मल्लिनाथ
उन्नीसवें तीर्थंकर प्रभुजी / From Wikipedia, the free encyclopedia
मल्लिनाथ जी उन्नीसवें तीर्थंकर है। जिन धर्म भारत का प्राचीन सम्प्रदाय हैं जैन धर्म के उन्नीसवें तीर्थंकर भगवान श्री मल्लिनाथ जी का जन्म मिथिलापुरी के इक्ष्वाकुवंश में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी को अश्विन नक्षत्र में हुआ था। इनके माता का नाम माता रक्षिता देवी और पिता का नाम राजा कुम्भराज था। इनके शरीर का वर्ण नीला था जबकि इनका चिन्ह कलश था। इनके यक्ष का नाम कुबेर और यक्षिणी का नाम धरणप्रिया देवी था। जैन धर्मावलम्बियों के अनुसार भगवान श्री मल्लिनाथ जी स्वामी के गणधरों की कुल संख्या 28 थी, जिनमें अभीक्षक स्वामी इनके प्रथम गणधर थे।
सामान्य तथ्य श्री मल्लिनाथ जी, विवरण ...
श्री मल्लिनाथ जी | |
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विवरण | |
शिक्षाएं | मोक्ष मार्ग |
पूर्व तीर्थंकर | अरनाथ |
अगले तीर्थंकर | मुनिसुव्रतनाथ |
गृहस्थ जीवन | |
वंश | इक्ष्वाकु वंश |
लक्षण | |
रंग | स्वर्ण |
चिन्ह | कलश |
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