दण्डक वन
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दण्डक वन अथवा दंडकारण्य रामायण में वर्णित एक वन का नाम है। कथा के अनुसार दंडकारण्य विंध्याचल पर्वत से गोदावरी तक फैला हुआ प्रसिद्ध वन है और यहाँ वनवास के समय श्रीरामचंद्र बहुत दिनों तक रहे थे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दंडकारण्य पूर्वी मध्य भारत का एक भौतिक क्षेत्र है। क़रीब 92,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस इलाक़े के पश्चिम में अबूझमाड़ पहाड़ियाँ तथा पूर्व में इसकी सीमा पर पूर्वी घाट शामिल हैं। दंडकारण्य में छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश राज्यों के हिस्से शामिल हैं। इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण तक क़रीब 320 कि.मी. तथा पूर्व से पश्चिम तक लगभग 480 किलोमीटर है।