यशवंत राव मुकने
भारतीय राजनीतिज्ञ विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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महाराजा यशवंतराव मार्तंडराव मुकने उर्फ महाराजा पतंगसाह मुकने (पांचवे) (११ दिसंबर १९१७ - ४ जुन १९७८) जव्हार रियासत के अंतिम आदिवासी महादेव कोली महाराजा थे। ये महाराजा महाराजा मार्तंडराव मलहारराव मुकने के पुत्र थे उकनी मृत्यु के पश्चात ही इन्होंने जव्हार रियासत की राजगद्दी संभाली।[1][2][3]
महाराजा यशवंतराव मार्तंडराव मुकने | |||||||||||||||||
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जव्हार के महाराजा मुकने | |||||||||||||||||
२६ मई १९३८ | |||||||||||||||||
राज्याभिषेक | २६ मई १९३८ | ||||||||||||||||
पिताजी | महाराजा मार्तंडराव मलहारराव मुकने | ||||||||||||||||
पुत्र | महाराजा दिग्विजयसिंहजी यशवंतरावजी मुकने | ||||||||||||||||
जन्म | राजकुमार यशवंतराव ११ दिसंबर १९१७ जव्हार, जव्हार रियासत, ब्रिटिश भारत | ||||||||||||||||
निधन | ४ जून १९७८ जव्हार, महाराष्ट्र, भारत | ||||||||||||||||
जीवनसंगी | शौभाग्यवती महारानी प्रियमवंदे राजे साहिबा मुकने | ||||||||||||||||
संतान | दिग्विजयसिंह (राजकुमार), आशाराजे एवं प्रेमाराजे (राजकुमारियां) | ||||||||||||||||
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घराना | मुकने राजवंश | ||||||||||||||||
माता | राजमाता सगुनाबाई राजे मुकने | ||||||||||||||||
धर्म | हिन्दू कोली | ||||||||||||||||
पेशा | शाही भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट |
यशवंतराव मुकने के पिता जव्हार रियासत के राजा थे जिन्होपृथमृथम विश्व युद्ध मे हिस्सा लिया था जिसके सम्मान म ब्रिटिश सरकार ने उनको वंशानुगत 9 बंदूकों की सलामी दी थी[4]
जब यशवंतराव का अभीषेक किया गया था तब वो सिर्फ दस बर्ष के थे इसलिए उनकी मां सगुनाबाई ने सरकार संभाली। 1938 मे जब वो व्यशक हो गए तो उन्होंने रियासत की सारी ताकत अपने हिथों मे ले ली। उसने काफी अच्छे काम किये जैसे की रसायनिक उद्योग, कागज उद्योग, वशत्र उद्योग, रंग उद्योग एवं मंड उद्योगों को बढ़ावा दिया। महाराजा यशवंतराव मार्तंडराव मुकने ने जव्हार रियासत में मुफ्त पढ़ाई एवं मुफ्त उषधाल्य मुहिय्या करवाऐ। उन्होंने पुस्तकालय, अस्पताल एवं संग्रहालय बनवाया। उन्होंने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भ्रमणशील औषधालय प्रदान किए। द्वितीय विश्व युद्ध के प्रचंड होने पर, उन्होंने सेवाओं के लिए स्वेच्छा से काम किया और रॉयल इंडियन एयर फोर्स में चार साल तक फ़्लाइट लेफ्टिनेंट के रूप में काम किया।
1947 मे जव्हार रियासत को आजाद भारत मे सम्मिलित कर दिया और उसके बाद वो राजनीति में चले गए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में, वह ठाणे से पहली लोकसभा के लिए चुने गए, जो अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट थी। बाद में उन्हें भिवंडी से तीसरी लोकसभा और दहानू से चौथी लोकसभा के लिए चुना गया, जो एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र भी था[5]
11 दिसंबर 1917 को जन्मे, मुकेन की शिक्षा राजकुमार कॉलेज, राजकोट और ओल्ड ब्लंडेल स्कूल और इंग्लैंड में मध्य मंदिर में हुई थी। उनका विवाह जत रियासत की राजकुमारी प्रियमवंदे से हुआ।[5]
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