भविष्य
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वर्तमान से निकल कर जैसे ही हम अपना अगला, देखने, सुनने, और समझ कर करने का प्रयास शुरु करेंगे, वह ही भविष्य ही भविष्य होगा.
वर्तमान, काल भूत काल एवं भविष्य काल अभी तक वर्तमान काल भूत काल और भविष्य काल के बारे में सुना देखा समझा और पढ़ा है वर्तमान काल यानि जो हमारे या किसी के द्वारा हो रहे कार्य को दर्शाता है वर्तमान काल कहलाता है भूत काल जो हमारे या किसी और के द्वारा हो चुके कार्य को दर्शाता है भविष्य काल वह कल है जो हमारे या किसी और के द्वारा सोचे गए कार्य को दर्शाता या बताता है यूज हमे भविष्य काल कहलाता है लेकिन समय 1 प्रकार का होता है लेकिन अलग अलग रूप से जरूर देखने को मिलता है लेकिन इनका सबका सामना वर्तमान से ही होता है जो करोगे वह वर्तमान में पाओगे चाहें वह निगेटिव हो या पॉजिटिव ok 1.वर्तमान एक होता है लेकिन फल दो प्रकार से मिलता है चाहें वह पॉजिटिव या निगेटिव हो फल भूत काल से वर्तमान काल में प्राप्त होता है न भूत से न भविष्य से भविष्य सिर्फ एक अनुमान या टारगेट है कोई निश्चित या फिक्स नही है कि क्रिया या कार्य होगा ही सभी जीवों या निर्जिवों का भूत भविष्य वर्तमान बदलता रहता हैं कुछ भी एक टारगेट निश्चित नहीं रहता है क्योंकि जब आप वर्तमान में करोगे तब बिगड़ेगा या बेहतर सुधार आएगा। या स्पीट आयेगी लेकिन वर्तमान में कोई टारगेट निश्चित नहीं होता है टारगेट में परिवर्तन होता रहता है अगर रुका ना जाए तो चाहें निगेटिव के प्रति हो या पॉजिटिव के प्रति हो लेकिन परिवर्तन होगा जरुर
भूत सुधारने या बिगाड़ने की सिख या समय देता है 2. भविष्य जीव या व्यक्ति का दो प्रकार से बनता है i जीव या व्यक्ती जो स्वयं बनाता है वह जैसी क्रिया एवं कार्य करेंगा वैसा भविष्य बनेगा चाहें निगेटिव हो या पॉजिटिव हों ok
ii वह भविष्य जो समाज या प्रकृति द्वारा बनता है और ये भविष्य समाज में रहने वाले हर एक जीव या निर्जिवों पर असर करता है जैसे व्यक्तियों के बीच युद्ध होना या कोई भी अचानक दुर्घटना होना या प्रकृति द्वारा अचानक कोई दुर्घटना होना जैसे सूखा पड़ता बहाड़ आना भूकंप आना तूफान आना या कोई बीमारी आना या वर्षा होना फसले तैयार होना ये सब ये कुछ प्रकृति या जीवों द्वारा मिलता है वर्तमान में है जो वर्तमान में करोगे वही हकीकत में मिलेगा वर्तमान एक होता है लेकिन फल दो प्रकार से मिलता है चाहें वह पॉजिटिव या निगेटिव हो फल वर्तमान से प्राप्त होता है न भूत से न भविष्य से भविष्य सिर्फ अनुमान या टारगेट है भूत सुधारने या बिगाड़ने की सिख या समय देता है
सभी जीवों या निर्जिवों का भूत भविष्य वर्तमान बदलता रहता हैं कुछ भी एक टारगेट निश्चित नहीं रहता है क्योंकि जब आप वर्तमान में करोगे तब बिगड़ेगा या बेहतर सुधार आएगा। या स्पीट आयेगी लेकिन वर्तमान में कोई टारगेट निश्चित नहीं होता है टारगेट में परिवर्तन होता रहता है अगर रुका ना जाए तो चाहें निगेटिव के प्रति हो या पॉजिटिव के प्रति हो लेकिन परिवर्तन होगा जरुर
और कुछ व्यक्ति यानि पाखंडी रुपए लूटने वाले होते है जो कहते है कि हम भविष्य बताते है बताने का दावा करते है 100 में 100% सत्य का दावा ठोंकते है हम उन्हें 100 में ये 100% झूठ कहते है झूठ बताते है कोई किसी का भविष्य नहीं बता सकता है चाहें कितना बड़ा ज्ञाता क्यो न हो सिर्फ अनुमान लगा सकते है सलाह सहयोग कर सकता है इससे अधिक कुछ नहीं और दूसरा व्यक्ति आपका सहयोग हर समय आपके पॉजिटिव के लिए नहीं करता है कभी कभी व्यक्ति आपका सहयोग अपने मतलब के लिए भी भर भरपूर्ण करता है आपको लूटने के लिए Thanks 👍 🙏 मैं आपसे माफ़ी मांगता हूं अगर आपके प्रति कोई गलत शब्द लिखा हो या ये पाठ पढ़ कर आपको ठेस पहुंचा हो लेकिन मुझे यही सही लगा है इसमें आपको क्या सही लगा और क्या गलत लगा है कॉमेंट जरूर करें क्योंकि हमें भी सम्पूर्ण ज्ञान नही है क्योंकि हमने भी प्रकृति और आप से ही सीखा है हमारा नाम PMPPE Arun Kumar hai अब अंगली चर्चा आत्म ज्ञान और रट्टा यानि कॉफी के बारे में होगीPMPPE arun kumar