बैकुण्ठ
भगवान विष्णु का निवास स्थान / From Wikipedia, the free encyclopedia
भगवान विष्णु का आवास। भगवान विष्णु जिस लोक में निवास करते हैं उसे बैकुण्ठ कहा जाता है। में बैकुण्ठ धाम जगतपालक भगवान विष्णु की दुनिया है। वैसे ही, जैसे कैलाश पर महादेव व ब्रह्मलोक में ब्रह्माजी बसते हैं। इसके कई नाम हैं - साकेत, गोलोक, परमधाम, परमस्थान, परमपद, परमव्योम, सनातन आकाश, शाश्वत-पद, ब्रह्मपुर। शास्त्रों के अनुसार बहुत ही पुण्य से मनुष्य को इस लोक में स्थान मिलता है। जो यहां पहुंच जाता है वो पुनः गर्भ में नहीं आता क्योंकि उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। अध्यात्म की नजर से बैकुण्ठ धाम मन की अवस्था है। बैकुण्ठ कोई स्थान न होकर आध्यात्मिक अनुभूति का धरातल है। जिसे बैकुण्ठ धाम जाना हो, उसके लिए ज्ञान ही उम्मीद की किरण है। इससे वह ईश्वर के स्वरूप से एकाकार हो जाता है। लेकिन जिसके भीतर परम ज्ञान है, भगवान के प्रति अनन्य भक्ति है, वे ही बैकुण्ठ पहुंच सकते हैं।
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वहीं मानवीय जिंदगी के लिए बैकुण्ठ की सार्थकता ढूंढे तो बैकुण्ठ का शाब्दिक अर्थ है - जहां कुंठा न हो। कुंठा यानी निष्क्रियता, अकर्मण्यता, निराशा, हताशा, आलस्य और दरिद्रता। इसका मतलब यह हुआ कि बैकुण्ठ धाम ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता नहीं है, निष्क्रियता नहीं है। व्यावहारिक जीवन में भी जिस स्थान पर निष्क्रियता नहीं होती उस स्थान पर रौनक होती है।