल्याचे सूचित करते | |
⸸ | त्या वर्षी विविध सादरीकरणासाठी विजेत्याने पुरस्कार जिंकल्याचे सूचित करते |
वर्ष[lower-alpha 1] | चित्र | विजेता | गाणे | चित्रपट | भाषा | संदर्भ |
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१९६८ (१६ वे) |
पी. सुशिला | "पाल पोलावे" | उरंध मनिथन | तमिळ | [5] | |
१९६९ (१७ वे) |
के.बी. सुंदरंबल | "पळणीमलाई मीथिले" | थुनाइवन | तमिळ | [6] | |
१९७० (१८ वे) |
संध्या मुखर्जी | "आमादर छुटी छुटी" | जय जयंती [lower-alpha 2] | बंगाली | [7] | |
"ओरे साकोल सोना मोलिन होलो" | निशी पद्मा | |||||
१९७१ (१९ वे) |
पी. सुशिला | "चित्तुकुरुविक्केना कट्टुपाडू" | सावळे समळी | तमिळ | [8] | |
१९७२ (२० वे) |
लता मंगेशकर | "बीती ना बीताई रैना" | परिचय | हिंदी | [9] | |
१९७३ (२१ वे) |
पुरस्कार नाही | [10] | ||||
१९७४ (२२ वे) |
लता मंगेशकर | "रूठे रूठे पिया" | कोरा कागज | हिंदी | [11] | |
१९७५ (२३ वे) |
वाणी जयराम | "येझु स्वरंगलुकुल" | अपूर्व रागंगल | तमिळ | [12] | |
१९७६ (२४ वे) |
पी. सुशिला | "झुम्मंडी नाधम" | सिरी सिरी मुव्वा | तेलुगू | [8] | |
१९७७ (२५ वे) |
एस. जानकी | "सेंथुरा पूव" | १६ वयथिनिले | तमिळ | [13] | |
१९७८ (२६ वे) |
– | छाया गांगुली | "आप की याद आती रही रात भर" | गमन | हिंदी | [14] |
१९७९ (२७ वे) ⸸ |
वाणी जयराम | – [lower-alpha 3] | संकराभरणम | तेलुगु | [15] | |
१९८० (२८ वे) |
एस. जानकी | "एत्तुमनूर अंबालाथिल इझुन्नल्लाथु" | ओपोल | मल्याळम | [16] | |
१९८१ (२९ वे) |
आशा भोसले | "दिल चीज क्या है" | उमराव जान | हिंदी | [17] | |
१९८२ (३० वे) |
पी. सुशिला | "प्रिये चारुशीले" | मेघसंदेसम | तेलुगु | [18] | |
१९८३ ( ३१ वे) |
पी. सुशिला | "एंथो बीडा वादे गोपालुडू" | एम. एल.ए. येदुकोंडालू | तेलुगु | [19] | |
१९८४ (३२ वे) |
एस. जानकी | "वेनेल्लो गोधरी" | सितारा | तेलुगु | [20] | |
१९८५ (३३ वे) |
के.एस. चित्रा | "पदरीयेन" | सिंधू भैरवी [lower-alpha 4] | तमिळ | [21] | |
"नान ओरु सिंधू" | ||||||
१९८६ (३४ वे) |
के.एस. चित्रा | "मंजल प्रसादवुम" | नखक्षतंगल | मल्याळम | [22] | |
१९८७ (३५ वे) |
आशा भोसले | "मेरा कुछ सामान" | इजाजत | हिंदी | [23] | |
१९८८ (३६ वे) |
के.एस. चित्रा | "इंदुपुष्पम चूडी निल्कुम" | वैशाली | मल्याळम | [24] | |
१९८९ (३७ वे) |
अनुराधा पौडवाल | "हे एक रेशमी घरटे" | कळत नकळत | मराठी | [25] | |
१९९० (३८ वे) ⸸ |
लता मंगेशकर | – [lower-alpha 5] | लेकिन... | हिंदी | [26] | |
१९९१ (३९ वे) |
वाणी जयराम | "आनती नियारा" | स्वाती किरणम | तेलुगु | [27] | |
१९९२ (४० वे) |
एस. जानकी | "इंजी इदुप्पाझगी" | तेवर मगन | तमिळ | [28] | |
१९९३ (४१ वे) |
अलका याज्ञिक | "घुंघट की आड से" | हम हैं राही प्यार के | हिंदी | [29] | |
१९९४ (४२ वे) |
– | स्वर्णलथा | "पोराले पोन्नूथाये" | करुथम्मा | तमिळ | [30] |
१९९५ (४३ वे) |
अंजली मराठे | "भूई भेगाळली खोल" | दोघी | मराठी | [31] | |
१९९६ (४४ वे) |
के.एस. चित्रा | "मना मदुराई" | मिनसारा कणवू | तमिळ | [32] | |
१९९७ (४५ वे) |
के.एस. चित्रा | "पायले चुनमुन" | विरासत | हिंदी | [33] | |
१९९८ (४६ वे) |
अलका याज्ञिक | "कुछ कुछ होता है" | कुछ कुछ होता है | हिंदी | [34] | |
१९९९ (४७ वे) |
– | जयश्री दासगुप्ता | "हृदय अमार प्रकाश होला" | प्रोमित्रा एक दिन | बंगाली | [35] |
२००० (४८ वे) |
– | भवतारिणी इलैयाराजा | "मायल पोला पोन्नू ओन्नू" | भारथी | तमिळ | [36] |
२००१ (४९ वे) |
साधना सरगम | "पट्टू चोली" | अळगी | तमिळ | [37] | |
२००२ (५० वे) |
श्रेया घोषाल | "बैरी पिया" | देवदास | हिंदी | [38] | |
२००३ (५१ वे) |
तराली सरमा | "किमोटे भोकोटी" | आकाशीतोर कोठारे | आसामी | [39] | |
२००४ (५२ वे) |
के.एस. चित्रा | "ओव्होरु पुकालुमे" | ऑटोग्राफ | तमिळ | [40] | |
२००५ (५३ वे) |
श्रेया घोषाल | "धिरे जलना" | पहेली | हिंदी | [41] | |
२००६ (५४ वे) |
आरती अंकलीकर-टिकेकर | – | अंतरनाद | कोकणी | [42] | |
२००७ (५५ वे) |
श्रेया घोषाल | "ये इश्क हाए" | जब वी मेट | हिंदी | [43] | |
२००८ (५६ वे) |
श्रेया घोषाल | "फेरारी मोन" | अंतहीन' [lower-alpha 6] | बंगाली | [44] | |
"जीन दंगला गुंगला रंगला असा" | जोगवा | मराठी | ||||
२००९ (५७ वे) |
निलांजना सरकार | "बॉय जय सुधू बिश"[45] | हाऊसफुल्ल | बंगाली | [46] | |
२०१० (५८ वे) |
रेखा भारद्वाज | "बडी धिरे जली" | इश्कीया | हिंदी | [47] | |
२०११ (५९ वे) |
रूपा गांगुली | "दुरे कोठाओ दुरे दुरे" | अबोशेशे [lower-alpha 7] | बंगाली | [48] | |
"आजी बिजन घरे" | ||||||
२०२१ (६० वे) |
आरती अंकलीकर-टिकेकर | "पलके ना मुन्दो" | संहिता | मराठी | [49] | |
२०१३ (६१ वे) |
बेला शेंडे | "खुरखुरा" | तुह्या धर्म कोनचा | मराठी | [50] | |
२०१४ (६२ वे) |
– | उथरा उन्नीकृष्णन | "अझागु" [lower-alpha 8] | शैवम् | तमिळ | [51][2] |
२०१५ (६३ वे) |
मोनाली ठाकूर | "मोह मोह के धागे" | दम लगा के हैशा | हिंदी | [52] | |
२०१६ (६४ वे) |
इमान चक्रवर्ती | "तुमी जाके भलोबाशो" | प्राक्तन | बंगाली | [53] | |
२०१७ (६५ वे) |
शाशा तिरुपती | "वान वरुवान" | कात्रु वेलीदाई | तमिळ | [54] | |
२०१८ (६६ वे) |
बंधू मालिनी | "मायावी मानवे" | नाथीचरामी | कन्नड | [55] | |
२०१९ (६७ वे) |
– | सावनी रवींद्र | "रान पेटल" | बारदो | मराठी | [56] |
२०२० (६८ वे) |
ननजम्मा | "कलक्कथा" [lower-alpha 9] | अय्यप्पनम कोशियुम | मल्याळम | [57][3] | |
२०२१ (६९ वे) |
श्रेया घोषाल | "मायाव चायवा" | इरावीन निऱ्हाळ | तेलुगु [lower-alpha 10] | [4] | |
तमिळ | ||||||
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