रामनाथ कोविन्द (जन्म: १ अक्टूबर 1945) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने भारत गणराज्य के 14वें राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी। वे 25 जुलाई 2017 को 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए। 25 जुलाई 2017 को भारतीय उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने उन्हें भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ दिलायी।[3][4] वे राज्यसभा सदस्य तथा बिहार राज्य के राज्यपाल रह चुके हैं। माननीय रामनाथ कोविंद प्रबुद्ध सोसाइटी के प्रेरणा श्रोत है तथा हमारे देश के प्रबुद्ध सम्राट है।[5]

सामान्य तथ्य रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री ...
रामनाथ कोविन्द
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रामनाथ कोविन्द

पद बहाल
२५ जुलाई २०१७  २५ जुलाई २०२२
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू
पूर्वा धिकारी प्रणब मुखर्जी
उत्तरा धिकारी द्रौपदी मुर्मू

पद बहाल
१६ अगस्त २०१५  २० जून २०१७
पूर्वा धिकारी केसरी नाथ त्रिपाठी
उत्तरा धिकारी केसरी नाथ त्रिपाठी

जन्म ०१ अक्टूबर १९४५
परौंख,कानपुर, उत्तर प्रदेशਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी सविता कोविन्द (विवाह :३० मई १९७४)
बच्चे दो; पुत्र - प्रशांत कुमार, पुत्री - स्वाती[1]
निवास कानपुर, उत्तर प्रदेश
शैक्षिक सम्बद्धता बीकॉम,MBA एल॰ एल. बी., कानपुर विश्वविद्यालय
पेशा , राजनीति, राज्यपाल,सहज मार्ग अभ्यासी[2]
धर्म हिन्दू
बंद करें

जीवन परिचय

रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) की तहसील डेरापुर, कानपुर देहात के एक छोटे से गाँव परौंख में हुआ था। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी (कोली) जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति, गुजरात में पिछड़ा जाति,केरल में पिछड़ा जाति कर्नाटक में पिछड़ा और महाराष्ट्र में पिछड़ा जाति मे आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात उन्होने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह १९७७ से १९७९ तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे। ८ अगस्त २०१५ को बिहार के राज्यपाल के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। उन्होनें संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा भी तीसरे प्रयास में ही पास कर ली थी।[6]

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2016 में बिहार में कोविंद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक समारोह में एक पुल का उद्घाटन करते हुए।
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१७ अप्रैल, २०१७ में बिहार के राज्यपाल श्री राम नाथ कोविन्द भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी का पटना में स्वागत करते हुए।

वर्ष १९९१ में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष १९९४ में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा[7] के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष २००० में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा[7] के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार १२ वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।

राष्ट्रपति

सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा १९ जून २०१७ को भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किये गए। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की, अमित शाह ने कहा कि रामनाथ कोविंद दलित समाज से उठकर आये हैं और उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए बहुत काम किया है, वे पेशे से एक वकील हैं और उन्हें संविधान का अच्छा ज्ञान भी है इसलिए वे एक अच्छे राष्ट्रपति सिद्ध होंगे और आगे भी मानवता के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे।[5] २० जुलाई २०१७ को राष्ट्रपति के निर्वाचन का परिणाम घोषित हुआ जिसमें कोविंद ने यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार को लगभग ३ लाख ३४ हजार वोटों के अंतर से हराया। कोविंद को ६५॰६५ फीसदी वोट प्राप्त हुए।[8] भारत के १३ वे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पश्चात २५ जुलाई २०१७ को भारत के १४ वे राष्ट्रपति के रूप में कोविंद ने शपथ ग्रहण की।

समाज सेवा

वह 'भाजपा दलित मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 'अखिल भारतीय कोली समाज' के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष १९८६ में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्युरो के महामंत्री भी रहे।

सन्दर्भ

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