होमी जहांगीर भाभा
परमाणु वैज्ञानिक होमी जहाँगीर भाभा / From Wikipedia, the free encyclopedia
होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 - 24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्होंने नाभिकीय विज्ञान में तब कार्य आरम्भ किया जब अविछिन्न शृंखला अभिक्रिया का ज्ञान नहीं के बराबर था और नाभिकीय उर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई मानने को तैयार नहीं था। उन्हें 'आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम' भी कहा जाता है। भाभा का जन्म मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था। उनकी कीर्ति सारे संसार में फैली। भारत वापस आने पर उन्होंने अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया। भारत को परमाणु शक्ति बनाने के मिशन में प्रथम पग के तौर पर उन्होंने 1945 में मूलभूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) की स्थापना की। डा. भाभा एक कुशल वैज्ञानिक और प्रतिबद्ध इंजीनियर होने के साथ-साथ एक समर्पित वास्तुशिल्पी, सतर्क नियोजक, एवं निपुण कार्यकारी थे। वे ललित कला व संगीत के उत्कृष्ट प्रेमी तथा लोकोपकारी थे। 1947 में भारत सरकार द्वारा गठित परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त हुए।[1] १९५३ में जेनेवा में अनुष्ठित विश्व परमाणुविक वैज्ञानिकों के महासम्मेलन में उन्होंने सभापतित्व किया। भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक का २४ जनवरी सन १९६६ को एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया था।[2]
होमी जहांगीर भाभा | |
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होमी जहांगीर भाभा (१९०९-१९६६) | |
जन्म |
30 अक्टूबर 1909 मुंबई, भारत |
मृत्यु |
24 जनवरी 1966 मोंट ब्लांक, फ्रांस |
आवास | भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जातियता | पारसी |
क्षेत्र | परमाणु वैज्ञानिक |
संस्थान |
Cavendish Laboratories भारतीय विज्ञान संस्थान टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान परमाणु ऊर्जा आयोग (भारत) |
शिक्षा | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
डॉक्टरी सलाहकार |
पॉल डिराक रॉल्फ एच फाउलर |
डॉक्टरी शिष्य | बी भी श्रीकांतन |
प्रसिद्धि | भाभा स्कैटेरिंग |