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करघा
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करघा एक प्रकार का कपड़ा बुनने का उपकरण है। किसी भी करघे का मूल उद्देश्य होता है धागों को तवान की स्थित में पकड़े रखना ताकी धागों की बुनाई करके कपड़ा बनाया जा सके। करघे की बनावट और कार्यप्रणाली भिन्न हो सकती है, लेकिन ये मूल रूप से एकसा कार्य करते हैं। सुप्रसिद्ध युवा कवि 'गोलेन्द्र पटेल' ने अपनी कविता ‘कठौती और करघा’ में कहा है कि
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“रैदास की कठौती और कबीर के करघे के बीच/ तुलसी का दुख एक सेतु की तरह है/ जिस पर से गुज़रने पर/ हमें प्रसाद, प्रेमचंद व धूमिल आदि के दर्शन होते हैं!/
यह काशी/ बेगमपुरा, अमरदेसवा और रामराज्य की नाभि है।” (कवितांश : ‘कठौती और करघा’ से)