रेडियो तरंग
From Wikipedia, the free encyclopedia
रेडियो तरंगें (radio waves) वे विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं, जिनका तरंगदैर्घ्य १० सेण्टीमीटर से १०० किमी के बीच होता है। ये मानवनिर्मित भी होती हैं और प्राकृतिक भी। मानव की कोई इंद्रिय इन्हें पहचान नहीं सकती बल्कि ये किसी अन्य तकनीकी उपकरण (जैसे, रेडियो संग्राही) द्वारा पकड़ी एवं अनुभव की जातीं हैं। इनका प्रयोग मुख्यतः बिना तार के, वातावरण या बाहरी व्योम के द्वारा सूचना का आदान प्रदान या परिवहन में होता है। इन्हें अन्य विद्युत चुम्बकीय तरंगों से इनकी तरंग दैर्घ्य के अधार पर पृथक किया जाता है, जो अपेक्षाकृत अधिक लम्बी होती है।
खोज
ITU रेडियो पट्टी नम्बर
4 5 6 7 8 9 10 11 12 |
ITU रेडियो पट्टी चिह्न
VLF LF MF HF VHF UHF SHF EHF |
NATO रेडियो पट्टी
A B C D E F G H I J K L M |
IEEE रडार पट्टियाँ
HF VHF UHF L S C X Ku K Ka V W |
![]() | यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
सबसे पहले 1864 में James Clerk Maxwell ने Theoretical और Mathematically ये दिखाया था की विद्युतचुम्बकीय तरंगें (electromagnetic waves) बिना तार के एक जगह से दूसरी जगह कैसे भेजी जा सकती है . लेकिन पांच साल बाद यानी के1869 में उनकी मृत्यु हो गई और वो रेडियो को नहीं बना सके। उसके बाद 1886-1889 में एक जर्मन वैज्ञानिक Heinrich Hertz ने रेडियो की Theory को साबित किया की ये Theory सही है .
इसके बाद 1890 में एक इटालियन वैज्ञानिक Guglielmo Marconi ने wireless टेलीग्राफी पर काम करना शुरू किया जब वो सिर्फ 16 साल के थे . और 1900 में उन्होंने पहली बार रेडियो संदेश भेज कर दिखाया .लेकिन एक से अधिक व्यक्तियों के पास रेडियो सन्देश 1906 में भेज गया था वो भी अटलांटिक महासागर में तैर रहे जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों के पास और ये कोई संदेश नहीं बल्कि एक संगीत उनको सुनाया गया था .
रेडियो के बारे में रोचक जानकारी:-
• सबसे पहले 1918 में New York में एक रेडियो स्टेशन लगाया गया जिसका नाम था “The Forest” पर कुछ दिनों बाद ही पुलिस को पता लगा गया और उसे बंद करवा दिया लेकिन नवंबर 1920 में पहली बार क़ानूनी तौर पर रेडियो स्टेशन शुरू करने की अनुमति मिली • रेडियो पर Advertising की शुरुआत 1923 में हुई | •1936 में भारत में एक सरकारी रेडियो की शुरुआत हुई जो भारत आजाद होने के बाद ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी बन गया। •1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सारे रेडियो स्टेशन सरकार ने बंद कर दिए थे | एक हजार किलो हर्ट्ज(1000kHz) रेडियो तरंग की तरंगदैर्ध्य 300 मीटर होती है|