लेसर विज्ञान
लेजर / From Wikipedia, the free encyclopedia
लेजर (LASER=Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation =विकिरण के उद्दीपित उत्सर्जन द्वारा प्रकाश का प्रवर्धन) एक ऐसा विद्युतचुंबकीय विकिरण है जो उद्दीपित उत्सर्जन (stimulated emission) की प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न किया जाता है। अतः लेजर भी एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण ही है जिसमें साधारण विकिरण की अपेक्षा कुछ विशेष गुण भी होते हैं। लेजर प्रकाश आमतौर पर आकाशिक रूप से संबद्ध (coherent) होते हैं, जिसका अर्थ है कि प्रकाश पुंज का पसरण कोण अत्यन्त कम या शून्य होगा। ऐसे प्रकाश से है जिसकी लगभग सारी ऊर्जा एक ही तरंगदैर्घ्य की होती है। दूसरे शब्दों में लेजर को मोटे तौर पर एकवर्णी प्रकाशपुंज (मोनोक्रोमेटिक प्रकाश) माना जा सकता है। यह अर्थ सभी लेजरों के लिए सही नहीं है, हालांकि कुछ लेजर व्यापक प्रकाशपुंज की तरह प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, जबकि कुछ कई प्रकार के विशिष्ट तरंगदैर्घ्य पर साथ साथ प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। पारंपिरक लेसर के उत्सर्जन में विशिष्ट सामन्जस्य होता है। प्रकाश के अधिकतर अन्य स्रोत असंबद्ध प्रकाश उत्सर्जित करते हैं जिनमें विभिन्न कला (phase) होते हैं और जो समय और स्थान के साथ निरंतर बदलता रहता है।