पाकिस्तान का राजप्रतीकचिन्ह
From Wikipedia, the free encyclopedia
पाकिस्तान के राजप्रतीकचिह्न को सन् १९५४ में पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनाया गया था। इस चिह्न को मूल रूप से कुल चिह्न के रूप में वर्गित किया जा सकता है(उदाहरणस्वरूप: भारत का राष्ट्रप्रतीकचिह्न एक ऐतिहासिक स्तम्भमुकुट है)। यह पाकिस्तानी गणराज्य के आदर्शों को, उस्की वैचाराक नीव को, उस्की अर्थव्यवस्था के मूल्यों को एवं पाकिस्तान की सांस्कृतिक धरोहर और मार्गदर्शक सिद्धांतों को दर्शाता है। इसे पाकिस्तान सरकार के चिह्न के रूप में भी उपयोग किया जाता है।[2] इस चिह्न के मुख्य रूप से चार घटक अंग हैं:
- कलग़ी पर ढाल के शिखर पर हरे रंग में चांद व सितारा का चिह्न
- केन्द्र में चतुरांशी ढाल
- सहायक के रूप में पुष्पमाला एवं
- ढाल के नीचे सूचिपत्र पर ध्ययवाक्य उर्दू में अंकित है[2]
पाकिस्तान का राजप्रतीक चिह्न | |
---|---|
विवरण | |
सामंत | इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान |
अपनाया गया | १९५४[1] |
कलग़ी | चाँद और सितारा(हरे रंग में) |
ढाल | केन्द्र में चतुरांशी ढाल; चारों चौथाइयां चक्र-क्रम में कपास, चायपत्ती, गेहूं एवं पटसन को दर्षाते हैं। |
सहायक | पुष्पमाला |
कम्पार्टमेंट | ढाल को सामर्थ करते सूचीपत्र पर मुहम्मद अली जिन्नाः द्वारा दिया गया राष्ट्रिय ध्येयवाक्य उर्दू में अंकित है |
ध्येयवाक्य |
ایمان، اتحاد، نظم ("आस्था, एकता, अनुशासन") |
पूर्व संस्करण | |
प्रयोग | १९४७-१९५५ |
ढाल के चारों खंडों में नव-स्वतंत्र पाकिस्तान के मुख्य फ़सलों को दर्शित किया गया है। चक्र-क्रम में चारों चौथाइयों में कपास, चायपत्ती, गेहूं एवं पटसन को दर्षित किया गया है। [2] सहायक के रूप में दर्शाइ गइ पुष्पमाला चमेली/जैस्मिन के फूलों की है जिहे पारंपरिक मुग़ल चित्रकला के लैज़े में बनाया गया है। [2] अंततः सूचिपत्र पर अंकित ध्ययवाक्य क़ाएद-ए-आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह द्वारा दिया गया नारा ईमान, इत्तेहाद, नज़म (ایمان، اتحاد، نظم)(आस्था, एकता, अनुशासन) अंकित है जो पाकिस्तान के मार्गदर्शक सिद्धान्त माना जाता है[3][4]