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भारत के पूर्व में एक देश विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
म्यान्मार (म्यन्मा) दक्षिण एशिया का एक देश है, जिसका भूतपूर्व नाम बर्मा/ब्रह्मा या ब्रह्मदेश था। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'म्यन्मा' ( မြန်မာ = म्रन्मा ) है। बर्मी भाषा में र का उच्चारण य किया जाता है अतः बर्मी में सही उच्चारण म्यन्मा है। इसका पुराना अंग्रेजी नाम बर्मा था जो यहाँ के सर्वाधिक मात्रा में आबाद जाति (नस्ल) बर्मी के नाम पर रखा गया था। इसके उत्तर में चीन, पश्चिम में भारत, बांग्लादेश एवं भारतीय महासागर तथा दक्षिण एवं पूर्व की दिशा में थाईलैंड एवं लाओस देश स्थित हैं। यह भारत एवं चीन के बीच एक रोधक राज्य का भी काम करता है। इसकी राजधानी नैय्पिडॉ और सबसे बड़ा शहर देश की पूर्व राजधानी यांगून है, जिसका पूर्व नाम रंगून था।[2]
ပြည်ထောင်စု သမ္မတ မြန်မာနိုင်ငံတော် (Burmese) Pyidaunzu Thanmăda Myăma Nainngandaw देवनागरीकृत : प्रञ्ञ्थोङ्चु सम्मत म्रन्मानिुङ्ङन्तौ Devnãgarisasī: Prānghthongchu Sammát Mṛnmaniunngtaū Īndos gânakaja Myanmarski म्यान्मार संघ गणराज्य |
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राष्ट्रवाक्य: - | ||||||
राष्ट्रगान: काबा मा क्येई | ||||||
राजधानी | नैय्पिडॉ 19°45′N 96°12′E | |||||
सबसे बड़ा नगर | यांगून(रंगून) | |||||
राजभाषा(एँ) | बर्मी | |||||
निवासी | बर्मीस | |||||
सरकार | एकात्मक संसदीय संवैधानिक गणतंत्र |
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- | राष्ट्रपति | यू विन मिंट | ||||
- | राज्य सलाहकार | आंग सान सू की | ||||
- | प्रथम उपराष्ट्रपति | माइंट स्वे | ||||
- | दूसरा उपराष्ट्रपति | हेनरी वैन थियो | ||||
स्थापना | ||||||
- | पैगन साम्राज्य | 23 दिसम्बर 849 | ||||
- | ताउनगो राजवंश | 16 अक्टूबर 1510 | ||||
- | कोनबौंग राजवंश | 29 फरवरी 1752 | ||||
- | ब्रिटिश राज से स्वतंत्रता | 4 जनवरी 1948 | ||||
- | तख्तापलट | 2 मार्च 1962 | ||||
- | नया संविधान | 30 मार्च 2011 | ||||
क्षेत्रफल | ||||||
- | कुल | 6,76,578 km2 (40वाँ) | ||||
- | जल (%) | 3.06 | ||||
जनसंख्या | ||||||
- | जुलाई 2005 जनगणना | 5,05,19,000² (24वाँ) | ||||
- | जुलाई 2009 (अनुमान) जनगणना | 4,81,37,741 | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) | 2005 प्राक्कलन | |||||
- | कुल | $93.77 अरब (59वाँ) | ||||
- | प्रति व्यक्ति | $1,691 (150वाँ) | ||||
मानव विकास सूचकांक (२०१३) | 0.524[1] निम्न · 150वाँ |
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मुद्रा | क्याट (K) (mmK) | |||||
समय मण्डल | MMT (यू॰टी॰सी॰+6:30) | |||||
- | ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | (यू॰टी॰सी॰+6) | ||||
दूरभाष कूट | +95 | |||||
इंटरनेट टीएलडी | .एमएम | |||||
कुछ सरकारें यांगून को देश की राजधानी के रूप में मान्यता देती हैं। इस देश के अनुमान में एड्स से मरने वाले लोगों की संख्या को भी ध्यान में रखा गया है, जिससे जीवन प्रत्याशा में कमी, बाल मृत्यु दर में वृद्धि, जनसंख्या वृद्धिदर में कमी और आबादी की आयु और लिंग में परिवर्तन के वितरण में परिवर्तन नजर आता है। |
बर्मी भाषा में, म्यान्मार को म्यन्मा () या बर्मा () नाम से जाना जाता है। सर्वप्रथम इसकाे ब्रह्मदेश के नाम से जाना जाता था, परंतु बर्मी लाेग 'र' का उच्चारण 'य' करतें हैं, अत: नाम 'बय्मा' हाेकर 'म्यन्मा' हाे गया। ब्रिटिश राज के बाद इस देश को अंग्रेजी में 'बर्मा' कहा जाने लगा। सन 1989 मे देश की सैनिक सरकार ने पुराने अंग्रेजी नामों को बदल कर पारंपरिक बर्मी नाम कर दिया। इस तरह बर्मा को 'म्यान्मार' और पूर्व राजधानी और सबसे बड़े शहर रंगून को यांगून नाम दिया गया।
म्यान्मार दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा देश है, जिसका कुल क्षेत्रफल 6,78,500 वर्ग किलोमीटर है। म्यान्मार विश्व का चालीसवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी उत्तर-पश्चिमी सीमाएँ भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और बांग्लादेश के चटगाँव प्रांत को मिलती है। उत्तर मे देश की सबसे लंबी सीमा तिब्बत और चीन के उनान प्रांत के साथ है। म्यान्मार के दक्षिण-पूर्व मे लाओस ओर थाईलैंड देश है। म्यान्मार की तट रेखा (1,930 किलोमीटर) देश के कुल सीमा का एक तिहाई है। बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर देश के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण में क्रमशः पड़ते है। उत्तर में हेंगडुआन शान पर्वत चीन के साथ सीमा बनाते है।
म्यान्मार में तीन पर्वत शृंखलाएँ है। जो कि हिमालय से शुरु होकर उत्तर से दक्षिण दिशा मे फैली हुई है। इनका नाम है रखिने योमा, बागो योमा और शान पठार। यह शृंखला म्यान्मार को तीन नदी तंत्र मे बाँटती है। इनका नाम है ऐयारवाडी, सालवीन और सीतांग। ऐयारवाडी म्यान्मार कि सबसे लंबी नदी है। इसकी लंबाई 2,170 किलोमीटर है। मरतबन की खाड़ी मे गिरने से पहले यह नदी म्यान्मार के सबसे उपजाऊ भूमि से हो कर गुजरती है। म्यान्मार की अधिकतर जनसंख्या इसी नदी की घाटी मे निवास करती है जो कि रखिने योमा और शान पठार के बीच स्थित है।
देश का अधिकतम भाग कर्क रेखा और भूमध्य रेखा के बीच मे स्थित है। म्यान्मार एशिया महाद्वीप के मानसून क्षेत्र मे स्थित है, सालाना यहाँ के तटीय क्षेत्रों में 5000 मिलीमीटर, डेल्टा भाग में लगभग 2500 मिलीमीटर और मध्य म्यान्मार के शुष्क क्षेत्रों में 1000 मिलीमीट वर्षा होती है।
धरातल के आधार पर इसे चार भागों में बाँटा जा सकता है :
यहाँ की जलवायु उष्णकटिबन्धीय है जिसमें तीन ऋतुएँ होती हैं : प्रथम, वर्षा ऋतु, जो मध्य मई से मध्य अक्टूबर तक रहती है; द्वितीय, ग्रीष्म ऋतु, जो अप्रैल-मई से अक्टूबर या नवंबर तक रहती है। तृतीय, जाड़े की ऋतु, जो दिसंबर से मार्च तक रहती है। मानसून के मौसम में ऊपरी म्यान्मार में 200 इंच था दक्षिण में स्थित रंगून में 100 इंच तक वर्षा होती है। मध्य के शुष्क भाग में 25 से 35 इंच वर्षा होती है। निम्न म्याँमार का जाड़े का ताप 15.5 डिग्री से॰ तथा गरमी का ताप 38 डिग्री सें॰ तक रहता है। मध्य म्यान्मार में गर्मी का ताप निम्न म्यान्मार के जाड़े के ताप से अधिक तथा गर्मी के ताप से कम हो जाता है।
म्याँमार को सात राज्य और सात मंडल मे विभाजित किया गया है। जिस क्षेत्र मे बर्मी लोगों की जनसंख्या अधिक है उसे मंडल कहा जाता है। राज्य वह मंडल है, जो किसी विशेष जातीय अल्पसंख्यकों का घर हो।
मंडल
राज्य
म्यान्मार विश्व के उन तीन देशो में शामिल है, जो अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली का उपयोग नहीं करते है।
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