वल्लभदेव
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वल्लभवदेव संस्कृत के प्रसिद्ध टीकाकार थे। रघुवंश की प्रथम टीका उनकी ही प्राप्त होती है। उनके जीवन के विषय में बहुत कम ज्ञात है। उनका जीवनकाल १०वीं शताब्दी माना जाता है। उनकी कृतियों से पता चलता है कि उनके पिता का नाम 'आनन्ददेव' था।
वल्लभदेव कालिदास के प्राचीन टीकाकार हैं, ऐसी मान्यता है । जनार्दन, मल्लिनाथ, गुणविनयसूरि, चारित्रवर्धन और अन्य वल्लभदेव का नाम से या कभी-कभी नाम बिना भी निर्देश करते हैं। इस कारण कुछ लोग उनको कालिदास के प्रथम टीकाकार मानते हैं।