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सेममुखेम नागराज
सेम नागराजा मंदिर (सेम मुखेम टिहरी गढ़वाल ) / From Wikipedia, the free encyclopedia
सेममुखेम नागराज उत्तराखण्ड के टिहरी गढ़वाल जिला में स्थित एक प्रसिद्ध नागतीर्थ है। श्रद्धालुओं में यह सेम नागराजा के नाम से प्रसिद्ध है।
![सेम नागराज मंदिर](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/7/79/Sem_nagaraja_mandir_tehri.jpg/640px-Sem_nagaraja_mandir_tehri.jpg)
मन्दिर का सुन्दर द्वार १४ फुट चौड़ा तथा २७ फुट ऊँचा है। इसमें नागराज फन फैलाये हैं और भगवान कृष्ण नागराज के फन के ऊपर वंशी की धुन में लीन हैं। मन्दिर में प्रवेश के बाद नागराजा के दर्शन होते हैं। मन्दिर के गर्भगृह में नागराजा की स्वयं भू-शिला है। ये शिला द्वापर युग की बतायी जाती है। मन्दिर के दाँयी तरफ गङ्गु रमोला के परिवार की मूर्तियाँ स्थापित की गयी हैं। सेम नागराजा की पूजा करने से पहले गङ्गु रमोला की पूजा की जाती है।
![सेम मुखेम मंदिर प्रांगण स्थित गंगू रमोला की मूर्ति](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/0/0c/Gangu-Ramola.jpg/640px-Gangu-Ramola.jpg)
यह माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण कालिया नाग का उद्धार करने आये थे।
इस स्थान पर उस समय गङ्गु रमोला का अधिपत्य था श्री कृष्ण ने उनसे यहाँ पर कुछ भू भाग माँगना चाहा परन्तु गङ्गु रमोला ने यह कह के मना कर दिया कि वह किसी चलते फिरते यात्री को धरती नहीं देते। फिर श्री कृष्ण ने अपनी माया दिखाई तत्पश्चात गङ्गु रमोला ने इस शर्त पे कुछ भू भाग श्री कृष्ण को दे दिया कि वो एक हिमा नाम के राक्षस का वध करेंगे जिस से कि वो काफी परेशान थे।